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प्रधानमंत्री ने पहली राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना जारी की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) जारी की। देश में तैयार की गई इस तरह की यह पहली योजना है।
•    इसका उद्देश्‍य भारत को आपदा प्रतिरोधक बनाना और जन-जीवन तथा संपत्ति के नुकसान को कम करना है। 
•    यह योजना ‘सेनडाई फ्रेमवर्क’ के चार बिन्‍दुओं पर आधारित है। 
•    इनमें आपदा जोखिम का अध्‍ययन, आपदा जोखिम प्रबंधन में सुधार करना, ढांचागत और गैर ढांचागत उपायों के जरिये आपदा जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना तथा आपदा का सामना करने के लिए तैयारी, पूर्व सूचना एवं आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण करना शामिल हैं।
•    योजना के दायरे में आपदा प्रबंधन के सभी चरण शामिल हैं- रोकथाम, जोखिम कम करना, प्रत्‍युत्‍तर तथा बहाली। 
•    योजना के तहत सरकार के समस्‍त विभागों और एजेंसियों के बीच हर प्रकार के एकीकरण का प्रावधान किया गया है। 
•    योजना में पंचायत और शहरी स्‍थानीय निकायों सहित प्रत्‍येक सरकारी स्‍तर पर भूमिका और दायित्‍व के विषय में उल्‍लेख किया गया है। 
•    यह योजना क्षेत्रीय आधार को ध्‍यान में रख कर बनाई गई है जो न सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए बल्कि विकास योजना के लिए भी लाभकारी है।
•    इसका डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि इसे आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में समान रूप से लागू किया जा सकता है। 
•    इसमें पूर्व सूचना, सूचना का प्रसारण, चिकित्‍सा सेवा, र्इंधन, यातायात, खोज, बचाव आदि जैसी प्रमुख गतिविधियों को भी शामिल किया गया है ताकि आपदा प्रबंधन में संलग्‍न एजेंसियों को सुविधा हो सके। 
•    योजना के तहत बहाली के लिए एक आम फ्रेम वर्क भी बनाया गया है। इसके अलावा परिस्थितियों का आकलन करने और बेहतर पुनर्निर्माण के उपायों का भी उल्‍लेख किया गया है।

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किशोर न्याय अधिनियम के मसौदा मॉडल नियमों का विमोचन

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने किशोर न्याय अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मौजूदा नियमों को निरस्त करने के लिए मसौदा मॉडल नियमों का विमोचन किया।
•    मसौदा नियमों में बच्चों की विकास जरूरतों और बच्चों के अनुकूल प्रक्रियाओं का ख्याल रखा गया है। 
•    मसौदा नियमों के अलावा एक व्यापक फार्म भी तैयार किया गया है ताकि मानकीकरण और विहित प्रक्रिया को सरल किया जा सके।
•    नियमों के तहत बच्चों के घर, खुले आश्रय और प्रेक्षण और विशेष घरों के माध्यम से बच्चों के पुनर्वास और पुन: एकीकरण का भी प्रावधान है।
•    नियम एक बहु अनुशासनिक समिति द्वारा तय किए गए हैं जिसमें अध्यक्ष के तौर पर एक वरिष्ठ न्यायाधीश और सदस्यों के रुप में वरिष्ठ अधिवक्ताओं को शामिल किया गया है। 
•    किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्य और मानसिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसमें शामिल हैं।
•    जब किसी बच्चें द्वारा कोई कानून-विरोधी या समाज विरोधी कार्य किया जाता है तो उसे किशोर अपराध या बाल अपराध कहते हैं। 
•    कानूनी दृष्टिकोण से बाल अपराध 8 वर्ष से अधिक तथा 16 वर्ष से कम आया के बालक द्वारा किया गया कानूनी विरोधी कार्य है जिसे कानूनी कार्यवाही के लिये बाल न्यायालय के समक्ष उपस्थित किया जाता है। 
•    भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 (संशोधित 2000) के अनुसर 16 वर्ष तक की आयु के लड़कों एवं 18 वर्ष तक की आयु की लड़कियों के अपराध करने पर बाल अपराधी की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। 

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कैबिनेट ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची को संशोधित करने स्‍वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने पांच राज्‍यों असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन और केन्‍द्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी में नये समुदायों की पहचान के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में कुछ संशोधनों के लिए संसद में दो विधेयकों को प्रस्‍तुत किए जाने को अपनी स्‍वीकृति दे दी है।
  
•    असम - i) बोरो, बोरो कचारी, बोडो, बोडो कचारी, ii) कर्बी(मिकिर)
•    छत्‍तीसगढ़ - iii)भुइन्‍या, भुइयां, भुयां, iv) धनुहार / धनुवार, v) किसान, vi) सौनरा, साओनरा, vii) धनगड
•    झारखंड -  viii)भोगता, देशवारी, गंझू, दौतलबंदी,  (दवालबंदी), पतबंदी, राउत, माझिआ, खैरी (खेरी), ix)  पूरन
•    तमिलनाडु -  x) मलयाली गोंडर, xi) नारिकोरावन,  कुरिविक्‍करन
•    त्रिपुरा - xii) दारलोंग
•    पुद्दुचेरी - xiii) इरूलर (विल्‍ली और वेट्टाइकरण सहित)
•    इस विधेयक के अधिनियम हो जाने के बाद, अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल समुदायों के सदस्‍य मौजूदा योजनाओं के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के लिए मिलने लाभ प्राप्‍त करने में सक्षम हो जाएगें। 
•    इस प्रकार की कुछ प्रमुख योजनाओं में पोस्‍ट मैट्रिक स्‍कॉलरशिप, नेशनल ओवरसीज स्‍कॉलरशिप, शीर्ष स्‍तर की शिक्षा, राष्‍ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्‍त और विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों एवं लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। उपर्युक्‍त के अलावा, वे नौकरियों और शिक्षा संस्‍थानों में आरक्षण के लाभ के लिए भी हकदार होंगे।
•    इसके परिणामस्‍वरूप, झारखंड और केन्‍द्र/राज्‍य की सूचियों के अन्‍य पिछड़े वर्गो (ओबीसी)/अति पिछड़े वर्गो(एमबीसी) के मामले में अनुसूचित जनजाति की सूची में वर्तमान प्रविष्‍टियों में संशोधन किया जाएगा।

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देश की पहली कैपिटल गुड्स नीति को मंजूरी

केंद्र सरकार ने भारत में पहली बार पूंजीगत सामान उद्योग (कैपिटल गुड्स इंडस्ट्री) के लिए नीति का ऐलान किया है। 
•    कैबिनेट ने नेशनल कैपिटल गुड्स पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसका मकसद अगले दस वर्षो में इस उद्योग में निवेश को तीन गुना करने और लगभग सवा दो करोड़ रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
•    कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि इस उद्योग में अभी देश में कैपिटल गुड्स उद्योग का उत्पादन 2.30 लाख करोड़ रुपये है जिसे वर्ष 2025 तक बढ़ा कर 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में नए रोजगार के अवसर बनेंगे।
•    अभी इस उद्योग में तकरीबन 84 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है जबकि इस नीति का मकसद तीन करोड़ लोगों को रोजगार देने की है। 
•    निर्यात के मामले में भी सरकार ने काफी महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखे हैं। 
•    अभी कैपिटल गुड्स उद्योग के कुल उत्पाद का 27 फीसद निर्यात होता है जबकि पॉलिसी कहती है कि इसे बढ़ा कर 40 फीसद किया जाएगा। 
•    यह नीति सरकार की मेक इन इंडिया के तहत ही लागू होगी। 
•    कैपिटल गुड्स उद्योग को बढ़ावा देने से भारत में तेजी से औद्योगिकीकरण को बल मिलेगा।

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त्रिपुरा उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीश की नियुक्ति

गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तिनलियानथांग वैफेई को सोमवार को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई। 
•    एक न्यायिक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत के मुख्य न्यायाधीश की सहमति के बाद इस हफ्ते एक औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा, जिसके बाद न्यायमूर्ति वैफेई (60) संभवत: त्रिपुरा उच्च न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश होंगे। 
•    त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय ने राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में न्यायमूर्ति वैफेई को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री माणिक सरकार, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न दलों के नेता एवं शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। 
•    न्यायमूर्ति वैफेई ने 1980 में मणिपुर में वकालत शुरू की थी। वह जुलाई 2003 में गुवाहाटी उच्च न्यायालय में दीपक कुमार गुप्ता की जगह अतिरिक्त न्यायाधीश बनाए गए थे। गुप्ता तब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। 
•    त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय में वर्ष 2013 में अलग उच्च न्यायालय बना। पहले ये तीनों राज्य गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आते थे। पहले पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय ही था।

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केन्द्र सरकार ने बौद्धिक सम्पयदा अधिकार नीति की घोषणा की

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 12 मई 2016 को राष्ट्रीरय बौद्धिक सम्पवदा अधिकार नीति को मंजूरी दे दी. इस आईपीआर नीति से रचनात्म कता और नवाचार के साथ-साथ उद्यमिता तथा सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
•    इस नीति का उद्देश्यऔ बौद्धिक सम्पवदा अधिकारों के आर्थिक-सामाजिक और सांस्कृषतिक लाभों के बारे में समाज के हर वर्ग में जागरूकता लाना है.
•    वित्तबमंत्री ने कहा कि नई नीति से खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा.
•    औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग बौद्धिक सम्पनदा अधिकार नीति के समन्वयय, क्रियान्‍वयन और विकास के लिए नोडल विभाग होगा.
•    बौद्धिक सम्पवदा अधिकार नीति देश की बौद्धिक सम्प दा के संरक्षण और विकास की रूपरेखा तैयार करेगी.
•    इसके तहत प्रत्ये‍क व्यनक्ति अपने नाम और पहचान से अपनी रचना बेच सकेगा.
•    इस नीति को कारगर ढ़ंग से लागू करने के लिए क्षमता निर्माण की जरूरत है.
•    आईपीआर पॉलिसी से अर्थव्यवस्था का विकास होता है और नए-नए इन्वेगन्शन आते हैं, ट्रेड, कॉमर्स, बिजनेस बढ़ता है.
•    अलग-अलग क्षेत्रों के लिए उनको प्रोत्साहन देने हेतु किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था को आईपीआर सिस्टम उसके कानून, उसकी इन्फोजर्समेंट की मशीनरी ये हमेशा मौजूद रहनी चाहिए.

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दिल्ली में नहीं होगा डीजल टैक्सियों का नया पंजीकरण

उच्चतम न्यायालय ने 10 मई 2016 को राष्ट्रीय राजधानी में डीजल से चलने वाली टैक्सियों के नए पंजीकरण पर प्रतिबन्ध लगा दिया. 
केवल पेट्रोल तथा सीएनजी पर चलने वाली टैक्सियों का ही पंजीकरण किया जाएगा.
•    प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली खंड पीठ ने यह आदेश जारी किया. 
•    सिटी टैक्सियों के सारे पंजीकरण तभी होंगे जब वे सीएनजी या पेट्रोल पर चलाए जाएंगे.
•    शीर्ष अदालत के अनुसार वर्तमान ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट (एआईटीपी) वाले डीजल टैक्सियों को उनके परमिट, जो पांच सालों के लिए जारी किया गया है, के समापन तक राष्ट्रीय राजधानी में चलने की इजाजत दी.
•    इससे पहले न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी तथा एनसीआर में डीजल टैक्सियों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
•    आदेश का पालन करने तथा डीजल टैक्सियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए सरकार जरूरी कानून बनाएगी.
•    नये एआईटीपी परमिट को एआईटीपी-एन के नाम से जाना जाएगा तथा उसके धारक एनसीआर में प्वाइंट टू प्वाइंट सेवाओं के लिए अधिकृत नहीं होंगे.
•    जबकि वर्तमान एआईटीपी को एनसीआर में प्वाइंट टू प्वाइंट सेवा के लिए ‘एआईटीपी-ओ’ परमिट के रूप में बदला जाएगा जैसा कि बीपीओ कंपिनयों में उपयोग में आने वाले परमिट वाहन हैं.

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विशेष निधि बनाने के लिए पूरक वनरोपण निधि विधेयक

लोकसभा ने बहुचर्चित पूरक वनरोपण निधि विधेयक, 2015 को पारित कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर एवं राज्यों में पूरक वनरोपण निधि स्थापित करने के लिए इस विधेयक की जरूरत है। 
•    सांसदों ने पार्टी स्तर से ऊपर उठकर इस विधेयक का समर्थन किया था। 
•    इस विधेयक से वनभूमि के लिए करीब 41 हजार करोड़ रुपये निश्चित की गई राशि के इस्तेमाल का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जो खर्च नहीं हो पाने की वजह से इसी तरह पड़ा हुआ है। 
•    वनरोपण कार्यक्रम की विशेषता जनभागीदारी, सामाजिक अंकेक्षण होगी और किसी तरह का विस्थापन नहीं होगा।
•    विदेशी पौधों के अलावा स्थानीय प्रजातियों पर जोर दिया जाएगा।
•    इस निधि से क्षतिपूरक वनरोपण को प्रोत्साहन मिले। राष्ट्रीय निधि में इसकी 10 फीसदी राशि मिलेगी, जबकि 90 फीसदी राशि राज्य निधि में जाएगी। 
•    इन राशियों को मुख्य रूप से वन आच्छादित क्षेत्र को हुए नुकसान की भरपाई के लिए वन लगाने पर, वन के पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार, वन्यजीव संरक्षण और संरचनागत विकास पर खर्च किया जाएगा।
•    पूरक वनरोपण निधि विधेयक से बनने वाले नए कानून के प्रावधानों के तहत यह राज्य के लिए केवल वन बजट नहीं । 
•    अन्य सदस्यों के अलावा बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र ने इस विधयेक की सराहना की। 

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केंद्र सरकार ने वाणिज्यिक प्रजनन उद्देश्य हेतु कुत्तों के आयात पर प्रतिबन्ध लगाया

केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल 2016 को वाणिज्यिक प्रजनन के उद्देश्य से उपयोग किये जाने पर कुत्तों के आयात पर प्रतिबन्ध लगाये जाने की अधिसूचना जारी की.
•    ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआई) एवं पीपल फॉर एनिमल्स एवं अन्य समूहों द्वारा इन विदेशी कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबन्ध लगाए जाने की सिफारिश की गयी क्योंकि इससे देश में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही थी.
•    इस याचिका में कहा गया कि विभिन्न विदेशी कुत्ते हैं जो देश की जलवायु के अनुसार स्वयं को ढाल नहीं सकते इनमें सेंट बर्नार्ड्स, साइबेरियन हस्किस, अलास्कन मालामुटेस एवं अन्य प्रजातियां शामिल हैं.
•    इन बहुत सी प्रजातियों को बीमार होने पर इनके मालिकों द्वारा छोड़ दिया जाता है क्योंकि वे इन प्रजातियों की आवश्यकताओं को समझ नहीं पाते.
•    वर्ष 2015 में आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की जिसका शीर्षक था – पशुओं की दुकानें एवं कुत्तों तथा मछलियों के प्रजनन को विनियमित करने की आवश्यकता. इससे केंद्र सरकार को उचित कदम उठाने के लिए बाध्य होन पड़ा.

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अनुसूजित जातियों से जुडा संविधान संशोधन विधेयक पारित

संसद ने आज संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2016 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले की पारित कर चुकी और आज राज्यसभा ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। 

•    केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया जिसमें छत्तीसगढ में कुछ अनूसूचित जातियों के नाम के पर्यावाची शब्द जोडे गये हैं। 
•    हरियाणा में कुछ नयी जातियों में इसमें शामिल किया गया है। 
•    राजस्थान में भी कुछ जातियों को जोडा गया है। केरल में कुछ क्षेत्रों से परिवर्तन शामिल है। 
•    इसके साथ ही ओडिशा में दो जातियों को अनुसूचित जाति की सूची से हटाया गया है। 
•    इस बदलाव के बाद माना जा रहा है की चुनावों में लोगों को रिझाना मौजुदा सरकार के लिए बहुत आसान हो जाएगा . 
•    माना ये भी जा रहा है इसके बाद अरक्ष्ण का फैदा और अधिक लोगों को मिलेगा जिससे लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी 
रूस ने नए वोस्तोचिनी कोस्मोड्रोम से नए राकेट को लांच किया

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