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कैबिनेट ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची को संशोधित करने स्‍वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने पांच राज्‍यों असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन और केन्‍द्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी में नये समुदायों की पहचान के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में कुछ संशोधनों के लिए संसद में दो विधेयकों को प्रस्‍तुत किए जाने को अपनी स्‍वीकृति दे दी है।
  
•    असम - i) बोरो, बोरो कचारी, बोडो, बोडो कचारी, ii) कर्बी(मिकिर)
•    छत्‍तीसगढ़ - iii)भुइन्‍या, भुइयां, भुयां, iv) धनुहार / धनुवार, v) किसान, vi) सौनरा, साओनरा, vii) धनगड
•    झारखंड -  viii)भोगता, देशवारी, गंझू, दौतलबंदी,  (दवालबंदी), पतबंदी, राउत, माझिआ, खैरी (खेरी), ix)  पूरन
•    तमिलनाडु -  x) मलयाली गोंडर, xi) नारिकोरावन,  कुरिविक्‍करन
•    त्रिपुरा - xii) दारलोंग
•    पुद्दुचेरी - xiii) इरूलर (विल्‍ली और वेट्टाइकरण सहित)
•    इस विधेयक के अधिनियम हो जाने के बाद, अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल समुदायों के सदस्‍य मौजूदा योजनाओं के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के लिए मिलने लाभ प्राप्‍त करने में सक्षम हो जाएगें। 
•    इस प्रकार की कुछ प्रमुख योजनाओं में पोस्‍ट मैट्रिक स्‍कॉलरशिप, नेशनल ओवरसीज स्‍कॉलरशिप, शीर्ष स्‍तर की शिक्षा, राष्‍ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्‍त और विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों एवं लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। उपर्युक्‍त के अलावा, वे नौकरियों और शिक्षा संस्‍थानों में आरक्षण के लाभ के लिए भी हकदार होंगे।
•    इसके परिणामस्‍वरूप, झारखंड और केन्‍द्र/राज्‍य की सूचियों के अन्‍य पिछड़े वर्गो (ओबीसी)/अति पिछड़े वर्गो(एमबीसी) के मामले में अनुसूचित जनजाति की सूची में वर्तमान प्रविष्‍टियों में संशोधन किया जाएगा।

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