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प्रसिद्ध संगीत निर्देशक ओमी का निधन

प्रसिद्ध संगीत निर्देशक जोड़ी सोनिक-ओमी के नाम से मशहूर संगीतकार ओम प्रकाश सोनिक का 7 जुलाई 2016 को 77 वर्ष की अवस्था में मुम्बई में निधन हो गया. ओमी उनका उपनाम था.
•    भारतीय संगीतकार सोनिक-ओमी, मास्टर सोनिक (एक अंधे संगीत निर्देशक) अपने जोड़ीदार भतीजे ओमी के साथ मिलकर संगीत देते थे. 
•    इस जोड़ी को हिंदी फिल्म साउंडट्रैक पर अपने काम के लिए जाना जाता था. भक्ति में शक्ति, धर्म, दिल ने फिर याद किया, सावन भादों, आबरू, और रफ़्तार फिल्म में इस जोड़ी ने सबसे मैन भावन संगीत प्रस्तुत किया.
•    पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे, ओमी 1947 में विभाजन के समय  अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गए.
•    सोनिक-ओमी की टीम ने 1950 से लेकर 1980 तक की अवधि में 100 से अधिक हिन्दी फिल्मों में  लिए संगीत दिया.
•    कुछ फिल्मों में इस जोड़ी ने संगीतकार के रूप में काम किया. जो निम्न है.
•    महुआ
•    ट्रक चालक
•    महफ़िल, बेटी
•    धरती की गोद में 
•    धर्म
•    चौकी नंबर 11
1993 में चाचा मास्टर सोनिक की मौत के बाद भी ओमी ने संगीत की रचना जारी रखी. वर्ष 2000 में रिलीज की गयी फिल्म बीवी नं .2 में ओमी ने संगीत का अंतिम ट्रैक दिया. वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे.

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सुपरमैन सीरीज़ की प्रसिद्ध अभिनेत्री नोएल नील का निधन

सुपरमैन सीरीज़ की प्रसिद्ध अभिनेत्री नोएल नील का एरिज़ोना स्थित उनके आवास पर लम्बी बीमारी के बाद 3 जुलाई 2016 को निधन हो गया. वे 95 वर्ष की थीं.
•    टेलीविज़न सीरीज़ में सुपरमैन सीरीज़ में लुइस लेन का महत्वपूर्ण किरदार निभा चुकी नील ने अपने किरदार एवं अभिनय के कारण प्रसिद्धी बटोरी थी.
•    नोएल नील का जन्म 25 नवम्बर 1920 को मिनीपोलिस में हुआ, उनके पिता मिनीपोलिस स्टार ट्रिब्यून में जर्नलिस्ट थे.
•    हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करके उन्होंने कैलिफ़ोर्निया जाकर बतौर गायक की नौकरी की.
•    1940 के दशक में उन्होंने विभिन्न फिल्मों में काम किया लेकिन उनमें उन्हें विशेष प्रसिद्धी प्राप्त नहीं हुई.
•    वर्ष 1948 में नील को कोलंबिया पिक्चर्स से एक टीवी सीरीज़ में काम करने का अवसर मिला जिसमें उन्हें एक ऐसे व्यक्ति की प्रेमिका, लुईस लेन, का किरदार निभाना था जो किसी अन्य ग्रह का था, उसमें असाधारण शक्तियां थी एवं उस पर गोलियों का भी असर नहीं होता था. इस किरदार का नाम सुपरमैन रखा गया.
•    किर्क एलेन ने सुपरमैन का किरदार निभाया जबकि नील ने डेली प्लेनेट में कार्यरत लुईस लेन का किरदार निभाया.
•    यह टीवी सीरीज़ 1958 तक चली, वर्ष 1978 में क्रिस्टोफर रीव बतौर सुपरमैन किरदार में नज़र आये एवं नोएल नील लुईस लेन की मां के किरदार में नज़र आयीं.

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प्रख्यात मराठी साहित्यिक विद्वान डॉ रामचंद्र चिंतामन का निधन

प्रख्यात मराठी साहित्यिक विद्वान डॉ रामचंद्र चिंतामन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया
प्रख्यात मराठी लेखक रामचंद्र चिंतामन धेरे का लंबी बीमारी के बाद 1 जुलाई 2016 को निधन हो गया। वो 86 वर्ष के थे ।
•    धेरे  को लोक साहित्य और महाराष्ट्र की भक्ति परंपरा में उसकी व्यापक अनुसंधान के लिए जाना जाता था।
•    रामचंद्र चिंतामन धेरे  महाराष्ट्र से एक मराठी लेखक थे।
•    वो पुणे जिले के निगडे शहर में पैदा हुए थे ।
•    रामचंद्र ने पुणे विश्वविद्यालय से साहित्य के एक डॉक्टर की उपाधि प्राप्त ।
•    वो मराठी लोक साहित्य और संस्कृति, मराठी साहित्य, महाराष्ट्र में धार्मिक संप्रदायों, और संत कवियों के जीवन पर 100 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं ।
•    उन्होंने कुछ कविताओं और संगीत नाटकों की भी रचना की।
•    श्री विट्ठल:एक महासमन्वय में अपने काम के लिए उन्हें 1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया .
•    उनकी अन्य महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों में से कुछ हैं दक्षिणेचा लोकदेव खंडोबा, मराठी लोक्संस्क्रुतिचे उपासक, गंगाजली और कई अन्य रचनाएँ हैं 

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प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक केजी सुब्रह्मण्यन का निधन

  प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक केजी सुब्रह्मण्यन का 29 जून 2016 को बड़ौदा में निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. सुब्रह्मण्यन की पेंटिंग की प्रदर्शनी इन दिनों बिहार ललित कला अकादमी की आर्ट गैलरी में चल रही है.
•    सुब्रह्मण्यन अपने चित्रकारी और लेखन के लिए विश्व भर में मशहूर थे.
•    केजी सुब्रह्मण्यन का जन्म 1924 में केरल में हुआ था.
•    उन्होंने मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की.
•    उन्होने देश के स्वतंत्रता संघर्ष में भी हिस्सा लिया और जेल गये.
•    वडोदरा की एम एस यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट्स फैकल्टी में वो 1961 से 1982 के बीच कला शिक्षक रहे.
•    उन्होंने शांतिनिकेतन में कला की पढ़ाई की.
•    वर्ष 2012 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया.

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नागा विद्रोही नेता इसाक चिशी स्वू का निधन

नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) के सह-संस्थापक इसाक चिशी स्वू का 28 जून 2016 को नई दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया. 
•    वे 85 वर्ष के थे. 
•    नागालैंड की सुमी जनजाति से ताल्लुक रखने वाले स्वू नागालैंड के ज़ुनहेबोटो जिले के रहने वाले थे. 
•    वर्ष 1950 में उन्होंने नागा-नेशनल काउंसिल ज्वाइन की एवं इस संगठन में विभिन्न पदों पर आसीन रहे.
•    शिलांग एकॉर्ड के विपरीत उन्होंने 1980 में एनएससीएन-आईएम का गठन किया. उन्होंने नागा शांति के लिए विशेष प्रयत्न किये.
•    कई वर्षों से इसाक द्वारा गठित समूह पर हत्या, फिरौती और दूसरी विध्वंसक गतिविधियों के आरोप लगते रहे. 
•    वर्ष 1997 में एनएससीएन-आईएम का केंद्र सरकार के शांति के लिए संघर्ष विराम हुआ और इसके बाद यह समूह सरकार के साथ बातचीत करता आ रहा था.
•    वर्ष 2015 के अगस्त माह में इस समूह ने सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागालैंड में शांति स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया था.

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मलयालम थियेटर कलाकार कवलम नारायण पाणिकर का निधन

मलयालम थियेटर के दिग्गज कलाकार कवलम नारायण पाणिकर का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा। 
•    उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण रविवार रात को उनका निधन हो गया था। वह 88 वर्ष के थे।
•    उनका अंतिम संस्कार अलप्पुझा जिले में उनके गृह नगर कवलम में मंगलवार को किया जाएगा। राज्य सरकार उन्हें राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रही है। विभिन्न हस्तियों ने कवलम के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
•    मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रंगकर्मी को ऐसे कलाकार के रूप में वर्णित किया है, जो हमेशा इस क्षेत्र में प्रयोग करने के लिए तैयार रहे। विजयन ने कहा, ‘उनके निधन से इस क्षेत्र में बड़ा शून्य पैदा हो गया है, जिसमें उन्होंने महारत हासिल की। यह केरल के लिए एक अपूरणीय क्षति है।’
•    कवलम हालांकि पेशे से वकील थे, लेकिन उन्हें अपने पसंदीदा क्षेत्र रंगमंच में काफी योगदान दिया। 1961 में केरल संगीत नाटक अकादमी के सचिव नामांकित किए जाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह नाटककार, थियेटर निर्देशक, कवि और संगीतकार थे।
•    अपने लंबे करियर में उन्होंने संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप हासिल की थी और उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने मलयालम भाषा में 26 से भी ज्यादा नाटक लिखे। वह थियेटर समूह ‘सोपानम’ और यहां स्थित ‘सेंटर फॉर परफॉर्मिग आर्ट्स’ के संस्थापक निर्देशक भी थे।

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क्विज पायनियर नील ओ ब्रायन का निधन

भारत में क्विज के पायनियर और एंग्लो इंडियन समुदाय के नेता नील ओ ब्रायन का शुक्रवार को कोलकाता में निधन हो गया। 
•    उनके बेटे और तृणमूल कांग्रेस से सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने यह जानकारी दी। वह 82 साल के थे। ब्रायन के परिवार में उनकी पत्नी जॉयस और तीन बेटे डेरेक, एंडी और बैरी हैं।
•    डेरेक ओ ब्रायन ने अपने ट्वीट में कहा, 'यह मेरा अब तक का सबसे दुखद ट्वीट है। मेरे पिता नील ओ ब्रायन नहीं रहे। कोलकाता स्थित घर में उनका निधन हो गया। वह क्विज के पायनियर, आईसीएसई के पूर्व प्रमुख, एंग्लो इंडियन समुदाय के आदर्श और शिक्षाविद थे।'
•    लोकसभा के पूर्व सदस्य नील ओ ब्रायन पश्चिम बंगाल में तीन बार एंग्लो इंडियन समुदाय के तहत मनोनीत विधायक भी रहे। 
•    वह एक जाने-माने शिक्षाविद थे। 
•    वह काउन्सिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस :सीआईएससीई: के अध्यक्ष और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, इंडिया के प्रबंध निदेशक भी रहे। 
•    एंग्लो इंडियन समुदाय के नेता के तौर पर वह ऑल-इंडिया एंग्लो इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष और फ्रैंक एंथनी समूह के स्कूलों के अध्यक्ष थे।

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असम पीसीसी के अध्यक्ष अंजन दत्ता का निधन

असम प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के अध्यक्ष अंजन दत्ता का 16 जून 2016 को हृदयघात के कारण नई दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया. वे 64 वर्ष के थे.
•    दत्ता ने अपने राजनैतिक करियर में विभिन्न उपलब्धियां हासिल कीं.
•    वर्ष 1952 में जन्में दत्ता ने जल्द ही राजनीति में भाग लेना आरंभ कर दिया था.
•    वर्ष 1988 में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा राज्य युवा कांग्रेस की अगुवाई करने के लिए चयनित किया. दिसम्बर 2014 में राहुल गांधी द्वारा उन्हें पीसीसी की अध्यक्षता करने के लिए चुना गया.
•    वे सिवसागर जिले की अमगुरी सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव जीते.
•    वर्ष 1985 एवं 1996 में कांग्रेस की राज्य में हार के बाद दत्ता ने ही राज्य में पार्टी का नेतृत्व किया.
•    वे पूर्वोत्तर यूथ कांग्रेस समन्वय समिति के भी अध्यक्ष रहे.
•    तरुण गोगोई की पहली केबिनेट (2001-2006) में वे मंत्री रहे एवं उन्हें राज्य में घटती राज्य परिवहन व्यवस्था को फिर से सुचाररु करने का श्रेय जाता है.
•    वे 1991 में हितेश्वर सैकिया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री पद पर रहे.
वे लेखन कार्य में भी रुचि रखते थे, उन्होंने मासिक पत्रिका ‘अनुभूति’ एवं दैनिक समाचार पत्र ‘अजिर दैनिक बातोरी’ की भी शुरुआत की.

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वयोवृद्ध हिंदी साहित्यकार मुद्राराक्षस का निधन

हिंदी के प्रसिद्ध लेखक एवं साहित्यकार मुद्राराक्षस का लंबी बीमारी के बाद 13 जून 2016 को लखनऊ में निधन हो गया. वे 82 वर्ष के थे.
वे सांप्रदायिकता, जातिवाद, महिला उत्पीड़न जैसे गंभीर मुद्दों पर अपने ज्वलंत विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे.
उन्होने बीस से ज्यादा नाटकों का सफल निर्देशन, कई नाटकों का लेखन, बारह उपन्यास, पांच कहानी संग्रह, तीन व्यंग्य संग्रह, इतिहास सम्बन्धी तीन पुस्तकें और आलोचना सम्बन्धी पांच पुस्तकें लिखीं.
उनकी विभिन्न रचनाएं एवं उपन्यास अविस्मरणीय एवं संकलन योग्य कृतियां हैं जिनमे आला अफसर, कालातीत, नारकीय, दंडविधान, हस्तक्षेप आदि मुख्य रूप से शामिल हैं.
•    उनका जन्म 21 जून 1933 को लखनऊ के बेहटा गांव में हुआ था.
•    उनका मूल नाम सुभाष चन्द्र था. 
•    लखनऊ में ही शिक्षा प्राप्त करने वाले मुद्राराक्षस बाद में कलकत्ता से निकलने वाली पत्रिका ज्ञानोदय के संपादक भी रहे.
•    उन्होंने तमाम प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं का लम्बे समय तक सम्पादन भी किया.
•    वे 15 वर्षों से भी अधिक समय तक आकाशवाणी में संपादक (स्क्रिप्ट्स) और ड्रामा प्रोडक्शन ट्रेनिंग के मुख्य संचालक रहे.
•    उनकी प्रमुख रचनाओं में आला अफसर, कालातीत, नारकीय, दंड विधान और हस्तक्षेप शामिल हैं. 
•    उन्हें साहित्य नाटक अकादमी, साहित्य भूषण, दलित रत्न और जन सम्मान जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

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वरिष्ठ पत्रकार इंद्र मल्होत्रा का निधन

वरिष्ठ पत्रकार इंद्र मल्होत्रा का लम्बी बीमारी के बाद 11 जून 2016 को निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे.
•    मल्होत्रा वर्ष 1965 से 1971 तक द स्टेट्समैन में रेजिडेंट एडिटर पद पर कार्यरत रहे.
•    वर्ष 1965 से 1978 तक वे राष्ट्रीय संवाददाता भी रहे.
•    वर्ष 1978 से 1986 तक वे टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एडिटर (सम्पादक) पद पर कार्यरत रहे.
•    1986 से वे विभिन्न दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं स्तम्भ लिखने लगे.   
•    वर्ष 1991 में उन्होंने इंदिरा गांधी की जीवनी लिखी.
•    वर्ष 2013 में उन्हें रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
•    राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जाने माने पत्रकार इंद्र मल्होत्रा के निधन पर गहन शोक जताया है।
•    राष्ट्रपति ने अपने शोक संदेश में कहा, “ अग्रणी पत्रकार इंद्र मल्होत्रा के निधन पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। 
•    देश ने अपने पेशे में दूसरों के लिये रोल मॉडल के रूप में माने जाने वाला पत्रकार खो दिया।”

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