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भारत और मॉरिशस ने परम्परागत औषधि और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता

उपरोक्त समझौता ज्ञापन पर आयुष (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीपद यस्सो नाइक की हाल में की गई मॉरिशस यात्रा के दौरान सहमति बनीं थी.
•    भारत एवं मॉरिशस के बीच परम्परागत औषधि और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता से स्वास्थ्य एवं औषधि की परम्परागत प्रणाली के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. 
•    दोनों देशों में विशिष्ट ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के कारण पहले से ही यह परम्परा साझी है. इस समझौता ज्ञापन में विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, परम्परागत औषधीय पदार्थों की आपूर्ति, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास तथा दोनों देशों में स्वास्थ्य और औषधि की परम्परागत प्रणालियों की मान्यता शामिल हैं. 
•    इसका उद्देश्य आयुष के तहत आने वाली विभिन्न भारतीय परम्परागत प्रणालियों को बढ़ावा देना और उन्हें लोकप्रिय बनाना भी है.
•    यह समझौता दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है.
•    आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) ने औषधि की भारतीय प्रणालियों का वैश्विक रूप से प्रचार करने के उद्देश्य से चीन, मलेशिया, त्रिनिडाड टोबेगो, हंगरी, बांग्लादेश और म्यांमार के साथ समझौता ज्ञापन किए हैं. अनुसंधान, प्रशिक्षण पाठयक्रम, बैठकें और विशेषज्ञों की प्रति नियुक्तियों के लिए आवश्यक वित्ती्य संसाधनों का व्य्य आयुष के लिए वर्तमान में आवंटित बजट और वर्तमान योजनाओं से पूरा किया जाएगा.

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साल्सा संगीत के अग्रदूत इस्माइल क्विंटाना का निधन

पोर्टोरिका के संगीतकार और गायक इस्माइल क्विंटाना का 16 अप्रैल 2016 को संयुक्त राज्य अमेरिका के कोलोराडो में निधन हो गया. उन्हें सांस संबंधी बीमारी थी. वे 78 वर्ष के थे.
•    वे साल्सा संगीत के दिग्गज थे और अपने पोर्टो रिको, अडोराकियन, नो सी कंपारा और मेस्त्रा रुमबेरो जैसे हिट्स के लिए जाने जाते थे.
•    उनका जन्म पॉन्से में हुआ था और अपने करिअर की शुरुआत में क्वार्डटेट्स औऱ सेक्स्टेट्स बजाते थे. 1960 में ऑर्क्वेस्चा ला पर्फेक्टा में उन्होंने पोर्टे रिको की एडी पालमेरी के साथ जोड़ी बनाई.
•    फिर भी विशेषज्ञ उन्हें साल्सा के अफ्रिकी– कैरेबियाई धुनों के साथ बने रहने का श्रेय देते हैं. 1960 के दशक के आखिर में फानिया ऑल– स्टार्स को भी दर्शकों ने बहुत पसंद किया था.
•    साल्सा लातिन लय का एक मिश्रण है लेकिन इसमें क्यूबा और पोर्टो रिको का संगीत अधिक होता है. 1960 और 1970 के दशक के आखिर में न्यूयॉर्क सिटी में इसने अपने पैर जमाने शुरु किए थे.

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आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों पर सार्वजनिक जैव–सुरक्षित जानकारी प्रदान करें : केंद्रीय सूचना आयोग



1 अप्रैल 2016 को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने जीईएसी को आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (जीएमओ) पर गैर– गोपनीय जैव– सुरक्षा जानकारी को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है.
इस निर्देश का उद्देश्य नियामक अनुमोदन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और जीएम सरसों प्रजाति– DMH11 समेत पाइपलाइन में सभी जीएमओ पर इसे लागू करना है.
निर्देशों के अनुसार जीएमओ को सर्वोच्च नियामक निकाय, आनुवंशिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी), को सभी प्रासंगिक आंकड़ों को 30 अप्रैल 2016 तक सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमन) में लाना होगा.
बौद्धिक संपदा आंकड़ा को सार्वजनिक करने से छूट दी गई थी.
• दिल्ली विश्वविद्यालय का सेंटर फॉर जेनेटिक मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स (सीजीएमसीपी) पिछले कुछ वर्षों से सरसों की जीएम प्रजाति– DMH11 को विकसित करने में लगा है.
• वर्ष 2014 और 2015 में फसल विकसित करने वालों ने क्षेत्र परीक्षण करने के लिए जीईएसी से अनुमति लेने के लिए दो अलग– अलग डोजियर प्रस्तुत किए.
• जीएम सरसों के नियामक मंजूरी का विरोध करते हुए अलायंस फॉर सस्टेनेबल एंड हॉलिस्टिक एग्रीकल्चर ने सूचना के अधिकार 2005 के तहत अनुरोध किया और जैव–सुरक्षा डोजियर की प्रति की मांग अधिकारियों से की.
• याचिकाकर्ताओं की दलील है कि इस प्रकार बनाए गए जीएम बीजों की स्थिरता सरसो की मौजूद प्रजातियों की तुलना में अच्छी नहीं हैं और DMH11 को बढ़ावा देने के लिए बीज विकसित करने वाले और जैवप्रौद्योगिकी नियामकों ने सांठगांठ की है.
• लेकिन अधिकारियों ने सीजीएमसीपी के वाणिज्यिक गोपनीयता के उल्लंघन का हवाला देते हुए ऐसी जानकारी मुहैया कराने से इनकार कर दिया.
• इसी बात पर न्याय के लिए याचिकाकर्ताओं ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था. 
• जीएमओ को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं– वैसे पौधे, पशु या सूक्ष्म जीव जिनमें आनुवंशिक सामग्री (डीएनए) में इस प्रकार बदलाव किया गया हो जो संभोग या प्राकृतिक पुनर्संयोजन द्वारा प्राकृतिक तरीके से नहीं हो सकता, को आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव कहते हैं.
• जीएम भोजन उत्पादित किए जाते हैं और इनका विपणन होता है क्योंकि इनमें उत्पादक या उपभोक्ता के लिए इन भोजनों से कुछ कथित लाभ मिलता है.
• यह किसी उत्पाद से कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाना ( स्थायित्व या पौष्टिकटता) या दोनों ही दे सकता है.
• हालांकि पर्यावरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, लागत– लाभ विश्लेषण, प्रौद्योगिकी बाधाएं, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एकाधिकार आदि समेत कई आधारों पर जीएमओ की काफी आलोचना की गई है.
• हाइब्रिड प्रजातियां आम तौर पर अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती हैं लेकिन किसानों को हर वर्ष बीज कंपनियों के पास ताजे बीज खरीदने के लिए जाना अनिवार्य बना देती हैं.
इसे दिल्ली विश्वविद्यालय के आनुवंशिकीविद् दीपक पेंटल ने राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड और जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से विकसित किया है.
 • इसमें सॉयल बैक्टेरियम (मृदा जीवाणु) से लिए गए जटिल जीनों का प्रयोग किया गया है जो बीज विकसित करने वालों को सरसों के हाइब्रिड प्रजातियों को विकसित करना आसान बना देता है.यह आम तौर पर स्व परागण पौधों के माध्यम से.
• इस नई प्रजाति के मौजूदा प्रजातियों की तुलना में उपज में 25 फीसदी की बढ़ोतरी करने की संभावना है. 
• पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के अधीन यह भारत की सर्वोच्च नियामक संस्था है.
• पर्यावरण की दृष्टिकोण से अनुसंधान एवं औद्योगिक उत्पादन में खतरनाक सूक्ष्मजीवों और आनुवंशिक सामग्री के टुकड़ों (recombinants) के बड़े पैमाने पर उपयोग संबंधी गतिविधियों की मंजूरी के मामलों पर गौर करता है.
• यह क्षेत्र परीक्षण प्रयोगों समेत पर्यावरण में आनुवंशिक रूप से इंजीनियर किए गए जीवों और उत्पादों को जारी करने संबंधी प्रस्तावों के मंजूरी के लिए भी जिम्मेदार होता है.
• फिलहाल जीएम कॉटन एक मात्र जीएम फसल है जो किसानों के खेतों में वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध है.
• वर्ष 2002 में भारत में आने के बाद से इसकी मात्रा इतनी बढ़ी की जीम– फसल उत्पादक की सूची में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के बाद विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया.
• जुलाई 2014 में भारत ने जीएम चावल, सरसों, कपास, चना और बैंगन के क्षेत्र परीक्षण को हरी झंडी दे दी है.

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मानव तस्किरी की रोकथाम हेतु भारत और यूएई के बीच समझौते को मंजूरी

केन्द्री य मंत्रिमंडल ने मानव तस्किरी की रोकथाम हेतु भारत और यूएई के बीच समझौते को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 अप्रैल 2016 को भारत और संयुक्तअ अरब अमीरात के बीच मानव तस्केरी रोकने के सहयोग समझौते को मंजूरी दे दी.
इससे दोनों देशों के बीच विशेषकर महिलाओं और बच्चों1 की तस्क री की रोकथाम, बचाव और उनके प्रत्योर्पण की प्रक्रिया आसान हो जायेगी.

•    एक अन्यद फैसले में दक्षिण एशिया वन्यच जीव नेटवर्क आचार व्युवस्थाथ को भारत ने मंजूरी दे दी है.
•    इससे सदस्य् देशों के साथ वन्यए जीवों के सीमा पार तस्कारी पर नियंत्रण संभव हो सकेगा.
•    2001 से जून 2013 तक राज्य में मानव तस्करीके 254 मामले दर्ज़ किए गए हैं. ये रिपोर्ट झारखंड सीआईडी की है. अब तक 179 मामलों में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किए हैं. लेकिन अभी भी 66 मामले लंबित हैं.
•    अधिकतर मामलों में एक से ज़्यादा बच्चों को बाहर ले जाने की प्राथमिकी दर्ज़ की गई है. साल दर साल दर्ज़ मामलों की संख्या बढ़ रही है.
•    साल 2001 में राज्य भर में मानव तस्करी के सिर्फ़ दो मामले दर्ज़ किए गए थे. वहीं 2012 में यह तस्करी के मामलों की संख्या बढ़कर 76 हो गई. इस साल जून के आख़िर तक 48 मामले विभिन्न ज़िलों में दर्ज़ किए गए हैं.
•    मानव तस्करी के सबसे ज़्यादा मामले जनजातीय बहुल इलाके राँची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, साहेबगंज में दर्ज किए गए हैं. झारखंड की सीआईडी रिपोर्ट के मुताबिक़ पुलिस ने अब तक 444 युवक-युवतियों को महानगरों से मुक्त कराया है.

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रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बनीं दीपा

त्रिपुरा की जिमनास्ट दीपा करमाकर ने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इसके साथ ही वह रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बन गई हैं।
•    22 वर्षीय दीपा ने 52.698 अंक के साथ रियो ओलंपिक में जगह बनाने में कामयाब रहीं। अपने पहले इवेंट में दीपा ने प्रोडुनोवा वाल्ट में 15.066 अंक हासिल किए जो इस इवेंट में हिस्सा ले रही 14 प्रतिभागियों में सबसे अधिक था। 
•    हालांकि, अन्य इवेंट में उनका प्रदर्शन बेहतर नहीं होने की वजह से उन्हें नीचे से दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। 
•    प्रोदुनोवा वाल्ट को महिला आर्टिस्टिक जिमनास्टिक में सबसे कठिक इवेंट माना जाता है।
•    दीपा ने बीम और फ्लोर अभ्यास में 13.366 और 12.566 अंक हासिल किए जिसकी वजह से वह ओलंपिक में जगह बनाने में कामयाब रहीं।
•    पिछले साल नवंबर में विश्व जिमनास्टिक प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से दीपा ओलंपिक के लिए क्वालीफाईंग अंग हासिल नहीं कर पाई थीं लेकिन इस बार उन्होंने अपने हाथ से मौका जाने नहीं दिया।

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हीरो ग्रुप के सह-संस्थापक सत्यानंद मुंजाल का निधन

हीरो साइकिल ग्रुप के सह-संस्थापक, सत्यानंद मुंजाल का 14 अप्रैल 2016 को लुधियाना स्थित मॉडल टाउन में निधन हो गया. वे 99 वर्ष के थे.उन्हें महात्मा सत्यानंद मुंजाल के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि वे आर्य समाज से सम्बंधित विभिन्न सामजिक उत्थान कार्यो से जुड़े थे. 
सत्यानंद ने अपने तीन भाइयों ओम प्रकाश मुंजाल, बृजमोहन लाल मुंजाल एवं दयानंद मुंजाल के साथ मिलकर हीरो ग्रुप की स्थापना की. वे वर्तमान पाकिस्तान में स्थित कमालिया नामक छोटे शहर के रहने वाले हैं.
उन्होंने हीरो साइकिल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में कार्य किया.
सत्यानंद मुंजाल परोपकारी कार्यों जैसे बहादुर चंद मुंजाल (बीसीएम) आर्य स्कूल, हीरो डीएमसी हृदय संस्थान, दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (डीएमसीएच) के लिए भी जाने जाते हैं.
•    बंटवारे के बाद स्वतन्त्र भारत में, मुंजाल भाइयों ने लुधियाना में वर्ष 1956 में हीरो साइकल्स के नाम से कम्पनी शुरू की.
•    वर्ष 1975 तक हीरो भारत की सबसे अधिक साइकिल बनाने वाली कम्पनी बन गयी जहां प्रतिदिन 7500 साइकिलें बना करती थीं.
•    वर्ष 1984 में हीरो ग्रुप ने जापान की होंडा मोटर्स के साथ गठजोड़ करके हीरो होंडा मोटर्स लिमिटेड की स्थापना की. यह कम्पनी जल्द ही भारत की अग्रणी मोटरसाइकिल निर्माता कम्पनी बन गयी.
•    वर्ष 1986 में हीरो साइकिल प्रतिदिन 18500 साइकिलें बनाता था, जो कि विश्व में सबसे अधिक आंकड़ा है. इसमें 48 प्रतिशत साइकिलें भारत के लिए बनाई जाती थीं. इसे जल्द ही सबसे अधिक साइकिल बनाने वाली कम्पनी के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया.
•    वर्ष 2004 में हीरो होंडा 48 प्रतिशत भारतीय शेयर के साथ विश्व की सबसे अधिक दोपहिया वाहन निर्माता कम्पनी बनी.
•    अगस्त 2011 में हीरो और होंडा पृथक हो गये, दोनों ने अलग होकर हीरो मोटो कोर्प एवं होंडा ग्रुप नाम से कार्य आरंभ किया.

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राफेल नडाल ने गेल मोनफिल्स को हराकर मोंटे कार्लो मास्टर्स ख़िताब जीता


राफेल नडाल ने 17 अप्रैल 2016 को गेल मोनफिल्स को हराकर वर्ष 2016 का मोंटे कार्लो मास्टर्स ख़िताब जीता.नडाल ने 100वां एटीपी मैच खेलते हुए 7-5 5-7 6-0 से फाइनल मुकाबला जीता. यह उनका नौंवां ख़िताब है लेकिन 2012 के बाद पहला एटीपी ख़िताब है.
•    नडाल स्पेन के पेशेवर खिलाड़ी हैं जिनका विश्व में पांचवां रैंक है.
•    उन्होंने 14 ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीते हैं तथा 2008 एकल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता. वे 28 एटीपी वर्ल्ड टूर मास्टर्स जीत चुके हैं जबकि 16 एटीपी वर्ल्ड टूर भी उन्होंने जीते हैं.
•    वर्ष 2010 में वे 24 वर्ष की आयु में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सातवें एवं कम उम्र वाले चौथे खिलाड़ी बने.
•    वे आंद्रे आगासी के बाद दूसरे पुरुष खिलाड़ी हैं जिन्होंने करियर का गोल्डन स्लैम जीता.
•    वर्ष 2014 में फ्रेंच ओपन जीतने पर वे इस ख़िताब को 9 बार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने.
•    वे टेनिस के इतिहास में इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने वर्ष 2005 से 2014 तक लगातार दस वर्ष तक ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीते.
•    मोंटे कार्लो मास्टर्स पुरुषों की एक वार्षिक प्रतियोगिता है जो मोनाको के बॉर्डर पर फ़्रांस में आयोजित की जाती है.
•    यह एटीपी वर्ल्ड टूर मास्टर्स 1000 का ही भाग है.
•    इसे अप्रैल-मई में क्ले कोर्ट में खेला जाता है. 
•    पहली बार इसका आयोजन वर्ष 1897 में हुआ था जबकि वर्ष 1969 में इसे ओपन टूर्नामेंट घोषित किया गया.
•    राफेल नडाल ने 2005 से 2012 तक लगातार आठ बार यह ख़िताब जीता, ऐसा करने वाले वे एकमात्र खिलाड़ी हैं.

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श्रीलंका के प्रसिद्ध स्पिनर रंगना ने ट्वेंटी-20 एकदिवसीय प्रारूप से संन्यास की घोषणा की

श्रीलंका के प्रसिद्ध स्पिनर रंगना हेरथ ने 17 अप्रैल 2016 को ट्वेंटी-20 क्रिकेट के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रारूप से सन्यास लेने की घोषणा की. बाएं हाथ के गेंदबाज रंगना टेस्ट मैचों में खेलते रहेंगे.
•    श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हेरथ अब केवल टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे जो सदैव उनका पसंदीदा रहा है.
•    हेरथ द्वारा भेजे गये पत्र को पढ़कर सुनाते हुए बोर्ड ने कहा, इससे वर्ष 2019 विश्व कप के लिए नए प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर प्राप्त होगा.
•    हेरथ ने वर्ष 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच खेलते हुए 127 रनों में 9 विकेट लिए.  
•    एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 20 रन देकर 4 विकेट हासिल किये जबकि ट्वेंटी-20 में न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ 2014 में 3 रन देकर 5 विकेट लिए.
•    एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय – मैच 71 – विकेट 74 - 25 अप्रैल 2004 को हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ
•    ट्वेंटी-20 – मैच 17 – विकेट 18 - 6 अगस्त 2011 को पल्लेकेल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ

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17 अप्रैल -विश्व हेमोफिलिया दिवस-2016

विश्व भर में 17 अप्रैल 2016 को विश्व हेमोफिलिया दिवस मनाया गया जिसका विषय था, सभी के लिए उपचार.
•    इसका उद्देश्य हेमोफिलिया एवं रक्तस्राव से सम्बंधित अन्य रोगों के प्रति लोगों को जागरुक करना है. इस दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा इस रोग के प्रति लोगों के बीच वार्ता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं तथा जानकारी प्रदान की जाती है.
•    इसकी स्थापना वर्ष 1989 में विश्व हेमोफिलिया फेडरेशन (डब्ल्यूएफएच) के सहयोग से की गयी. दिनांक 17 अप्रैल का चयन डब्ल्यूएफएच के संस्थापक फ्रैंक स्केंब्ल के जन्मदिवस पर सम्मानस्वरूप किया गया.    
•    हेमोफिलिया :
•    यह सबसे पुराना ज्ञात आनुवंशिक रक्तस्राव विकार है जो जीन्स में कमी के कारण होता है.
•    इसमें शरीर में रक्त संचयन नहीं होता तथा लगातार रक्तस्राव होने पर रक्त बहता रहता है.
•    यह परिवार में पिता के हेमोफिलिया द्वारा पीड़ित होने पर संतान में भी फैलता है.
•    हेमोफिलिया दो प्रकार के होते हैं तथा दोनों में ही रक्त स्कंदन की परेशानी रहती है.
•    हेमोफिलिया ए: यह सबसे अधिक पाया जाने वाला हेमोफिलिया है जिसमें स्कन्द की प्रक्रिया VIII (8) बेहद धीमी होती है. यह 5000 से 10000 पुरुषों के बीच एक पुरुष को होती है.
•    हेमोफिलिया बी: यह बहुत कम पायी जाती है जिसमें स्कंदन की प्रक्रिया IX (9) होती है. यह 20000 से 34000 पुरुषों में से किसी एक में पायी जाती है.
•    हेमोफिलिया का रक्त नमूने लेकर तथा उनका उचित परीक्षण करके इसकी जांच की जाती है. इसका पूरा इलाज संभव नहीं है लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है.

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ऑस्ट्रेलिया ने सुल्तान अज़लान शाह हॉकी कप-2016 जीता

ऑस्ट्रेलिया ने 16 अप्रैल 2016 को भारत को 4-0 से हराकर 25वां सुल्तान अज़लान शाह कप जीता. इसका आयोजन इपोह, मलेशिया में किया गया.
•    ऑस्ट्रेलिया द्वारा यह ख़िताब नौंवीं बार जीता गया, इससे पहले उन्होंने वर्ष 2014 में यह ख़िताब जीता था.
•    भारत ने अंतिम बार 2010 में यह ख़िताब जीता था, उस वर्ष भारत एवं दक्षिण कोरिया को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया.
•    ऑस्ट्रेलिया की ओर से सेथॉमस क्रेग एवं गोह्देस ने दो-दो गोल किये. क्रेग ने 25वें एवं 35वें मिनट में गोल किये जबकि गोह्देस ने 43वें एवं 57वें मिनट में गोल किये.
•    वर्ष 2015 के विजेता न्यूज़ीलैण्ड ने इस वर्ष तीसरा स्थान प्राप्त किया.
•    सुल्तान अज़लान शाह कप मलेशिया में खेले जाने वाला वार्षिक अंतरराष्ट्रीय पुरुष हॉकी प्रतिस्पर्धा है.
•    इसका आरंभ वर्ष 1983 में द्विवार्षिक प्रारूप में किया गया.
•    वर्ष 1998 में इसकी प्रसिद्धी एवं मांग देखते हुए इसे वार्षिक प्रतियोगिता घोषित किया गया.
•    इसका नाम मलेशिया के राजा, सुल्तान अज़लान शाह के नाम पर रखा गया.

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