केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मानव तस्किरी की रोकथाम हेतु भारत और यूएई के बीच समझौते को मंजूरी
केन्द्री य मंत्रिमंडल ने मानव तस्किरी की रोकथाम हेतु भारत और यूएई के बीच समझौते को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 अप्रैल 2016 को भारत और संयुक्तअ अरब अमीरात के बीच मानव तस्केरी रोकने के सहयोग समझौते को मंजूरी दे दी.
इससे दोनों देशों के बीच विशेषकर महिलाओं और बच्चों1 की तस्क री की रोकथाम, बचाव और उनके प्रत्योर्पण की प्रक्रिया आसान हो जायेगी.
• एक अन्यद फैसले में दक्षिण एशिया वन्यच जीव नेटवर्क आचार व्युवस्थाथ को भारत ने मंजूरी दे दी है.
• इससे सदस्य् देशों के साथ वन्यए जीवों के सीमा पार तस्कारी पर नियंत्रण संभव हो सकेगा.
• 2001 से जून 2013 तक राज्य में मानव तस्करीके 254 मामले दर्ज़ किए गए हैं. ये रिपोर्ट झारखंड सीआईडी की है. अब तक 179 मामलों में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किए हैं. लेकिन अभी भी 66 मामले लंबित हैं.
• अधिकतर मामलों में एक से ज़्यादा बच्चों को बाहर ले जाने की प्राथमिकी दर्ज़ की गई है. साल दर साल दर्ज़ मामलों की संख्या बढ़ रही है.
• साल 2001 में राज्य भर में मानव तस्करी के सिर्फ़ दो मामले दर्ज़ किए गए थे. वहीं 2012 में यह तस्करी के मामलों की संख्या बढ़कर 76 हो गई. इस साल जून के आख़िर तक 48 मामले विभिन्न ज़िलों में दर्ज़ किए गए हैं.
• मानव तस्करी के सबसे ज़्यादा मामले जनजातीय बहुल इलाके राँची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, साहेबगंज में दर्ज किए गए हैं. झारखंड की सीआईडी रिपोर्ट के मुताबिक़ पुलिस ने अब तक 444 युवक-युवतियों को महानगरों से मुक्त कराया है.





