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पाकिस्तान के इंजमाम-उल-हक होंगे पाकिस्तानी टीम के मुख्य चयनकर्ता

पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक को पाकिस्तान का मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है। इंजमाम अक्टूबर 2015 से अफगानिस्तान की टीम के मुख्य कोच के तौर पर काम कर रहे थे। 

•    उनका अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के साथ दिसम्बर 2016 तक का अनुबंध था। एसीबी के प्रमुख शफीक स्तानिकजई ने शनिवार को कहा था कि वह इंजमाम को रिलीज करने को तैयार हैं।
•    इस पद के मिलने के बाद इंजमाम उल हक ने साफ किया है कि उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे टीम का भाग्य तुरंत बदल जाए। 
•    सोमवार को लाहौर में मीडिया से चर्चा में इंजमाम ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, मजबूत टीम तैयार करने के लिए हमें काफी कुछ करना होगा। सबसे पहले हमें इंग्लैंड दौरे के लिए एक संतुलित और आत्मविश्वास से भरी टीम का चयन करना होगा। पीसीबी ने भरोसा दिया है कि चयन में उसका हस्तक्षेप नहीं होगा।
•    पूर्व दिग्गज बल्लेबाज इंजमाम पाकिस्तानी टीम के साथ पहले भी काम कर चुके हैं, लेकिन चयनकर्ता के रूप में यह उनका पहला अनुभव होगा। वह 2012-13 में टीम के बल्लेबाजी सलाहकार रहे थे। 
•    इंजमाम के अलावा पूर्व टेस्ट खिलाड़ी मोहसिन खान, इकबाल कासिम और मोइन खान भी मुख्य चयनकर्ता पद के दावेदारों में शुमार थे। 
•    इंजमाम की मुख्य चयनकर्ता के रूप में नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तानी क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उनके पूर्व साथी वकार यूनुस ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि शाहिद अफरीदी ने टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। 

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लॉरेउस वर्ल्ड स्पोर्ट्स पुरस्कार 2016

लॉरेउस वर्ल्ड स्पोर्ट्स पुरस्कार 2016  बर्लिन, जर्मनी मे 18 अप्रैल 2016 को प्रदान किए गए. ये पुरस्कार समारोह पहली बार जर्मनी में आयोजित किया गया.
विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिआ के नोवाक जोकोविच को ‘स्पोर्ट्समैन ऑफ दि ईयर’ का लॉरेउस पुरस्कार दिया गया.
•    दूसरी ओर अमेरिका की टेनिस खिलाडी सेरेना विलियम्स को ‘स्पोर्ट्सवुमन ऑफ दि ईयर’ का लॉरेउस पुरस्कार दिया गया.
•    जोकोविच के लिए यह लगातार दूसरा लॉरेउस पुरस्कार था, जबकि सेरेना के लिए यह चौथा लॉरेउस पुरस्कार था.
•    पुरस्कार विजेताओं की सूची:
•    स्पोर्ट्समैन ऑफ दि ईयर: नोवाक जोकोविच, सर्बिया (टेनिस)
•    टीम ऑफ दि ईयर: न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम
•    स्पोर्ट्सवुमन ऑफ दि ईयर: सेरेना विलियम्स, अमेरिका (टेनिस)
•    कमबैक ऑफ दि ईयर: डैन कार्टर, न्यूजीलैंड (रग्बी)
•    ब्रेकथ्रू ऑफ़ द इयर: जॉर्डन स्पिएथ, अमेरिका (गोल्फ)
•    स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ़ द इयर विथ डिसेबिलिटी: डेनियल डायस, ब्राजील (पैरालम्पिक तैराक)
•    एक्शन स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ़ द इयर: जान फ्रोडेनो, जर्मनी (त्रिअठेलेते)
•    स्पोर्ट्स फॉर गुड अवार्ड: मूविंग द गोअल्पोस्ट्स
•    लौरेउस वर्ल्ड स्पोर्ट्स लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड: निकी लौडा, ऑस्ट्रेलिया (पूर्व फार्मूला 1 रेसर)
•    स्पिरिट ऑफ़ स्पोर्ट्स अवार्ड: जोहान क्रुय्फ्फ़, द नीदरलैंड (फुटबॉल)
•    यह वार्षिक पुरस्कार 2000 से लौरेउस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अकादमी द्वारा दिया जाता है.
•    यह अंतरराष्ट्रीय खेलो में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए उल्लेखनीय पुरुषों और महिलाओं को दिया जाता है.
•    यह पुरस्कार 7 श्रेणियों में दिया जाता है.
•    प्रत्येक विजेता को कार्टियर द्वारा तैयार लॉरेउस प्रतिमा दिया जाता है.

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टी एन नैनन को मुंबई प्रेस क्लब में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाज़ा गया

15 अप्रैल 2016 को मुंबई प्रेस क्लब में बिजनेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक और अध्यक्ष टी एन निनान को “रेडइंक अवार्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट इन जर्नलिज्म” के लिए चुना गया .
• पुरस्कार 26 अप्रैल को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
• उन्हें यह पुरस्कार सम्पादकीय नेतृत्व और पत्रकारिता में अपने जबरदस्त योगदान के लिए दिया जा रहा है .
• 'वर्ष का सर्वश्रेष्ठ रेडइंक पत्रकार' पुरस्कार एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक रविश कुमार को दिया जाएगा . उन्हें ये पुरस्कार आम आदमी की चिंता और लगातार अच्छी रिपोर्टिंग के लिए दिया जाएगा।
• रेडइंक पुरस्कार हर साल पत्रकारिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शख्सियत को दिया जाता है . ये पुरस्कार कई श्रेणियों में दिया जाता है जैसे राजनीति, अपराध, स्वास्थ्य और कल्याण, व्यापार, पर्यावरण, मानव अधिकार, फोटोग्राफी, विज्ञान और नवाचार, मनोरंजन और जीवन शैली आदि 
• अतीत में, विनोद मेहता, कुलदीप नैयर, एन राम, मृणाल पांडे और (पिछले साल) डॉ प्रणय रॉय सहित कई दिग्गज पत्रकार इस सम्मान को हासिल कर चुके हैं 

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रूस ने परमाणु हथियार ले जाने वाले मिसाइल का परिक्षण किया

रूसी सेना ने देश के दक्षिणी मास्को क्षेत्र में अपने अभ्यास के हिस्से के रूप में एक परमाणु सक्षम कम दूरी के इस्कंदर एम क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया 

• क्रूज मिसाइल को 15 अप्रैल को आस्ट्राखान मिसाइल परीक्षण रेंज से छोड़ा गया था और प्रक्षेपण के एक वीडियो को 18 अप्रैल को रूस के रक्षा मंत्रालय ने जारी किया । 
• वीडियो में मिसाइल के प्रक्षेपण और अपने लक्ष्य को भेदने की जानकारी देते हुए मंत्रालय ने कहा की लांच की दूरी कुछ 200 किलोमीटर थी। 
• इस्कंदर-एम नाटो द्वारा नामित एसएस -26 स्टोन रूस सामरिक मिसाइल प्रणाली का एक संस्करण है। 
• ये मिसाइल दो प्रकार के हो सकते हैं, अर्ध-बैलिस्टिक और क्रूज .
•    इससे पहले एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए भारत ने भी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम के-4 मिसाइल को अरिहंत पनडुब्बी से लांच कर सफल परीक्षण किया था । 
•    इसकी सबसे खास बात यह थी कि के-4 मिसाइल और अरिहंत पनडुब्बी दोनों को स्वदेश में ही विकसित किया गया है। 
•    के-4 की रेंज 3,500 किलोमीटर है, साथ ही यह दो हजार किलोग्राम गोला-बारूद अपने साथ ले जाने में सक्षम है। बंगाल की खाड़ी में अज्ञात जगह से मिसाइल को लॉन्च किया गया।

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केंद्र सरकार ने अक्षय ऊर्जा के एकीकरण हेतु तकनीकी समिति की रिपोर्ट जारी की

18 अप्रैल 2016 को केंद्रीय बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणनीय ऊर्जा राज्य मंत्री (आईसी) पीयुष गोयल ने नई दिल्ली में बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा के एकीकरण, संतुलन की जरूरत, विचलन निपटान तंत्र (डीएसएम) और संबंधित मामलों पर तकनीकी समिति की रिपोर्ट जारी की.
उन्होनें भारत में सहायक सेवा संचालन की भी शुरुआत की.
• भारत ने 175 गीगावाट की महात्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है .
• अक्षय उर्जा के इस प्रकार की उच्च पैठ और अक्षय ऊर्जा में हितधारकों की चिंताओं को दूर करने के क्रम में विद्युत मंत्रालय, केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (CERC), केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (CEA), अक्षय ऊर्जा समृद्ध राज्य जैसे गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पीजीसीआईएल जैसी विद्युत सुविधाएं, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पोस्को), एनटीपीसी, राजकीय विद्युत कंपनियां और प्राइवेट विद्युत कंपनियां एवं भारतीय मौसमविज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (एनआईडब्ल्यूई), राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान( एनआईएसई), जीआईजेड, अर्नेस्ट एंड यंग आदि के सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया गया .
• समिति ने व्यापक विचार– विमर्श किया और कई कार्यों जैसे परंपरागत उत्पादन में लचीलापन लाना, आवृत्ति नियंत्रण, उत्पादन का भंडारण, सहायक सेवाएं, पूर्वानुमान, समय–सारणी बनाना, विचलन निपटान तंत्र, संतुलन की आवश्यकता, डाटा टेलिमेट्री और संचार, अक्षय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (आरईएमसी), पारेषण प्रणाली आवर्धन और मजबूत बनाने की अनुशंसा के साथ– साथ अक्षय ऊर्जा उत्पादन मोर्चे पर कुछ अनुपालन कार्रवाईयों की भी सिफारिश की.
• समिति ने सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से देश में बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा के एकीकरण की सुविधा हेतु 15 सूत्री कार्ययोजना की सिफारिश की.
• कुछ कार्यों को सीईआरसी, राज्य ऊर्जा नियामक आयोग (एसईआरसी), एनआईडब्ल्यूई और अन्य हितधारकों के सक्रिए सहयोग से पूरा किया जाएगा.
• अंतर–राजकीय निपटान और असंतुलन को दूर करने के लिए नियामक  रूपरेखा को 5 राज्यों में लागू किया जा चुका है.
• पूर्वानुमान, समय–सारणी बनाने और अक्षय ऊर्जा उत्पादकों के लिए असंतुलन निपटान हेतु नियामक रुपरेखा हेतु मॉडल नियम नवंबर 2015 में प्रकाशित किए गए थे और नियमों का मसौदा 6 राज्यों ने प्रस्तुत कर दिया है.
• अन्य राज्य नियम तैयार करने की प्रक्रिया में हैं. अंतर– राज्यीय स्तर पर भंडारों के लिए नियामक रूपरेखा अक्टूबर 2015 में जारी किए गए थे.
• विद्युत मंत्रालय, एमएनआरई, जीआईजेड, पोस्को और राज्य अक्षय ऊर्जा प्रबंधन केंद्रों के कार्यान्वयन हेतु डीपीआर बनाने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं.  दक्षिणी राज्यों के लिए डीपीआर और सदर्न रिजनल लोड डिस्पैच सेंटर का काम अंतिम चरण में है और संयुक्त एनआईटी जल्द ही जारी किया जाएगा.
• योजनाकारों के रूप में सीईए अक्षय ऊर्जा के लिए तकनीकी मानकों और संरक्षण जरूरतों के बारे में निर्देश देंगे. स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर्स (एसएलडीसी) खास कर अक्षय ऊर्जा समृद्ध राज्यों में क्षमता निर्माण पर भी फोकस किया जाएगा.
• रिपोर्ट में माइक्रो– ग्रिड्स, मांग प्रतिक्रिया, प्रोज्यूमर्स, बिजली भंडारण, प्लग–इन हाइब्रिड बिजली वाहन आदि जैसी नई प्रौद्योगिकियों के बारे में भी बात की गई है.
• सभी अनुसंशाओं का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर एकीकरण के बावजूद ग्रिड को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाना है. 
अनुषंगी / सहायक सेवाएं
• एक बिजली के ग्रिड में बुनियादी सेवा बिजली बनाना, बिजली की आपूर्ति करना और उत्पादक के पास से उपभोक्ता तक बिजली पहुंचाना होता है.
• सुरक्षित और विश्वसनीय ग्रिड संचालन के लिए कुछ सिस्टम समर्थित सेवाएं जैसे आवृत्ति और वोल्टेज नियंत्रण की जरूरत पड़ती है.
• ये समर्थन सेवाएं अनुषंगी/ सहायक सेवाएं कहलाती हैं और मूल रूप से सिस्टम ऑपरेटर द्वारा खरीदी और सेवा में लगाई जाती हैं.
• सीमा–शुल्क नीति में संशोधन को भी अधिसूचित कर दिया गया है, जिसमें सहायक सेवाओँ के कार्यान्वयन का प्रावधान है.
• सहायक सेवा संचालनों के कार्यान्वयन की नियामक रूपरेखा को सीईआरसी द्वारा अधिसूचित किया गया है. पॉस्को द्वारा संचालित नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) को सहायक सेवाओँ के कार्यान्वयन हेतु नोडल एजेंसी बनाया गया है.
• देश में यह पहली बार लागू किया जा रहा है और ग्रिड में बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा उत्पादन को शामिल किए जाने पर भी ग्रिड के बेहतर प्रबंधन में मदद करेगा.
• समिति द्वारा किए जा रहे इस पहल से अक्षय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर एकीकरण के बावजूद ग्रिड संचालन को न सिर्फ सुचारू और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है और यह हमारे हरित एवं स्वच्छ पर्यावरण की प्रतिबद्धता को भी पूरा करता है.
• यह कार्बन फुट प्रिंट को कम करेगा और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी मदद करेगा.

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यूरोपियन संघ की संसद ने हवाई यात्रियों के आंकड़े को साझा करने हेतु संयुक्त प्रणाली को मंजूरी दी

14 अप्रैल 2016 को यूरोपीय संसद ने पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के लिए एक संयुक्त प्रणाली को मंजूरी दे दी. इसके बाद ये अधिकारी यूरोपीय संघ से हवाई सफर करने वाले और हवाई सफर से यूरोपीय संघ में आने वाले सभी यात्रियों के एयरलाइन आंकड़ों को प्राप्त कर सकेंगें. संसद में यह प्रस्ताव 179 वोटों के मुकाबले 461 वोटों से पारित हुआ.
•    नई प्रणाली सुरक्षा एजेंसियों को यूरोपीय संघ के देशों से जाने– आने वालों और यूरोपीय संघ के देशों के भीतर हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के आंकड़ों को स्वचालित रूप से संग्रहित करने की अनुमति देगा.
•    यूरोपीयन पैसेंजर नेम रिकॉर्ड (पीएनआर) प्रणाली के निर्माण कार्य में 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमलों के बाद तेजी आई. इसी वर्ष मार्च 22 को ब्रुसेल्स में हुए हमलों ने इसकी तात्कालिकता पर जोर दिया.
•    पीएनआर में नाम, यात्रा की तारीख, यात्रा कार्यक्रम, टिकट का विवरण, संपर्क विवरण, यात्रा एजेंट और भुगतान का तरीका, सीट संख्या और सामान के बारे में जानकारी होगी.
•    आतंकवाद का मुकाबला करने वाले अधिकारी, आंकड़ों के साझा करने से संदिग्ध मार्गों के पता लगाने में आसानी का हवाला देते हुए पैसेंजर नेम रिकॉर्ड्स (पीएनआर) के शुरु किए जाने के लिए कई वर्षों से वकालत करते आ रहे हैं. यूरोपीय संघ के देशों के पास इसे राष्ट्रीय कानून बनाने के लिए दो वर्ष का समय है.

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निको रोसबर्ग ने चीनी ग्रां प्री रेस जीती

फार्मूला-1 रेस में मर्सडीज़ चालक निको रोसबर्ग ने 17 अप्रैल 2016 को शंघाई में आयोजित चीनी ग्रां प्री रेस जीती.
वर्ष 2016 फॉर्मूला वन सीजन में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए निको रोसबर्ग ने चीनी ग्रां प्री ख़िताब जीता. इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और बहरीन में दो रेस जीती थी, यह उनकी लगातार तीसरी जीत है.
रोसबर्ग ने शंघाई इंटरनेशनल सर्किट में फेरारी के सेबेस्टियन वेट्टल और रेड बुल के डेनियल कव्यात को शिकस्त दी. इस रेस में मौजूदा विश्व चैंपियन लुईस हैमिल्टन सातवें स्थान पर रहे.
•    यह रोसबर्ग के करियर का कुल 17वां खिताब है. 
•    वह ड्राइवर तालिका में 75 अंकों के साथ शीर्ष पर चल रहे हैं. 
•    लुइस हैमिल्टन 39 अंकों के साथ दूसरे और रिकॉर्डो 36 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं.
•    रोसबर्ग चैम्पियनशिप में विश्व चैंपियन लुईस हैमिल्टन पर 36 अंक की बढ़त बनाए हुए हैं.

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केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के विदेश व्यापार से संबंधित आंकड़ों को जारी किया

केंद्र सरकार ने 18 अप्रैल 2016 को वित्त वर्ष 2015-16 के विदेश व्यापार से संबंधित आंकड़ों को जारी किया. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2015-16 के विदेश व्यापार से संबंधित आंकड़ों को जारी किया.
•    निर्यात (पुनर्निर्यात भी शामिल)- मार्च, 2016 के दौरान 22718.69 मिलियन अमेरिकी डॉलर (152264.96 करोड़ रुपये) मूल्या की वस्तुओं का निर्यात किया गया, जो मार्च 2015 में हुए निर्यात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 5.47 फीसदी कम है और रुपये के लिहाज से 19.20 फीसदी कम है. इसी तरह अप्रैल-मार्च, 2015-16 के दौरान कुल मिलाकर 261136.80  मिलियन अमेरिकी डॉलर (1708841.43 करोड़ रुपये) मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुए निर्यात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 15.85 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि और रुपये के लिहाज से 9.89 फीसदी नकारात्मक वृद्धि है.
•    आयात- मार्च, 2016 के दौरान 27789.56 मिलियन अमेरिकी डॉलर (186250.88 करोड़ रुपये) मूल्या की वस्तुओं का आयात किया गया, जो मार्च 2015 में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 21.56 फीसदी कम और रुपये के लिहाज से 15.82 फीसदी कम है. इसी तरह अप्रैल-मार्च, 2015-16 के दौरान कुल मिलाकर 379596.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2481367.22 करोड़ रुपये) मूल्य  की वस्तुओं का आयात किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुए आयात के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 15.28 फीसदी नकारात्मक है, जबकि रुपये के लिहाज से 9.34 फीसदी नकारात्मक है.
•   कच्चे  तेल एवं गैर-तेल का आयात- मार्च, 2016 के दौरान 4799.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के तेल का आयात किया गया, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए 7418.5 मिलियन डालर आयात के मुकाबले 35.30 फीसदी कम है. अप्रैल-मार्च 2015-16 के दौरान 82662.26 मिलियन डालर का आयात किया गया जो पिछले साल की समान अवधि में हुए आयात के मुकाबले 40.24 फीसदी कम है.
मार्च 2016 के दौरान 22989.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर- तेल आयात का अनुमान है जो मार्च 2015 में 28010.21 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17.92 प्रतिशत कम है.
•    व्यापार संतुलन- अप्रैल-मार्च, 2015-16 के दौरान व्यापार घाटा 118459.37 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहने का अनुमान है, जो अप्रैल-मार्च 2014-15 में दर्ज किए गए 137694.95 मिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है.

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सुजलान एनर्जी ने पांच सौर कंपनियों का अधिग्रहण किया

प्रसिद्ध उर्जा कंपनी सुजलान एनर्जी ने पांच सौर कंपनियों की अधिग्रहण की 19 अप्रैल 2016 को घोषणा की. 
•    इसके तहत सुजलान एनर्जी ने देश भर की विभिन्न नवीकरणीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पांच छोटी सौर कंपनियों का अधिग्रहण किया.
•    उपरोक्त घोषणा के अनुसार, सुजलान ने गेल सोलरफाम्र्स, टोर्नैडो सोलरफाम्र्स, आभा सोलरफाम्र्स, आलोक सोलरफाम्र्स और श्रेयस सोलरफाम्र्स का अधिग्रहण किया है ताकि महाराष्ट्र की हाल में हासिल 70 मेगावॉट की सौर परियोजनाओं समेत देशभर की विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जा सके.
•    पवन ऊर्जा समाधान प्रदाता इस कंपनी ने कहा कि इन कंपनियों का अंकित मूल्य के आधार पर अधिग्रहण किया गया है और प्रस्तावित सौर परियोजनाओं के लिए इनका उपयोग विशेष उद्देश्य वाली इकाइयों के तौर पर किया जाएगा . 
•    भविष्य में उर्जा संसाधनों की किल्लत को ध्यान में रखते हुए ये कदम काफी सराहनीय और अच्छा है .

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छह मेगा प्रोजेक्ट हेतु 3166 करोड़ रूपये के निवेश की घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 अप्रैल 2016 को छह मेगा प्रोजेक्ट के जरिए कुल 3166 करोड़ रूपये के निवेश की घोषणा की. 
•    इसके तहत प्रदेश में छह मेगा परियोजनाओं के जरिए कुल 3166 करोड़ रुपये का निवेश होगा तथा इन इकाइयों के माध्यम से 11645 लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
•    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन मेगा परियोजनाओं को औद्योगिक निवेश नीति के तहत अगले सात से 10 वर्षो के दौरान 3184 करोड़ रुपये मूल्य की रियायतें/प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. 
•    उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में गठित प्राधिकृत समिति ने इन मेगा परियोजनाओं के प्रस्तावों पर विचार करने के बाद उन्हें औद्योगिक निवेश नीति के तहत रियायतें देने की सिफारिश की थी.
•    उपरोक्त मेगा परियोजनाओं को राज्य सरकार की ओर से स्टांप शुल्क में छूट के अलावा सालाना दो करोड़ रुपये तक की कैपिटल इंट्रेस्ट सब्सिडी व इंफ्रास्ट्रक्चर इंट्रेस्ट सब्सिडी दी जाएगी. 
•    उनके द्वारा अदा किए जाने वाले नियमित कर्मचारियों के भविष्य निधि अंशदान के 50 फीसद हिस्से को तीन साल तक सरकार वहन करेगी.

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