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प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक जिम हैरिसन का निधन

जिम हैरिसन का संयुक्त राज्य अमेरिका के एरिज़ोना राज्य में पेटागोनिया में हृदय गति रुकने के कारण 26 मार्च 2016 को में निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे.
•    हैरिसन एक प्रसिद्ध कथा लेखक, कवि और निबंधकार है और वे 1979 के उपन्यास ‘लेजेंड्स  ऑफ द फॉल’ के लिए  जाने जाते है.
•    उन्हें ‘फोर्स ऑफ़ नेचर’ के नाम से जाना जाता था और उनके कृत्यों की तुलना विलियम फाकनर और अर्नेस्ट हेमिंग्वे से की जाती है.
•    लेखक ने मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से तुलनात्मक साहित्य में 1960 में बी.ए. और 1964 में एम.ए. किया.
•    एक वर्ष तक स्टोनी ब्रूक विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने के बाद, हैरिसन ने एक लेखक के रूप में पूर्णकालिक काम शुरू किया.
•    हैरिसन का काम कई प्रमुख प्रकाशनों में दिखाई दिया जैसे कि द न्यू योर्कर, एस्क्वायर, स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड, रोलिंग स्टोन, आउटसाइड, प्लेबॉय, मेन’स जर्नल और न्यू यॉर्क टाइम्स बुक रिव्यु.
•    उन्होंने उपन्यासो  के कई संग्रह प्रकाशित किये, जिनमें से दो पर अंततः फिल्म बनाए गए. ये फिल्म थे ‘रिवेंज’ और ‘लेजेंड्स ऑफ द फॉल'.

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इसरो की एक अभियान में रिकॉर्ड 22 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने की योजना

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की एक अभियान में रिकॉर्ड 22 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने की योजना है. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से मई 2016 में किया जायेगा.
•    यह प्रक्षेपण यान इसरो के इतिहास में पहली बार 22 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करेगा.
•    ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान, पीएसएलवी C34 भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह कारटोसेट 2सी के अलावा 85 से 130 किलोग्राम के चार माइक्रो उपग्रह और 4 से 30 किलोग्राम के 17 नैनो उपग्रह अंतरिक्ष में लेकर जाएगा. 
•    इस अभियान में 18 विदेशी उपग्रह हैं, जिसमें अमेरिका, कनाडा, र्जमनी और इंडोनेशिया के उपग्रह शामिल हैं. इनमें दो नैनो उपग्रह को पुणे इंजीनियरिंग कॉलेज तथा सत्यभामा विश्वविद्यालय, चेन्नई द्वारा विकसित किया गया.
•    गौरतलब है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पास एक मिशन में सर्वाधिक उपग्रह प्रक्षेपित करने का रिकॉर्ड है. नासा ने वर्ष 2013 में एक अभियान में 29 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया था.
•    मेरीटाइम मोनिटरिंग एंड मैसेजिंग माइक्रोसेटेलाइट (एम3एमसैट): कनाडा के एम3एमसैट माइक्रोसेटेलाइट का उपयोग पृथ्वी की निम्न कक्षा के सिग्नलों के स्वत: पहचान करने में होगा.
•    लापान ए3: इंडोनेशिया के लापान ए3 का उपयोग पृथ्वी एवं चुंबकीय क्षेत्रों की निगरानी में किया जाएगा.
•    बाइरोस: जर्मनी के बाइरोस का उपयोग उच्च ताप पर रिमोट सेंसिंग में होगा.
•    स्काईसैट जेन2-1: अमेरिका के स्काईसैट का इस्तेमाल पृथ्वी की इमेजिंग में किया जाएगा.

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वित्तीय ट्रोजन संक्रमण मामले में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर

भारत वित्तीय ट्रोजन संक्रमण के मामले में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है। इसके तहत साइबर अपराधी ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने वाले ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं।
•    सिमेन्टेक ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत 2014 में 5वें स्थान से 2015 में तीसरे स्थान पर आ गया है।
•    वित्तीय ट्रोजन अब ज्यादा सक्षम हो रहा है और अपराधी संस्थानों को प्रत्यक्ष रूप से निशाना बना रहे हैं, इस मामले में भारत अमेरिका तथा जर्मनी से ही पीछे है।
•    भारत उन देशों की रैकिंग में लगातार आगे बढ़ रहा है जहां वित्तीय ट्रोजन संक्रमण है। जहां 2013 में भारत सातवें स्थान पर था वहीं 2014 में पाचवें तथा 2015 में तीसरे स्थान पर आ गया।
•    ग्राहकों को ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं के ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के लिए वित्तीय ट्रोजन का उपयोग अभी भी साइबर अपराधियों के बीच लोकप्रिय है जिनका ध्यान मुनाफा कमाने पर है।

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भेल ने पश्चिम बंगाल में 40 मेगावाट के पनबिजली संयंत्र का निर्माण पूरा किया

बिजली उपकरण निर्माता कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने पश्चिम बंगाल में तीस्ता नो डैम पनबिजली परियोजना चरण-4 में 40 मेगावाट की दूसरी इकाई का निर्माण पूरा कर लिया।
•    कंपनी ने यह जानकारी 29 मार्च 2016 को दी।
•    पश्चिम बंगाल में तीस्ता नो डैम पनबिजली परियोजना चरण-4 की पहली 40 मेगावाट वाली पनबिजली इकाई का निर्माण पूरा करने के सिर्फ एक महीने के बाद भेल ने इतनी ही क्षमता की एक दूसरी इकाई का निर्माण पूरा किया है।
•    रन-ऑफ-द-रिवर किस्म की यह परियोजना राज्य के दार्जीलिंग जिले में स्थित है। 
•    यह राष्ट्रीय पनबिजली ऊर्जा निगम (एनएचपीसी) की परियोजना है, जिसने चार इकाइयों के इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य का ठेका भेल को दिया था।
•    शेष दो इकाई का काम भी आखिरी चरण में है।
•    इस परियोजना से सालाना 72 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होगी।

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सेर्गेय कार्जाकिन ने विश्व कैंडिडेट शतरंज टूर्नामेंट-2016 जीता

रूस के ग्रैंडमास्टर सेर्गेय कार्जाकिन ने 28 मार्च 2016 को मास्को में आयोजित फीडे विश्व कैंडिडेट शतरंज टूर्नामेंट का ख़िताब जीता.
•    फाइनल राउंड (14वां) में रूसी ग्रैंडमास्टर ने अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारुअना को हराया.
•    कार्जाकिन का अगला मुकाबला विश्व चैंपियन, नार्वे के ग्रैंडमास्टर मैग्नस कार्लसन से होगा. यह मुकाबला नवम्बर 2016 में अमेरिका में आयोजित किया जायेगा.
•    सेर्गेय एलेग्जेंडरोविच कार्जाकिन यूक्रेन में जन्में रूसी ग्रैंडमास्टर हैं.
•    वह विश्व के सबसे कम आयु के ग्रैंडमास्टर रह चुके हैं. उन्होंने 12 वर्ष 7 माह में इस ख़िताब को हासिल किया था.
•    उन्होंने वर्ष 2012 में विश्व रैपिड शतरंज चैम्पियनशिप जीती एवं 2015 में शतरंज विश्व कप जीता.
•    उन्होंने दो बार नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट भी जीता एवं 2009 में कोरुस शतरंज टूर्नामेंट जीता.
•    उन्होंने यूक्रेन के लिए छह तथा रूस के लिए तीन शतरंज ओलंपियाड मुकाबलों में भाग लिया है. इन मुकाबलों में उन्होंने तीन स्वर्ण पदक एवं दो रजत पदक एवं एक कांस्य पदक जीता.
•    अंताल्या में वर्ष 2013 में आयोजित विश्व शतरंज मुकाबले में वे रूसी टीम का भाग थे.

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रक्षा मंत्री ने सोनार डोम को झंडी दिखाकर रवाना किया

29 मार्च 2016 को रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने सोनार डोम को हरी झंडी दिखाकर गोआ से मुंबई में मजगांव के लिए रवाना किया .
•    सोनार डोम को पानी के अन्दर समुंदरी जहाज़ों का आँख और कान कहा जाता है .
•    रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रीकर ने पुणे के डीआरडीओ- अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठाान (इंजीनियर) द्वारा विकसित और डिजाइन किये गये सोनार डोम को हरी झंड़ी दिखाकर  रवाना किया ।
•    सोनार डोम मुंबई के मझगांव गोदी में रखा जायेगा।
•    इस अवसर पर रक्षा विभाग (आर और डी) और डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ. एस क्रिस्टोगफर भी उपस्थित थे .
•    इस डोम का निर्माण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर्स) , डीआरडीओ प्रयोगशाला पुणे और गोवा स्थित कंपोजिट निर्माण कंपनी किनको द्वारा डिजाइन किया गया है ।
•    हर एंटी सबमरीन वारफेयर में सोनार सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है ताकि समुन्द्र के भीतर की गतिविधियों पर नज़र राखी जा सके .

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स्विट्जरलैंड दुनिया की पहली साईबोर्ग ओलंपिक की मेजबानी करेगा

इटीएच जुरिच में स्विस टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अक्तूबर 2016 में जुरिच में साईबोर्ग ओलिंपिक के आयोजन का फैसला किया है .
•    ये खेल केवल विकलांग लोगों क लिए खुला होगा जो साधारण लोगों की तरह काम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का इस्तेमाल करते हैं .
•    इस खेल में रेस का आयोजन किया जाएगा जिसमे लकवा मार चुके लोगों को इलेक्ट्रिक मशीनों के सहायता से  रेस का आयोजन करवाया जाएगा .
•    इसके अलावा जिन लोगों के हाथ नहीं है उन्हें रोबोटिक्स बाहें लगाकर सामान उठाने आदि की प्रतियोगिता करवाई जाएगी .
•    कृत्रिम पैर वाले लोगों के साथ सीढ़ियाँ और पत्थरों पर चलने की प्रतियोगिता की जाएगी .
•    कृत्रिम बाहों वाले लोगों के साथ जार के ढक्कन खोलने के और ब्रेड स्लाइस करने के प्रतियोगिता की जाएगी 
•    जुलाई 2015 में एक टेस्ट इवेंट का आयोजन किया गया जिसमे 80 टीमों ने हिस्सा लिया और यही सभी टीम के खिलाड़ी 2016 के मैं इवेंट में भी खेलेंगे .

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के. दार्शिनी ने स्केटिंग स्पर्धा में रिकॉर्ड स्थापित किया

मार्च 13, 2016 को के दर्शिनी नामक छह वर्षीय भारतीय लड़की ने स्केटिंग स्पर्धा में रिकॉर्ड स्थापित कर दिया। 
•    युवाभारती पब्लिक स्कूल की इस बालिका ने महज 41.03 मिनटों में 10.5 किलोमीटर की स्केटिंग कर यह कर दिखाया।
•    के दर्शिनी ने अद्भुत कारनामा करते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकोर्ड्स तथा एशिया बुक ऑफ रिकोर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा लिया। 
•    उन्होने ‘क्वार्टर स्केटिंग मैराथन’ में जीत हासिल की है। ऐसा करने वाली वे एशिया की पहली बालिका हैं।
•    तमिलनाडु स्पीड स्केटिंग असोशिएशन की महासचिव मुरुगनंदम के अनुसार इस तरह की स्केटिंग स्पर्धा अपने आप में अनोखी है।
•    2014 में भी इस बालिका ने कोयम्बटूर जिला स्तर के स्केटिंग चैंपियनशिप में भी 150 मीटर व 500 मीटर के श्रेणी में जीत हासिल की थी। 
•    दर्शिनी ने पिछले ही महीने गोवा में स्केटिंग स्पर्धा के दौरान स्वर्ण एवं कांस्य पदक अपने नाम किए थे। 

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चीन ने पहले साइबर सुरक्षा संगठन की शुरूआत की

चीन ने बेहतर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा की रक्षा करने और इंटरनेट कंपनियों का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से 25-03-2016 को अपने पहले साइबर सुरक्षा सार्वजनिक संगठन की शुरूआत की।
•    चीन ने इसी साल फरवरी में एक मजबूत इंटरनेट शक्ति बनने की देश की रणनीतिक लक्ष्य को साकार करने के लिए 300 मिलियन युआन ( $ 46 मिलियन ) की एक प्रारंभिक पूंजी के साथ साइबर सुरक्षा के लिए अपनी पहली विशेष कोष का शुभारंभ किया था .
•    साइबर खतरे की बढती घटनाओं के बीच साइबर हमलों और अन्य सुरक्षा स्थितियों से बचने के लिए अब साइबर सुरक्षा का एजेंडा सभी देशों में शीर्ष पर है।
•    दुनियाभर के कंपनियों में से 90 % खुद को साइबर हमलों के खिलाफ खुद कि रक्षा करने की स्थिति में नहीं पाते हैं .
•    भारत ने भी साइबर सुरक्षा के लिए वर्ष 2013 में कई कदम उठाये थे जिससे वायुसेना और नौसेना की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा सके .
 

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एआईसीटीई ने निजी संस्थानों में फीस निर्धारण पर बने पैनल का प्रस्ताव स्वीकारा

एआईसीटीई ने संस्थानों के फीस को सुनिश्चित करने के लिए बनी श्रीकृष्णा समिति की सिफारिशों को अनिवार्य कर दिया है और सभी राज्यों से इसे अगले सत्र में लागू करने को कहा है। 
•    समिति की सिफारिशो के अनुसार दो साल के एमबीए कोर्स की फीस सालाना 1.71 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती जबकि इंजीनियरिंग कोर्स के लिए अधिकतम फीस 1.58 लाख रुपये रखी गई है। अभी कई बड़े प्राईवेट मैनेजमेंट संस्थान इससे कहीं ज्यादा फीस लेते हैं।
•    एआईसीटीई का मकसद शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाना और निजी संस्थानों की मनमानी खत्म करना है। 
•    अगर किसी प्राइवेट मैनेजमेंट या इंजीनियरिंग संस्थान ने ये निर्देश नहीं माने तो एआईसीटीई उनकी मान्यता रद्द कर देगी, ऐसी संस्थाओं के किलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी और इंस्टीट्यूट बंद भी किया जा सकता है। 
•    इन सिफारिशों के लागू होने पर इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मा, टेक्निकल कोर्स की पढ़ाई सस्ती हो जाएगी। गौरतलब है कि आईआईटी, आईआईएम, एम्स और मेडिकल कॉलेज एआईसीटीई के निर्देश के दायरे से बाहर हैं।
•    नामी इंजीनियरिंग स्कूलों में सालाना फीस की बात करें तो मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की फीस है 3 लाख रुपये, बीआईटीएस की सालाना फीस है 3 लाख रुपये एमआईटी पुणे की फीस है 1 लाख रुपये, एनआईटी दिल्ली की फीस है 1 लाख रुपये औक ट्रिपल आईटी हैदराबाद की फीस है 1 लाख रुपये। वहीं आईआईटी की सालाना फीस की बात करें तो आईआईटी मुंबई की फीस है 1.08 लाख रुपये, आईआईटी दिल्ली की फीस है 94 हजार रुपये, आईआईटी कानपुर की फीस है 91 हजार रुपये, आईआईटी खडग़पुर की फीस है 86 हजार रुपये हैं। 

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