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एआईसीटीई ने निजी संस्थानों में फीस निर्धारण पर बने पैनल का प्रस्ताव स्वीकारा

एआईसीटीई ने संस्थानों के फीस को सुनिश्चित करने के लिए बनी श्रीकृष्णा समिति की सिफारिशों को अनिवार्य कर दिया है और सभी राज्यों से इसे अगले सत्र में लागू करने को कहा है। 
•    समिति की सिफारिशो के अनुसार दो साल के एमबीए कोर्स की फीस सालाना 1.71 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती जबकि इंजीनियरिंग कोर्स के लिए अधिकतम फीस 1.58 लाख रुपये रखी गई है। अभी कई बड़े प्राईवेट मैनेजमेंट संस्थान इससे कहीं ज्यादा फीस लेते हैं।
•    एआईसीटीई का मकसद शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाना और निजी संस्थानों की मनमानी खत्म करना है। 
•    अगर किसी प्राइवेट मैनेजमेंट या इंजीनियरिंग संस्थान ने ये निर्देश नहीं माने तो एआईसीटीई उनकी मान्यता रद्द कर देगी, ऐसी संस्थाओं के किलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी और इंस्टीट्यूट बंद भी किया जा सकता है। 
•    इन सिफारिशों के लागू होने पर इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मा, टेक्निकल कोर्स की पढ़ाई सस्ती हो जाएगी। गौरतलब है कि आईआईटी, आईआईएम, एम्स और मेडिकल कॉलेज एआईसीटीई के निर्देश के दायरे से बाहर हैं।
•    नामी इंजीनियरिंग स्कूलों में सालाना फीस की बात करें तो मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की फीस है 3 लाख रुपये, बीआईटीएस की सालाना फीस है 3 लाख रुपये एमआईटी पुणे की फीस है 1 लाख रुपये, एनआईटी दिल्ली की फीस है 1 लाख रुपये औक ट्रिपल आईटी हैदराबाद की फीस है 1 लाख रुपये। वहीं आईआईटी की सालाना फीस की बात करें तो आईआईटी मुंबई की फीस है 1.08 लाख रुपये, आईआईटी दिल्ली की फीस है 94 हजार रुपये, आईआईटी कानपुर की फीस है 91 हजार रुपये, आईआईटी खडग़पुर की फीस है 86 हजार रुपये हैं। 

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