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फोर्ब्स ने एशिया की 50 प्रभावशाली महिला उद्यमियों 2016 की सूची जारी की

फोर्ब्स पत्रिका ने 7 अप्रैल 2016 को एशिया की 50 प्रभावशाली महिला उद्यमियों की सूची (Asia’s 50 Power Businesswomen 2016) जारी की.
इस सूची में 27 नए चेहरे है और यह सूची वर्णानुक्रम में प्रस्तुत की गयी है.
•    सूची के अनुसार, यद्यपि महिलाए व्यापर की दुनिया में पैठ बना रही है, लेकिन लिंग असमानता अभी भी बनी हुई है.
•    2016 की सूची में शामिल 50 नामों में चीन, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, वियतनाम, थाइलैंड, हांगकांग, जापान, सिंगापुर, फिलिपीन और न्यूजीलैंड की प्रभावशाली महिलाएं शामिल हैं. इनमे से प्रमुख है
•    मा जिउहुई, संस्थापक, ओप्प्ले एलइडी लाइटिंग (चीन)
•    मोऊ जिनजिंग, लिंहे केमिकल (चीन)
•    लूसी पेंग, सह-संस्थापक, अलीबाबा (चीन)
•    चादातिप चुत्राकल, सियाम पिवत (थाईलैंड)
•    स्काई पार्क, संस्थापक, इ-लैंड (दक्षिण कोरिया)
•    वेंडी पये, शिक्षा के क्षेत्र में (न्यू ज़ीलैण्ड)
•    फोर्ब्स की इस 50 प्रभावशाली महिला उद्यमियों की सूची में आठ भारतीय महिला उद्यमियों को शामिल किया गया है. इनके नाम है:
•    नीता अम्बानी, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, रिलायंस इंडस्ट्रीज
•    अरुंधति भट्टाचार्य, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी, भारतीय स्टेट बैंक
•    अंबिगा धीरज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एमयू सिग्मा
•    दिपाली गोयनका, , वेलस्पन इंडिया
•    विनीता गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ल्यूपिन
•    चंदा कोचर, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी, आईसीआईसीआई बैंक
•    वंदना लूथरा, संस्थापक एवं उपाध्यक्ष, वीएलसीसी हेल्थकेयर
•    किरण मजूमदार शॉ, संस्थापक, चेयरमैन एवं प्रबंधन निदेशक, बायोकॉन
•    फोर्ब्स एशिया-प्रशांत क्षेत्र में धन सृजन, उद्यमशीलता की सफलता और आर्थिक विकास का अभिलेख करता है.

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ के कार्यान्वयन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वन रैंक वन पेंशन के कार्यान्वयन के लिए पूर्व कार्योत्तर स्वीकृति दी.
वन रैंक-वन पेंशन” के लागू हो जाने पर रक्षा बलों के पेंशनधारियों/परिवार-पेंशनधारियों को बढ़ी हुई पेंशन मिलेगा.
• वन रैंक वन पेंशन का लाभ 01 जुलाई 2014 से प्रभावी होंगे.
• वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त पेंशनधारियों को मिलने वाली न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के अनुसार समान पद और समान सेवाकाल के आधार पर 01 जुलाई 2014 के पूर्व के पेंशनधारियों की पेंशन दोबारा तय होगी. जो पेंशनधारी औसत से अधिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा की जाएगी.
• इसका लाभ युद्ध में शहीद सैनिकों कि विधवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम पेंशनधारियों सहित परिवार-पेंशनधारियों को भी मिलेगा.
• जो कर्मचारी सेना नियम, 1954 के नियम, 16बी या नौसेना या वायुसेना के समान नियमों के तहत अपने निवेदन पर डिस्चार्ज होने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें “वन रैंक-वन पेंशन” के लाभ नहीं मिलेगा.
• बकाया राशि का भुगतान 04 छमाही किस्तों में होगा. अक्षम परिवार-पेंशनधारियों को बकाया राशि का भुगतान एक किस्त में किया जाएगा, जिनमें विशेष/उदार परिवार-पेंशन तथा शौर्य पुरस्कार विजेता शामिल हैं.
• भविष्य में हर पांच साल में पेंशन दोबारा तय किया जायेगा.
•पटना हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल. नरसिम्हा रेड्डी की अध्यक्षता 14 दिसम्बर 2015 को गठित न्यायिक समिति भारत सरकार द्वारा दिए गए संदर्भों पर अपनी रिपोर्ट छः माह में सौंपेगी.
समय से पहले सेवानिवृत्त होने वाले लोगों सहित “वन रैंक-वन पेंशन” के लागू होने से बकाया राशि के भुगतान के संबंध में 10925.11 करोड़ रुपए और वार्षिक वित्तीय बोझ 7488.7 करोड़ रुपए होगा.

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हॉलीवुड अभिनेत्री और पटकथा लेखिका बारबरा टर्नर का निधन

प्रसिद्ध हॉलीवुड अभिनेत्री और पटकथा लेखिका बारबरा टर्नर का 5 अप्रैल 2016 को निधन हो गया. वे 79 वर्ष की थी.
उन्होंने ‘पेतुलिया’, ‘जॉर्जिया’, ‘पोलक’ और अन्य फिल्मों और टेलीविजन सिरिअलस के लिए पटकथा लिखे थे.
• उन्होंने हॉलीवुड में एक अभिनेत्री के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी.
• उन्होंने 1950 के दशक में ‘अल्फ्रेड हिचकॉक प्रेजेंट्स’ और ‘प्लेहाउस 90’ टीवी श्रृंखला में अभिनय किया.
• 1966 में उन्होंने लेखन की शुरुआत की और सबसे पहले जीन जेनेट द्वारा कृत ‘डेथवाच’ पर आधारित पटकथा लिखी.
• 1968 में उन्होंने नाटक ‘पेतुलिया’, जैक्सन पोल्लैक की बायोपिक ‘पोल्लैक’ और रोबर्ट अल्त्मन की ‘द कंपनी’ जैसे मशहूर नाटको के लिए पथकथाए लिखी.
• उन्होंने 1995 में ‘जॉर्जिया’ नामक संगीत नाटक लिखी और प्रस्तुत किया. फिल्म को अमेरिका के मोंट्रियल फिल्म महोत्सव के ग्रांड प्रिक्स में सम्मानित किया गया था.

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सिगुरदुर इंगी जोहानसन आइसलैंड के नए प्रधानमंत्री चयनित

आइसलैंड में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने 6 अप्रैल 2016 को कृषि मंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन को नया प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया. 
•    सरकार द्वारा इसी शरद ऋतु में चुनाव कराये जाने की भी घोषणा की गयी.
•    पार्टी के उपनेता और कृषि मंत्री जोहानसन पूर्व प्रधानमंत्री सिगमुंदुर डेविड गुनलाउगसन के स्थान पर पदभार संभालेंगे. 
•    उन्होंने पनामा पेपर्स लीक मामले में नाम उजागर होने पर 5 अप्रैल 2015 को त्यागपत्र दे दिया था.
•    गुनलॉगसन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में फर्जी कपंनी बनाई. यह आरोप लगने के उपरान्त विपक्षी पार्टियों ने उनके इस्तीफे की मांग की तथा जनता प्रदर्शन करने लगी. 
•    देश के हालात देखते हुए राष्ट्रपति ओलफुर रंगनार ग्रिमसन अमेरिका दौरा बीच में ही छोड़कर वापिस आ गये
•    राष्ट्रपति ओलाफुर रेगनर ग्रिमसन द्वारा जोहानसन की नियुक्ति को मंजूरी दिए जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया जायेगा. ग्रिमसन जून 2016 में सेवानिवृत्त होंगे. 
•    आइसलैंड का आगामी चुनाव मूल रूप से अप्रैल 2017 में निर्धारित था.

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हाशिम थाची ने कोसोवो के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की

कोसोवो की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हाशिम थाची ने 7 अप्रैल 2016 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. कोसोवो संसद में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया.
•    थाची, अतिफेट जह्ज्गा के स्थान पर 26 फरवरी 2016 को निर्वाचित हुए थे. चुनाव के दौरान लगभग किसी भी विरोधी पार्टी ने मतदान नहीं किया एवं मतदान प्रक्रिया को आंसू गैस से प्रभावित करने का प्रयास भी किया.
•    शपथ लेने के पश्चात् थाची ने कहा, उनका लक्ष्यों में कोसोवो का नाटो और यूरोपीय संघ में एकीकरण तथा सर्बिया के साथ संबंधों को सामान्य करने की प्रक्रिया को जारी रखना है.
•    वर्ष 1990 में वे कोसोवो लिबरेशन आर्मी (केएलए) के नेता थे, जिसने 1998-99 में सर्बिया के विरुद्ध गोरिल्ला युद्ध में भाग लिया.
•    वे कोसोवो के पहले प्रधानमंत्री थे एवं ईसा मुस्तफा के कार्यकाल में विदेश मंत्री तथा उप प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने 12 दिसंबर 2014 को पदभार ग्रहण किया था.
•    वर्ष 2008 में उन्होंने सर्बिया से कोसोवो की स्वतंत्रता की घोषणा की.

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नासा खगोलविदों ने 17 अरब सूर्यों जितने बड़े ब्लैक होल की खोज की

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 17 अरब सूर्यों के बराबर आकार एवं वजन वाले ब्लैक होल की खोज की.
•    इसकी खोज आकाशगंगा के बिलकुल मध्य में मौजूद क्षेत्र में की गयी जिससे पता चलता है कि इसी प्रकार के अन्य विशालकाय ब्लैक होल किसी भी अनुमान से अधिक विशाल हो सकते हैं.
•    इस खोज के संबंध में 6 अप्रैल 2016 को नेचर नामक पत्रिका में लेख प्रकाशित किया गया.
•    प्रमुख खोजकर्ता हैं – यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया के खगोलविद एवं मैसिव सर्वे के प्रमुख पेई मा तथा मैक्स प्लानक-इंस्टिट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेटेरिअल फिजिक्स के जेन्स थॉमस.
•    ब्लैक होल को अंडाकार आकाशगंगा के केंद्र एनजीसी 1600 एवं कॉस्मिक बैकवाटर में खोजा गया. यह 20 या उससे अधिक आकाशगंगाओं का समूह है.
•    यह पृथ्वी से 200 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है.
•    इस ब्लैक होल द्वारा सितारों को पीछे धकेल दिया गया जो 40 बिलियन सूर्यों के बराबर है जो पूरी आकाशगंगा को प्रभावित कर सकने में सक्षम है.
•    आसपास के तारों की गति देखकर इस ब्लैक होल की मौजूदगी का पता लगाया गया. इस गति से ब्लैक होल के द्रव्यमान का अनुमान लगाया गया.

•    गति को जैमिनी मल्टी-ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ (जीएमओएस) द्वारा मापा गया. यह हवाई में स्थित है. जीएमओएस आकाशगंगा से प्रकाश को अलग कर 300ओ प्रकाश वर्ष की दूरी में मौजूद तारे को रेखांकित करता है.
•    शोध में पाया गया कि यह तारे केंद्र से सीधी रेखा में चल रहे थे तथा अनुमानतः दो ब्लैक होल के कारण छिटक रहे थे.
•    इस अवलोकन की इन्फ्रारेड कैमरा एवं हब्बल स्पेस के मल्टी-ऑब्जेक्ट स्पेक्टोमीटर द्वारा तस्वीरें ली गयीं. तस्वीरों में देखा गया कि इस विशालकाय आकृति के केंद्र के नजदीक बहुत कम तारे थे जिससे इसकी विशालता का पता चला.

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म्यांमार संसद ने आंग सान सू की को विशेषाधिकार प्रदान करने हेतु प्रस्ताव पारित किया

नायपीडॉ स्थित म्यांमार संसद ने 5 अप्रैल 2016 को एक प्रस्ताव पारित किया जिससे आंग सान सू की को प्रधानमंत्री जैसी शक्तियां प्राप्त हुईं.

•    निचले सदन ने राज्य सलाहकार पद हेतु एक प्रस्ताव पारित किया, इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने पर कानून माना जायेगा.
•    इससे पहले यह प्रस्ताव ऊपरी सदन से पारित हो चुका है जिसे राष्ट्रपति ह्तिन क्याव की मंजूरी मिलनी बाकी है.
•    हालांकि देश में सेना इसका विरोध कर रही है, क्योंकि संसद में 25 प्रतिशत सांसद सेना के हैं. पार्टी के चुनाव जीतने के बावजूद सू की को राष्ट्रपति बनने की अनुमति नहीं दी गयी.
•    बर्मा के संविधान के अनुच्छेद 59 (एफ) के अनुसार वह व्यक्ति जिनके जीवनसाथी अथवा बच्चों के पास विदेशी नागरिकता हो उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनाया जा सकता. सू की के दो बेटों के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है.
•    नवनिर्वाचित नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के नेताओं का मानना है कि संविधान में यह प्रावधान 70 वर्षीय सू की को सत्ता न संभालने के लिए बनाया गया.
•    वर्तमान में सू की विदेश मंत्रालय, राष्ट्रपति कार्यालय, शिक्षा मंत्रालय एवं उर्जा विभाग जैसे केंद्रीय मंत्रालय देख रही हैं.

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हरियाणा के पहले बागवानी विश्वविद्यालय का करनाल में शिलान्यास

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने 6 अप्रैल 2016 को हरियाणा के करनाल में हरियाणा राज्य बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया.
यह हरियाणा का पहला बागवानी विश्वविद्यालय होगा.
• यह शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार कार्यकलापों के बीच के अंतर को पाटने की आवश्यकता को पूरा करेगा.
• आगे के विकास के लिए कार्यनीतियों की पहचान करने के अलावा यह युवा पीढ़ी को अद्यतन प्रौद्योगिकी और बागवानी शिक्षा के प्रसार में सहायता करेगा.
• ये विश्वविद्यालय उत्पादन, कटाई पश्चात् प्रबंधन और प्रसंस्करण उद्योगों में प्रशिक्षित जन शक्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने में कौशल विकास केंद्र के रुप में भी काम करेगा.
• दिल्ली और चंडीगढ़ जैसी मुख्य मंडियों के नजदीक होने के कारण यह उत्कृष्ट विपणन और निर्यात चैनल भी प्रदान करेगा.
• हरियाणा समेकित बागवानी मिशन अपनाने तथा संरक्षित खेती एवं कटाई के बाद के प्रबंधन को प्राथमिकता देने के संदर्भ में अग्रणी राज्य है.
• हरियाणा ने बागवानी फसलों के तहत काफी क्षेत्रफल में वृद्धि की है. वर्ष 2002-03 में यह 2.0 लाख था, जो वर्ष 2013-14में बढ़कर 4.5 लाख  हो गया तथा इसी अवधि के दौरान उत्पादन 2.51 मिलियन टन से बढ़कर 6.30 मिलियन टन हो गया.
• राज्य ने अगले दशक में क्षेत्रफल में 27 मिलियन टन के उत्पादन के साथ 9.0 लाख टन तक वृद्धि करने की योजना बनाई है.

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केंद्र सरकार ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 अधिसूचित किये

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 5 अप्रैल 2016 को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 अधिसूचित किये गये.
यह नये नियम वर्ष 2000 में अधिसूचित किये गये म्युनिसिपल ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं निपटान) नियमों का स्थान लेंगे.
•    यह नियम नगर निगम के क्षेत्रों से बाहर भी लागू होंगे. इन नियमों में अब शहर संबंधी समूहों, जनगणना वाले कस्बों, अधिसूचित औद्योगिक टाउनशिप, भारतीय रेल के नियंत्रण वाले क्षेत्रों, हवाई अड्डों, एयर बेस, बंदरगाह, रक्षा प्रतिष्ठानों, विशेष आर्थिक क्षेत्र, केंद्र एवं राज्य सरकारों के संगठनों, तीर्थ स्थलों और धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को भी शामिल किया गया है.
•    कोई भी व्यक्ति स्वयं उत्पन्न‍ ठोस कचरे को अपने परिसर के बाहर सड़कों, खुले सार्वजनिक स्थलों पर, या नाली में, या जलीय क्षेत्रों में न तो फेंकेगा, या जलाएगा अथवा न ही दफनाएगा.
•    ठोस कचरा उत्पन्न करने वालों को 'उपयोगकर्ता शुल्क' अदा करना होगा, जो कचरा एकत्र करने वालों को प्राप्त होगा.
•    निर्माण और तोड़-फोड़ से उत्पन्न‍ होने वाले ठोस कचरे को निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार संग्रहित करने के बाद अलग से निपटाया जाना चाहिए.
•    केंद्र सरकार ने इन नियमों के समग्र कार्यान्वयन की निगरानी करने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक केंद्रीय निगरानी समिति का भी गठन किया है.
•    वर्तमान में देश भर में प्रति वर्ष 62 लाख टन कचरा उत्पन्न होता है जिसमें 5.6 लाख टन प्लास्टिक कचरा, 0.17 लाख टन जैव चिकित्सा अपशिष्ट, 7.90 लाख टन खतरनाक अपशिष्ट और 15 लाख टन ई-कचरा है.
•    ठोस कचरा प्रबंधन के नियम 16 वर्ष बाद संशोधित किये गये.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष 43 मिलियन टन कचरा एकत्र किया जाता है जिसमें से 11.9 मिलियन टन कचरे को संसाधित किया जाता है एवं 31 मिलियन टन कचरे को भराव क्षेत्रों (लैंडफिल साइट) में फेंक दिया जाता है. अर्थात् नगर निगम अपशिष्ट का केवल 75-80 प्रतिशत ही एकत्र किया जाता है और इस कचरे का केवल 22-28 प्रतिशत संसाधित किया जाता है. कचरे की मात्रा मौजूदा 62 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2030 में लगभग 165 मिलियन टन के स्तर पर पहुंच जाएगी इसलिए इस प्रकार के प्रबंध अतिआवश्यक हैं.

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पेरिस में शून्य पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया

फ़्रांस स्थित पेरिस के यूनेस्को मुख्यालय में 4 से 5 अप्रैल 2016 को शून्य पर अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसका आयोजन यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल एवं पियरे एवं मैरी क्यूरी यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
•    इस अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन में गणित के प्रतिभाशाली एवं उल्लेखनीय इतिहास को साझा किया गया. इस दौरान यूनेस्को द्वारा विश्वभर से गणितज्ञों को जानकारी साझा करने के उद्देश्य से आमंत्रित किया गया.
•    केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, फ़ील्ड्स मेडल के विजेता एम भार्गव एवं एल लाफ़ोर्ज ने इस सम्मेलन में भाग लिया.
•    इस सम्मेलन में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी:
-    रामानुजन के सूत्र और गणित पर उनका स्थायी प्रभाव
-    भारतीय गणित - ऋणात्मक संख्याएं, शून्य, इनफिनिटी एवं उससे भी आगे
-    शून्य – अनन्तता एवं सेट सिद्धांत
-    गणित में अरबी परंपराओं पर पैनल विमर्श
-    भारतीय संगीत में गणित की भूमिका
•    यूनेस्को मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री द्वारा महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट की कांस्य की प्रतिमा का अनावरण किया गया.
•    केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी यूनेस्को मुख्यालय में 16-17 नवम्बर 2015 को यूनेस्को की आमसभा में 38वें अधिवेशन में शामिल हुईं.
•    इस दौरान उन्होंने यूनेस्को के महानिदेशक इरानिया बोकोव से बैठक भी की एवं भारत द्वारा सहयोग दिए जाते रहने का भरोसा दिलाया.
•    इसी दौरान 22 दिसंबर 2015 राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर दोनों नेताओं ने वर्ष 2016 में 'शून्य' सम्मेलन आयोजित कराये जाने की घोषणा की.

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