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14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया गया


•    विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1997 से हर वर्ष 14 जून को 'विश्व रक्तदान दिवस' मनाया जाता है. 
•    वर्ष 1997 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 100 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान नीति की नींव डाली थी.
•    इसके तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह लक्ष्य रखा था कि विश्व के प्रमुख 124 देश अपने यहाँ स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा दें. 
•    इसका उद्देश्य यह था कि रक्त की जरूरत पड़ने पर उसके लिए पैसे देने की जरूरत नहीं पड़े. अबतक लगभग विश्व के 49 देशों ने ही इस पर अमल किया है.
•    विदित हो कि कई देशों जिनमें भारत भी शामिल है, यहाँ कुछ रक्तदाता रक्तदान हेतु पैसे लेता है. 
•    जबकि ब्राजील में तो यह क़ानून है कि आप रक्तदान के पश्चात किसी भी प्रकार की सहायता नहीं ले सकते. 
•    ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ कुछ अन्य देश भी हैं जहाँ पर रक्तदाता पैसे नहीं लेते.
•    15 जून: बुजुर्गों के शोषण के खिलाफ जागरूकता दिवस
•    17 जून: बढ़ती बंजर स्थिति के खिलाफ एक दिन
•    20 जून: विश्व शरणार्थी दिवस 
•    21 जून: विश्व योग दिवस 
•    23 जून: सयुंक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस 
•    26 जून: नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस 
•    29 जून: राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस

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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को पूरे विश्व में मनाया गया

‘नो टू चाइल्ड लेबर-यस टू क्वालिटी एजुकेशन’ विषय के साथ वैश्विक स्तर पर 12 जून 2016 को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया.
•    इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने की मुख्य वजह बाल श्रम के विरुद्ध लोगों में जागरूकता लाने के संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयास को समर्थन देना है.
•    कम से कम रोजगार प्राप्ति की न्यूनतम उम्र तक के सभी बच्चों को  नि: शुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना.
•    राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां जो बच्चों की जरूरतों के लिए संवेदनशील हैं औऱ बाल श्रम से लड़ने में मदद करना.
•    गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा अध्यापन के पेशे को अपनाने के लिए प्रभावशाली नीतियों के उपयोग को सुनिश्चित करना.
•    नवीनतम सर्वेक्षणों के अनुसार बहुत से बच्चे स्कूल जाने की बजाय काम करते हैं. कुछ बच्चों के पास तो खेलने जैसे उनके नसैर्गिक अधिकार के लिए भी समय नहीं होता. 
•    बहुत बच्चे गुलामी के शिकार हैं तथा नशीले पदार्थों की तस्करी और वेश्यावृत्ति जैसे अन्य अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं.
•    भारत में श्रम कानून 14 वर्ष की आयु के बच्चों को कम खतरनाक उद्योगों में काम करने के लिए अनुमति देता है जबकि 15-18 वर्ष तक के उम्र के बच्चों के लिए कुछ कम प्रतिबन्ध है.
•    अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा बाल श्रम के उन्मूलन हेतु वैश्विक स्तर पर 12 जून 2002 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने की प्रक्रिया का शुभारम्भ किया गया.
•    प्रति वर्ष 12 जून को श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने तथा बाल श्रम के पूर्ण उन्मूलन में सहयोग करने के प्रयास के क्रम में पूरे विश्व में सरकार,नियोक्ता,श्रमिक संगठन,सामाजिक नागरिक आदि इस दिशा में चिंतन करते हुए एक साथ प्रयास करने की कोशिश करते हैं.

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विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय महासागर दिवस मनाया गया

विश्व भर में 8 जून 2016 को अंतरराष्ट्रीय महासागर दिवस मनाया गया जिसका विषय था - स्वस्थ महासागर, स्वस्थ ग्रह.
•    महासागरों में गिरने वाले प्लास्टिक प्रदूषण के कारण महासागर धीरे-धीरे अपशिष्ट होते जा रहे हैं. 
•    इससे समुद्री जीवों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. वे गलती से प्लास्टिक को अपना आहार समझ लेते हैं जिससे उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. 
•    वैज्ञानिक इससे मनुष्यों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हैं.
•    संयुक्त राष्ट्र ने इस अवसर पर एक फोटो प्रतियोगिता का आयोजन किया था जिसके विजेताओं को इसके मुख्यालय में पुरस्कृत किया गया.
•    इसका उद्देश्य लोगों को उनके जीवन में महासागरों के महत्व के बारे में बताना है. महासागर पृथ्वी के लिए फेफड़ों के समान है जहां से संपूर्ण पृथ्वी को अधिकतर ऑक्सीजन प्राप्त होता है.
•    लोगों को समुद्र में फैलाये जा रहे प्रदूषण के प्रभाव के बारे में बताना.
•    महासागरों के प्रति विश्व भर में जागरुकता फैलाना.
•    समुद्र भोजन एवं दवाओं का सबसे बड़ा स्रोत है इसलिए इसके संरक्षण के उपायों के बारे में लोगों को बताना.
•    वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव 63/111 के तहत 8 जून 2009 से विश्व महासागर दिवस मनाये जाने की  घोषणा की.
•    विश्व के विभिन्न देशों ने रियो डी जेनेरियो में 1992 में हुए पर्यावरण अधिवेशन के उपरांत इस दिवस को मनाना आरंभ किया.

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वन्यजीवन के अवैध व्यापार पर शून्य सहनशीलता विषय के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया

विश्व भर में 5 जून 2016 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. इस वर्ष का विषय था - वन्यजीवों के अवैध व्यापार पर शून्य सहनशीलता.
वर्ष 2016 का मेजबान देश अंगोला था. गौरतलब है कि अंगोला में हाथियों के झुंडों के संरक्षण पर कदम उठाये जा रहे हैं एवं अफ्रीका के जैव-विविधता की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है.
•    इस वर्ष के स्लोगन “गो वाइल्ड फॉर लाइफ” का उद्देश्य लोगों का वन्य जीवों पर हो रहे अत्याचारों एवं उसके नुकसान की ओर ध्यान दिलाना है.
•    वर्ष 2016 के विषय का उद्देश्य वन्यजीवन के अवैध व्यापार को उजागर करना है. अवैध व्यापार द्वारा हाथियों, गेंडे एवं चीते तथा अन्य प्राणियों का जीवन संकट में आ चुका है. इससे हमारी अर्थव्यवस्था, सामाजिक परिदृश्य एवं सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ता है.
•    वन्यजीवन के अवैध व्यापर से पृथ्वी पर जैव-विविधता पर गहरा असर पड़ा है, बहुत सी प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं. वन्यजीवों में हाथी, गेंडे, बाघ, गोरिल्ला एवं समुद्री कछुए अवैध व्यापर के मुख्य शिकार हैं.
•    एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2011 में जावा प्रजाति के गेंडे वियतनाम में विलुप्त हो चुके हैं. ग्रेट एप्स गाम्बिया, बुर्किना फासो, बेनिन एवं टोगो से समाप्त होते जा रहे हैं. हॉर्नबिल एवं पेनगोलिन भी अवैध व्यापर के कारण संकट में हैं.
•    पर्यावरण के प्रति जागरुकता फ़ैलाने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने टाइगर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ट्रेन द्वारा देश में बाघों के संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाई जाएगी. इस ट्रेन को दिल्ली स्थित सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया.
•    इस दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्टॉकहोम मानवीय वातावरण पर 1972 में हुए अधिवेशन के दौरान की गयी. पहला पर्यावरण दिवस 1973 में मनाया गया. वर्ष 2015 का विषय था –  सात अरब स्वप्न, एक ग्रह, देखभाल से साथ उपयोग.

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31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया गया

हर साल 31 मई दुनिया भर में तम्बाकू निषेध दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 
•    तम्बाकू निषेध दिवस के मौके पर देश में राष्ट्रीय स्तर की तम्बाकू मुक्ति सेवा की शुरुआत की गई।
•    इसके तहत तम्बाकू छोड़ने को इच्छुक कोई भी व्यक्ति सोमवार को छोड़कर बाकी दिन टॉल फ्री नंबर 1800-11-2356 पर कॉल कर तम्बाकू छोड़ने के बारे में जानकारी और मदद हासिल कर सकता है। 
•    स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को नई दिल्ली में तम्बाकू मुक्ति सेवा की शुरुआत की।
•    भारत में तम्बाकू का सेवन करने वालों की तादाद चीन के बाद दूसरी सबसे अधिक है। 
•    आंकड़ों के मुताबिक देश की करीब 35 फीसदी आबादी किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करती है। 
•    युवाओं को तम्बाकू की लत से बचाने के लिए जरूरी है कि स्कूल स्तर पर ही छात्रों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरुक किया जाए।
•    पुरुषों में 50 फीसदी और महिलाओं में 25 फीसदी कैंसर की वजह तम्बाकू का उपयोग है। 
•    भारत में हर साल 8 से 9 लाख लोगों की मौत तम्बाकू सेवन की वजह से होती है। 
•    ये संख्या एचआईवी/एड्स, टीबी और मलेरिया को मिलाकर होने वाली मौतों से भी अधिक है।
•    तम्बाकू सेवन और इससे होने वाली बीमारियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला बोझ साल 2011 में जीडीपी का 1.16 फीसदी था। 

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संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस-2016 मनाया गया

विश्व भर में 29 मई 2016 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस मनाया गया. 
•    इस दिवस का विषय था – हमारे नायकों का सम्मान.
•    यह दिवस शांति सैनिकों के योगदान को सम्मान देने एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है. 
•    इस दिन वर्ष 1948 से संयुक्त राष्ट्र के अधीन कार्यरत 3400 शांति सैनिकों को विश्व भर में शांति स्थापित करने हेतु अपनी जान गंवा देने पर याद किया जाता है. 
•    इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन (यूएनपीए) द्वारा इस अवसर पर छह डाक टिकटों का संग्रह जारी किया गया.
•    शांति स्थापना हेतु शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उन्हें सम्मान प्रदान करना.
•    सभी पुरुष एवं महिला शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि देना एवं उनके कार्यो, जज्बे एवं समर्पण का सम्मान करना.

•    इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 57/129 प्रस्ताव पारित कर के 11 दिसम्बर 2002 को अपनाया गया.
•    इसे यूक्रेनी शांति स्थापना एसोसिएशन एवं यूक्रेन सरकार के आग्रह पर अपनाया गया.
•    इसे पहली बार 2003 में मनाया गया.
•    मई 29 की तिथि को इसलिए रखा गया है क्योंकि इस दिन 1948 में संयुक्त राष्ट्र ट्रूस सुपरविज़न आर्गेनाईजेशन (यूएनटीएसओ) को अरब-इसराइल युद्ध में शांति वार्ता की निगरानी रखने के लिए निर्धारित किया गया था.
•    वर्ष 2015 का विषय था – शांति के लिए एकता.

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मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई को मनाया गया

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज को एक स्वस्थ्य संदेश देना है कि हमारी मां, बहनें व बेटियां कैसे स्वच्छ और स्वस्थ्य रहें। 
•    इस स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का एक महत्वपूर्ण कदम है- मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता।
•    मासिक धर्म एक प्रक्रिया है, जो महिलाओं में 28 से 30 दिन पर आती है। जो 4 से 5 दिनों तक रहता है। 
•    हर लड़कियां जब 11 से 12 साल की होती है, तो उस समय इस सर्किल के शुरूआत होने का समय आता है। 
•    यही समय है जब लड़कियों को इस संबंध में उचित सलाह देकर जागरूक किया जाए। परिणामस्वस्प वे सर्किल के दौरान स्वच्छता बनाए रहे। 
•    मासिक धर्म के समय स्वच्छता बनाए रखे। मासिक के दौरान हमेशा सेनेट्री पैड या साफ कपड़ा का उपयोग करें। दिन में दो बार बदले। 
•    इस दौरान अच्छे से साफ रहना चाहिए। स्नान करना चाहिए। उचित आहार लेना चाहिए, लड़कियों को स्कूल जाना चाहिए और रोजमर्रा का हर काम अन्य दिनों के तरह ही करना चाहिए। 
•    विश्व मासिक धर्म दिवस की शुरूआत वर्ष 2014 से हुई थी। 
•    प्रत्येक माह के 9 तारीख को जीवन रेखा क्लिनिक में प्रसूता का मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है।

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21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया गया

संचार क्रांति के जनक कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विभन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
•    कांग्रेस कार्यालय में भी महापुरुष की पुण्यतिथि आतंकवाद विरोध दिवस के रूप में मनाई गई।
•    आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के  कारण आम जनता को हो रही परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है। 
•    इसी उद्देश्य से स्कूल-कॉलेज और वि‍श्ववि‍द्यालयों में आतंकवाद और हिं‍सा के खतरों पर परि‍चर्चा, वाद-वि‍वाद, संगोष्ठी, सेमीनार और व्याख्यान आदि‍ का आयोजन कि‍या जाता है।
•    राजीव गांधी की देश के गरीबों के प्रति जो सोच थी वह हमेशा उदारवादी व उनके उत्थान की ही रही •    इसी सोच को आगे लेकर वह पंचायती राज व्यवस्था लागू करने के लिये आगे बढ़ते रहे हैं। 
•    देश में कम्प्यूटर युग की शुरूआत राजीव गांधी जी की ही देन है

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विष्वभर में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया

अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस 1886 में शिकागो में आरंभ हुआ। श्रमिक मांग कर रहे थे कि काम की अवधि आठ घंटे हो और सप्ताह में एक दिन का अवकाश हो। 
•    इस दिन श्रमिक हड़ताल पर थे। इस हड़ताल के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने बम फोड़ दिया तत्पश्चात् पुलिस गोलाबारी में कुछ मजदूर मारे गए, साथ ही कुछ पुलिस अफसर भी मारे गए।
•    1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में फ्रेंच क्रांति को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया कि इसको अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए, उसी समय से विश्व भर के 80 देशों में 'मई दिवस' को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता प्रदान की।
•    विश्व के लगभग सभी देशों में श्रमिक दिवस या मई दिवस मनाया जाता है। 
•    इसका मूलभूत आशय व उद्देश्य मजदूरों को मुख्य धारा में बनाए रखना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति समाज में जागरुकता लाना ही है।
•    भारत में मई दिवस पहली बार वर्ष 1923 में मनाया गया जिसका सुझाव सिंगारवेलु चेट्टियार नामक कम्यूनिस्ट नेता ने दिया. 
•    उनका कहना था कि दुनियां भर के मजदूर इस दिन को मनाते हैं तो भारत में भी इसको मान्यता दी जानी चाहिए। 
•    मद्रास में मई दिवस मनाने की अपील की गई। इस अवसर पर वहां कई जनसभाएं और जुलूस आयोजित कर मजदूरों के हितों के प्रति सभी का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया। इस प्रकार भारत में 1923 से इसे राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी गई।

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विश्व बौद्धिक संपदा दिवस-2016 मनाया गया

बौद्धिक संपदा दिवस-2016 विश्व भर में 26 अप्रैल 2016 को मनाया गया जिसका विषय था, डिजिटल रचनात्मकता: संस्कृति पुनःविचार.
•    इस अवसर पर, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) विभिन्न सरकारी संस्थानों, गैर-सरकारी संस्थानों, सामुदायिक समूहों आदि के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित करता है.
•    इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य बौद्धिक संपदा के अधिकारों (पेटेंट, ट्रेडमार्क, इंडस्ट्रियल डिजाईन, कॉपीराइट) आदि के प्रति लोगों को जागरुक करना है. 
•    इस वर्ष के विषय का उद्देश्य डिजिटल माध्यम से संस्कृति के भविष्य को तलाशना है. एक संतुलित और लचीली बौद्धिक संपदा प्रणाली रचनात्मक क्षेत्र में काम करने वालों और कलाकारों को प्रशस्त मार्ग प्रदान करती है तथा उन्हें कलात्मक कार्यों के प्रति अधिक रचनात्मक बनाती है.
•    अक्टूबर 1999 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) ने किसी एक दिन को बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाये जाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया.
•    वर्ष 2000 में, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने 26 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया. इसका उद्देश्य लोगों को बौद्धिक संपदा की प्रासंगिकता के विषय में जागरुक करना है.
•    अप्रैल 26 तिथि को विशेष सम्मेलन में इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना हुई थी.

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