सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्र-पत्रिकाओं हेतु विज्ञापन नीति जारी की
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 10 जून 2016 को पत्र-पत्रिकाओं हेतु विज्ञापन देने में ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही के उद्देश्य से विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय डीएवीपी ने नई प्रिन्ट मीडिया विज्ञापन नीति तैयार की है.
• इस नीति में सरकारी विज्ञापन जारी करने की सुचारू व्यवस्था करने और विभिन्न श्रेणियों की पत्र-पत्रिकाओं के प्रति समान और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया गया है.
• मंत्रालय के अनुसार इस नीति में पहली बार समाचार पत्रों के लिए नई आकलन प्रणाली शुरू की गई है. जिसमें बेहतर पेशेवर साख वाले अखबारों को प्रोत्साहन दिया जायेगा.
• ए बी सी तथा आर एन आई से उनकी बिक्री की पुष्टि कराई जायेगी.
• इससे डीएवीपी के विज्ञापन देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही आयेगी.
• नीति प्रारूप में अनिवार्य कर दिया गया है कि डीएवीपी विज्ञापनों हेतु भुगतान ईसीएस या एनईएफटी के जरिये ही अखबार या कम्पनी के खाते में करेगा.
• नीति के अन्तर्गत पत्र-पत्रिकाओं को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.
• पहली श्रेणी में 25 हजार प्रतियों तक की बिक्री वाले छोटे, 25 हजार एक से 75 हजार प्रतियों की बिक्री वाले मझौले और 75 हजार या उससे ज्यादा बिक्री वाले बड़े पत्र-पत्रिका माने जायेंगे..
• डीएवीपी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की ओर से विज्ञापन जारी करने वाली केन्द्रीय संस्था है.