Current Affairs
Hindi

ईरान और भारत ने चाबहार पोर्ट के समझौते पर हस्ताक्षर किये

जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और कांडला पोर्ट ट्रस्ट के जॉइंट वेंचर इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड अर्या बंदर कंपनी ऑफ ईरान के साथ फर्स्ट फेज में दो टर्मिनल्स और पांच मल्टि कार्गो बर्थ चाबहार पोर्ट प्रॉजेक्ट के अंतर्गत डिवेलप करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया । 
•    भारत पहले दौर में में 200 मिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा। इसमें 150 मिलियन डॉलर ऐक्जिम बैंक मुहैया कराएगा। 
•    मई 2015 में गडकरी और ईरान के ट्रांसपोर्ट ऐंड अर्बन डिवेलपमेंट मंत्री डॉ अब्बास अहमद अखुंडी के बीच इस प्रोजेक्ट के विकास को लेकर हस्ताक्षर हुआ था। 
•    चाबहार साउथ-ईस्ट ईरान में है। इस पोर्ट के जरिए इंडिया बिना पाकिस्तान के सहारे लैंड लॉक्ड देश अफगानिस्तान पहुंच सकता है। 
•    नई दिल्ली अफगानिस्तान में आर्थिक और सिक्यॉरिटी के लिहाज से अपनी मौजूदगी मजबूत करने में लगी है। 
•    यह चाबहार पोर्ट से 883 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जारंग-डेलाराम रोड का निर्माण इंडिया ने 2009 में किया था। 
•    इससे अफगानिस्तान में गारलैंड हाइवे तक पहुंच बन सकती है। इससे अफगानिस्तान के चार बड़े शहरों- हेरात, कंधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ तक पहुंच बन सकती है।
•    इस पोर्ट का इस्तेमाल शिप क्रूड ऑइल और यूरिया के लिए किया जा 
•    इसमें 85.21 मिलियन डॉलर निवेश कर बर्थ को कॉन्टेनर टर्मिनल और एक मल्टि-पर्पस कार्गो टर्मिनल में बदला जाएगा। 
•    अमेरिकी दबाव में यूपीए सरकार ने ईरान से अपने रिश्ते जिस हद तक बिगाड़ लिए थे, उस पृष्ठभूमि में यह थोड़ा संतोषजनक है कि जिनेवा में हुए समझौते की रूपरेखा तय करने में भारत की भी थोड़ी-बहुत भूमिका रही है।
•    ईरान के बाद सर्वाधिक शिया मुसलमान भारत में ही हैं।
•    समझौते के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटी, तो अपने यहां भी रुपये और शेयर बाजार में मजबूती दिखी, पर फिलहाल ये शुरुआती संकेत ही हैं। 

All Rights Reserved Top Rankers