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एनआरडीसी ने क्युडोस लैबोर्टरीज़ के साथ मधुमेह रोधी दवा आयुष-82 के व्यवसायीकरण हेतु समझौता किया

 राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) ने 16 मार्च 2016 को क्युडोस लैबोर्टरीज़ के साथ आयुष-82 नामक मधुमेह रोधी दवा के व्यवसायीकरण हेतु समझौता किया. 
•    यह एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे मधुमेह की रोकथाम के लिए प्रयोग किया जाता है.
•    इस समझौते से क्युडोस लैबोर्टरीज़ को आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) की अनुमति सहित भारत में इसी व्यापारिक नाम के तहत दवा का व्यवसायीकरण करने की अनुमति प्राप्त हो जाएगी.
•    आयुष-82 का विकास द्वारा किया गया. सीसीआरएएस आयुष मंत्रालय के तहत आयुर्वेद में अनुसंधान का शीर्ष संगठन है.
•    यह 100 वर्ष पुराना संगठन है जो आयुर्वेदिक / हर्बल उत्पादों और सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों के विपणन, निर्माण एवं निर्यात में मुख्य भूमिका निभाता है.
•    कंपनी के पास जी.एम.पी एंड आईएसओ सर्टिफिकेट हैं.

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ब्रिटिश गणितज्ञ सर एंड्रयू विल्स ने एबल मैथ प्राइज़ जीता

 ब्रिटिश गणितज्ञ सर एंड्रयू विल्स ने 15 मार्च 2016 को वर्ष 2016 का एबल प्राइज़ ओस्लो में नार्वे एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ एंड लेटर्स द्वारा दिया गया.
•    उन्हें यह पुरस्कार सदियों पुराने प्रमेय, फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय को सुलझाने पर दिया गया.
•    क्राउन प्रिंस हाकोन विल्स को मई 2016 में यह पुरस्कार प्रदान करेंगे. 
•    सर एंड्रयू जॉन विल्स ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की रॉयल सोसाइटी में संख्या सिद्धांत के रिसर्च प्रोफेसर हैं. 
•    उनके द्वारा दिए गये फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय को विशेष मान्यता दी गयी.
•    उन्होंने वर्ष 1974 में ऑक्सफ़ोर्ड के मरटन कॉलेज से स्नातक उपाधि प्राप्त की एवं 1980 में कैंब्रिज विश्विद्यालय के क्लेयर कॉलेज से पीएचडी डिग्री हासिल की.
•    वर्ष 1985-86 में वे पेरिस के नजदीक इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड वैज्ञानिक अध्ययन में गुग्गेनहैम फेलो थे.   
•    वर्ष 1988 से 1990 में वे ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में रॉयल सोसाइटी रिसर्च प्रोफेसर रहे. वे वर्ष 2011 में रॉयल सोसाइटी के साथ रिसर्च प्रोफेसर के रूप में फिर से जुड़े.
•    संख्या सिद्धांत में, फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय के अनुसार कोई भी तीन सकारात्मक पूर्ण संख्याएं ए, बी, और सी समीकरण an + bn = cn को दोनों संख्याओं से एन के मूल्य अधिक होने पर संतुष्ट नहीं कर सकतीं. उदाहरण के लिए, n = 1 और n = 2 को प्राचीन समय से ही कई समाधानों के लिए जाना जाता है.
•    इस प्रमेय का सबसे पहले उपयोग पियरे डी फरमेट ने 1637 में किया.
•    इस प्रमेय को सुलझाये जाने का पहला प्रमाण एंड्रयू विल्स ने 1994 में दिया. इसे अधिकारिक रूप से 1995 में प्रकाशित किया गया.
•    यह गणित के सबसे प्रसिद्ध प्रमेय में से एक है जिसे इसे सुलझाये जाने से पहले यह सबसे कठिन प्रमेय के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया.
•    यह नॉर्वे द्वारा दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है जिसे किसी एक अथवा एक से अधिक गणितज्ञ को गणित में अभूतपूर्व कार्य प्रदर्शन के कारण प्रदान किया जाता है.
•    इसका नाम नॉर्वे के गणितज्ञ नेल्स हेनरिक एबल के नाम पर रखा गया.
•    इसकी शुरुआत वर्ष 2001 में नॉर्वे सरकार द्वारा की गयी.
•    इसमें पुरस्कार स्वरुप 6 मिलियन नॉर्वे क्रोनर दिए जाते हैं. 
•    इसे गणित का नोबल पुरस्कार भी कहा जाता है.
•    वर्ष 2015 में जॉन एफ नार्श एवं लुइस निरेनबर्ग को यह पुरस्कार दिया गया.

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'द वर्ल्ड हैप्पीनैस रिपोर्ट 2016' में भारत 118वें स्थान पर

 संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की जाने वाली 'द वर्ल्ड हैप्पीनैस रिपोर्ट 2016' (World Happiness Report/ विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट) के अनुसार खुशी के पैमाने पर भारत वैश्विक स्तर पर 118वें स्थान पर है. इस रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में डेनमार्क प्रथम स्थान पर है.
•    संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक पहल सतत विकास समाधान नेटवर्क (एसडीएसएन) द्वारा 'द वर्ल्ड हैप्पीनैस रिपोर्ट' प्रकाशित की जाती है. 
•    खुशी के वैश्विक सूचकांक में भारत की स्थिति में पिछले वर्ष (2015) के मुकाबले कोई सुधार नहीं हुआ. 
•    खुश राष्ट्रों की 156 देशों की सूची में पिछले वर्ष (2015) के मुकाबले भारत और एक स्थान नीचे खिसकर 118वें स्थान पर चला गया. 
•    भारत का नंबर चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पीछे है.
•    इस सूची में डेनमार्क, स्विट्जरलैंड को पीछे छोड़ सबसे खुश देशों की सूची में शीर्ष पर पहुंच गया है. 
•    इस रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, जीवन की संभावना, सामाजिक समर्थन और जिंदगी में अपनाई जाने वाली स्वतंत्रता को खुशी के सूचकों के तौर पर माना गया.
•    इस सूची में दूसरे स्थान पर स्विट्जरलैंड, तीसरे पर आइसलैंड, चौथे पर नॉर्वे और पांचवें पर फिनलैंड का स्थान है.
•    भारत साल 2015 में 117वें स्थान पर था और इस साल एक पायदान नीचे सरक कर 118वें स्थान पर चला गया. 
•    इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उन दस देशों के समूह में शामिल है, जिनमें खुशी के पैमाने पर सबसे अधिक गिरावट आई है.
•    भारत के साथ इस सूची में वेनेजुएला, सउदी अरब, मिस्र, यमन और बोत्सवाना शामिल हैं. 
•    भारत, सोमालिया (76), चीन (83), पाकिस्तान (92), ईरान (105), फलस्तीनी क्षेत्र (108) और बांग्लादेश (110) से भी नीचे है. 
•    वर्ष 2013 में भारत 111वें स्थान पर था.

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प्रियंका काकोडकर और रक्षा कुमार ने संयुक्त रुप से चमेली देवी जैन पुरस्कार जीता

 प्रियंका काकोडकर और रक्षा कुमार को वर्ष 2015-16 के चमेली देवी जैन पुरस्कार के संयुक्त विजेता के रूप में 15 मार्च 2016 को सम्मानित किया गया. 
•    प्रियंका काकोडकर और रक्षा कुमार को उत्कृष्ट और विश्लेषणात्मक पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया.
•    काकोदकर की रिपोर्ट, जो महाराष्ट्र में खेती संकट पर आधारित थी, वर्ष 2015 में टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पन्ने पर प्रकाशित हुई थी. 
•    उनकी 50 से अधिक रिपोर्ट को टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा एक वर्ष में प्रकाशित किया गया.
•    स्वतंत्र पत्रकार रक्षा कुमार ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम और कोयला अधिनियम में संशोधन करने के प्रस्ताव पर आधारित रिपोर्ट के लिए यह सम्मान जीता.
•    यह पुरस्कार इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में 17 मार्च 2016 को पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश द्वारा प्रदान किया जाएगा.
•    चमेली देवी जैन पुरस्कार मीडिया फाउन्डेशन की ओर से दिया जाता है. मीडिया फाउन्डेशन प्रत्येक वर्ष किसी महिला पत्रकार को उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए यह पुरस्कार देता है.
•    यह पुरस्कार पहली बार वर्ष 1982 में प्रदान किया गया था.

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नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री लॉयड स्टाल शेपली का निधन

 अमेरिकी गणितज्ञ और अर्थशास्त्री, नोबेल पुरस्कार विजेता लॉयड स्टाल शेपली का 12 मार्च 2016 को 92 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया. शेपली ने गणितीय अर्थशास्त्र और विशेष रूप से खेल के सिद्धांत के क्षेत्र में योगदान दिया. 2012 में उन्हें एल्विन रोथ के साथ अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
•    उन्होंने आर्थिक सिद्धांत और खेल के सिद्धांत हेतु मौलिक योगदान दिया जो की प्रतिस्पर्धी व्यवहार हेतु आधुनिक समझ के लिए महत्वपूर्ण है.
•    वर्ष 1967 में उन्होंने बांडरेवा के साथ बांडरेवा-शेपली सिद्धांत प्रस्तुत किया. इस सिद्धांत से "संतुलन" की धारणा का उद्गम हुआ, जो कि नॉन एम्प्टी कोर गेम्स (nonempty cores games) को समझने में आवश्यक है.
•    उनकी रुचि के क्षेत्रों में गैर-सहकारी बाजार मॉडल, राजनीतिक खेल, लागत आवंटन और संगठन सिद्धांत शामिल हैं.
•    एल्विन रोथ के साथ स्थिर आवंटन के सिद्धांत तथा बाजार डिजाइन के अभ्यास हेतु उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
•    यह सिद्धांत प्रमुख आर्थिक समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है - इसमे यह बताया गया है कि किस तरह विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित खिलाड़ियों को उत्तम तरीके से एक मंच पर लाया जा सकता है. 
•    नोबेल पुरस्कार के अलावा उन्हें विभिन्न संस्थाओं ने असंख्य पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया. जिसमे क्रमश: 1981 और 2013 में जॉन वॉन नयूमन्न सिद्धांत पुरस्कार और स्वर्ण हंस पुरस्कार शामिल है.

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इंडिया इंक विश्व में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को अपनाने वाली पहली संस्था बनी

 12 मार्च 2016 को इंडिया इंक विश्व में औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को अपनाने वाली पहली संस्था बनी. सतत विकास लक्ष्यों के तहत 17 लक्ष्यों की पहचान कर उनके क्रियान्वन की बात कही गयी है.
•    इन लक्ष्यों को औपचारिक रूप से 11वें सतत विकास लक्ष्यों के राष्ट्रीय सम्मेलन, मुंबई में अपनाया गया. इस सम्मलेन का शुभारम्भ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया.
•    इस सम्मलेन में पहली बार संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कॉरपोरेट्स को शामिल किया गया.
•    टाटा समूह, आदित्य बिड़ला ग्रुप, रिलायंस, वेदांता, अदानी समूह और सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) सहित कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीइओ ने आधिकारिक तौर पर सतत विकास लक्ष्यों 2030  (एसडीजीएस) को अपनाया.
•    17 सतत विकास लक्ष्य:
•    गरीबी समाप्ति
•    भुखमरी खत्म करना
•    अच्छा स्वास्थ्य और भलाई
•    शिक्षा में गुणवत्ता
•    लैंगिक समानता
•    स्वच्छ जल और स्वच्छता
•    सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा
•    सभ्य काम और आर्थिक विकास
•    उद्योग, अभिनव और इन्फ्रास्ट्रक्चर
•    आवश्यक असमानता
•    सतत शहर और समुदाय
•    सही खपत और उत्पादन
•    जलवायु परिवर्तन
•    जल के नीचे जीवन
•    भूमि पर जीवन
•    शांति न्याय और मजबूत संस्था
•    लक्ष्यों के लिए भागीदारी
•    संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल काम्पेक्ट, संयुक्त राष्ट्र की पहल है जिसका उद्देश्य स्थायी और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नीतियों को अपनाने के लिए वैश्विक स्तर पर व्यापार को प्रोत्साहन देना तथा उनके कार्यान्वयन पर रिपोर्ट तैयार करना है.
•    ग्लोबल कॉम्पैक्ट के तहत कंपनियों को यूएन एजेंसियों, लेबर ग्रुप एवं सिविल सोसाइटी को एक स्थान पर लाया जायेगा.
•    यह लगभग  170 से अधिक देशों में तथा 13000 कॉर्पोरेट प्रतिभगियो के भलाई के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट पहल है.
•    ग्लोबल काम्पेक्ट नेटवर्क इंडिया, जो 300 से अधिक कंपनियों का एक संघ है, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल काम्पेक्ट की भारतीय स्थानीय नेटवर्क शाखा के रूप में कार्य करता है.

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मदर टेरेसा को रोमन कैथोलिक संत का दर्जा दिए जाने की घोषणा

 पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को 4 सितंबर 2016 को आयोजित कार्यक्रम में रोमन कैथोलिक संत का दर्जा दिए जाने की 15 मार्च 2016 को घोषणा की.
•    पोप ने कार्डिनल्स की बैठक में मदर टेरेसा को उनके अमूल्य योगदान के लिए संत का दर्जा दिए जाने को अंतिम स्वीकृति दी. टेरेसा के निधन के बाद उनके दो चमत्कारों की वजह से उन्हें संत घोषित किया गया.
•    गौरतलब है कि संत का दर्जा पाने के लिए उस शख्स से जुड़े दो चमत्कारों की जरूरत होती है. पहले चमत्कार में मदर ने मोनिका बेसरा नाम की बंगाली ट्राइबल महिला को पेट के ट्यूमर से मुक्ति दिलाई थी. वर्ष 2003 में एक कार्यक्रम के दौरान पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मदर के पहले चमत्कार को मान्यता देते हुए उन्हें धन्य (Beatification) घोषित किया था. ये संत बनाए जाने की प्रक्रिया का पहला चरण है.
•    मदर टेरेसा को वर्ष 2008 में ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित ब्राजील के एक व्यक्ति को बिमारी से निजात दिलाने के कारण संत घोषित किया गया.
•    संत घोषित करने की प्रक्रिया चार चरणों में पूरी होती है.
•    पहले चरण में, संबंधित महान व्यक्ति के फॉलोअर्स लोकल बिशप के सामने उस शख्स की महानताओं और दैवीय गुणों को सिद्ध करते हैं और भगवान के सेवक घोषित करते हैं.
•    दूसरे चरण में पोप उस व्यक्ति को पूज्य (Venerable) की उपाधि देते हैं.
•    तीसरे चरण में पोप उसे धन्य (Blessed) की उपाधि देते हैं.
•    अंतिम चरण में रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप के द्वारा संत (Saint) की उपाधि दी जाती है. संत बनाए जाने की प्रोसेस को कैनोनाइजेशन कहते हैं.
•    मदर टेरेसा का जन्म अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, ओटोमन साम्राज्य (आज का सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था. मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिनके पास भारतीय नागरिकता थी. उन्होंने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की स्थापना की. 45 सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए इन्होंने लोगों की मदद की और साथ ही चेरिटी के मिशनरीज के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया.
•    मदर टेरेसा को वर्ष 1979 नोबल शांति पुरस्कार और वर्ष 1980 में में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया. मदर टेरेसा  का 5 सितंबर 1997 को निधन हो गया. मदर टेरेसा को गटरों के संत के नाम से भी जाना जाता था

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जम्मू एवं कश्मीर केंद्र सरकार की उदय योजना में शामिल हुआ

 केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर ने 15 मार्च 2016 को “उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना” (उदय) समझौता-दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये. यह समझौता राज्य के बिजली वितरण विभाग के परिचालन और वित्तीय कारोबार के सम्बंध में है.
•    उदय योजना का उद्देश्य टिकाऊ विकास के लिए वित्तीय स्थायित्व और परिचालन क्षमताओं में सुधार के द्वारा कर्ज में डूबी वितरण कंपनियों के लिए एक स्थायी समाधान सुनिश्चित करना है.
•    इसके साथ जम्मू एवं कश्मीर समझौता-दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाला 9वां राज्यों बन गया जिनकी संयुक्त डिस्कॉम देनदारी लगभग 1.94 लाख करोड़ रुपये है. उदय में शामिल होकर जम्मू एवं कश्मीर राज्य को लगभग 9800 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ होगा, जिसमें ब्याज दरों में बचत, पारेषण के दौरान होने वाले बिजली नुकसान में कटौती, कारगर ऊर्जा इत्यादि शामिल हैं.
•    समझौते से जम्मू और कश्मीर के लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा। पारेषण के दौरान होने वाले नुकसान में कमी आएगी, जिससे उपभोग्ताओं को कम दर पर बिजली प्राप्त हो सकेगी.
•    इसके अलावा राज्य बिजली वितरण विभाग की वित्तीय मजबूती के कारण विभाग अधिक बिजली आपूर्ति में सक्षम होगा.
•    उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग 108 गांव और 3.56 लाख घरों में बिजली उपलब्ध नहीं है. समझौते के बाद यह कमी दूर हो जाएगी. 
•    24 घंटे बिजली उपलब्ध होने से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी तथा पर्यटन तथा उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा. राज्य के लोगों के लिए रोजगार अवसरों में भी सुधार होगा.
•    उदय योजना केंद्र सरकार द्वारा 20 नवम्बर 2015 को विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और वित्तीय संस्थानों के शुरू की गयी. केंद्र सरकार द्वारा वितरण कंपनियों को ऋण के दबाव से मुक्त करने के लिए उदय योजना आरंभ की गयी.
•    भारत सरकार द्वारा उज्जवल डिस्कॉम इंश्योरेंस योजना (उदय) बिजली वितरण कंपनियों के सुदृढ़ीकरण के लिए बनायी गयी है.

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मॉरिटानिया ने जबरन श्रम को रोकने हेतु 2014 के प्रोटोकॉल की पुष्टि की

 मॉरिटानिया 14 मार्च 2016 को वर्ष 1930 के जबरन श्रम रोकने हेतु बनाये गये 2014 के प्रोटोकॉल को मानने वाला दूसरा अफ़्रीकी देश बना.
•    मॉरिटानिया से पहले नाइजर (अफ्रीका), नॉर्वे (यूरोप) एवं इंग्लैंड (यूरोप) ने इस प्रोटोकॉल की पुष्टि की.
•    इस प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य जबरन श्रम कराये जाने को रोकने के लिए नियम बनाएगा, पीड़ितों की सुरक्षा और न्याय के मुआवजे हेतु उन्हें उचित अधिकार दिए जायेंगे.
•    अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार 21 मिलियन पुरुष, महिलाएं एवं बच्चे - जबरन श्रम, तस्करी, ऋण के कारण जबरन रखे गये एवं गुलामी जैसी स्थिति में जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
•    इन जबरन श्रम करने वाले लगभग 19 लाख लोगों का  निजी अर्थव्यवस्था में व्यक्तियों अथवा उद्यमियों द्वारा शोषण किया जा रहा है.
•    इसके अतिरिक्त 2.2 मिलियन (10 प्रतिशत) लोग राज्य अथवा अर्धसैनिक बलों द्वारा लगाये गये जबरन श्रम के कानूनों के कारण कष्टदायक जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
•    इस मुद्दे का हल निकालने के लिए अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन में सरकारों, कर्मचारियों एवं कार्यकर्ताओं ने इस प्रोटोकॉल को अपनाने का निर्णय लिया.
•    जबरन श्रम कराये जाने को रोकने के अनुपूरक उपायों को अपनाने की भी सिफारिश की गयी.
•    यदि व्यापक रूप से आईएलओ के सदस्य देशों द्वारा इस प्रोटोकॉल को अपनाया जाए तो विश्व से जबरन श्रम को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है.

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संयुक्त राष्ट्र ने मारिया शारापोवा को सदभावना दूत पद से निलंबित किया

 संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा के ड्रग टेस्ट में फेल होने के बाद 15 मार्च 2016 को उन्हें सदभावना दूत पद से निलंबित किया.
•    संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम में वर्ष 2007 में उन्हें सदभावना राजदूत के रूप में नियुक्त किया था. गौरतलब है कि उन्हें 2016 ऑस्ट्रेलियन ओपन में मेलोडोनियम दवा लेने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया.
•    न्यूयॉर्क आधारित यूएनडीपी ने जारी एक व्यक्तव्य में कहा कि उन्हें डोपिंग के आरोपों के कारण गुडविल अम्बेसडर (सदभावना दूत) के पद से निलंबित किया जाता है.
•    यूएनडीपी ने अपने बयान में मारिया शारापोवा के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वे उनके प्रति आभारी हैं विशेषकर 1986 के चेर्नोबिल परमाणु आपदा के समय उनका योगदान अतुल्नीय है.
•    7 मार्च 2016 को रूसी टेनिस खिलाड़ी ने स्वयं यह घोषणा की थी कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान प्रतिबंधित दवा मेल्डोनियम का सेवन किया.

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