भारतीय रिज़र्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2016-2017) की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश की
भारतीय रिज़र्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश की।
• घरेलू स्तर पर वर्ष 2015-16 की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास की रफ्तार उम्मीद के अनुरूप रही। लेकिन पूरे वित्त वर्ष में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई।
• उपभोक्ता खर्च में इजाफा हो रहा है। मानसून बेहतर रहने और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने पर घरेलू मांग बढ़ने की संभावना है।
• केंद्रीय बैंक ने बीते डेढ़ साल में रेपो दर में 1.5 फीसदी कटौती की है, लेकिन बैंकों ने इसका पूरा लाभ अभी भी ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है।
• रेट कट का लाभ बैंक ग्राहकों अपने तक पहुंचा सके, इसके लिए आरबीआई ने इस साल अप्रैल से बैंकों के लिए मार्जिनल कास्ट लैंडिंग रेट (एमसीएलआर) की प्रणाली लागू की थी।
• रेपो - 6.50%
• रिवर्स रेपो - 6.0%,
• सीआरआर - 4.0
• बैंक रेट - 7.0 %
• एमएसएफ - 7.0 %
• आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को 7.6% पर और अच्छे मानसून की उम्मीद और मजबूत आपूर्ति तंत्र के मद्देनजर महंगाई दर के अनुमान को 5% पर यथावत रखा है।