पंजाब विधानसभा ने कृषि ऋणग्रस्तता निपटान विधेयक-2016 पारित किया
22 मार्च 2016 को पंजाब विधानसभा ने कृषि ऋणग्रस्तता निपटान विधेयक-2016 पारित किया. बिल में निर्दिष्ट किया गया है कि ऋण पर देय ब्याज की गणना सरकार द्वारा अधिसूचित दर पर ही की जाएगी.
• यह वार्षिक आधार पर बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज की दरों के अनुसार तय होगा.
• इस विधेयक का उद्देश्य किसानों को कर्ज से संबंधित विवादों का निष्पक्ष और शीघ्र निपटान करना है.
• इसमें यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि देनदार गिरवी रखी गयी संपत्ति की मूल राशि से अधिक अथवा दोगुनी राशि का भुगतान कर देता है तो वह संपत्ति ऋण से मुक्त समझी जाएगी.
• विधानसभा ने भी यह प्रस्ताव रखा कि अधिनियम के लागू होने से कोई भी सिविल कोर्ट ऋण सम्बन्धी पारित किये गये विधेयक के तहत मामले की सुनवाई कर सकेगा.
• अधिनियम लागू हो जाने के पश्चात् सिविल कोर्ट में मौजूद इस प्रकार का कोई भी केस क्षेत्राधिकार वाले फोरम में स्थानांतरित हो जाएगा.





