भारत और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारत में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रशिक्षण तथा तकनीकी सहायता केंद्र स्थापित करने के लिए भारत-आईएमएफ के बीच हुए समझौते को मंजूरी
• प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अघ्यक्षता में 10 मार्च 2016 हुई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारत में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रशिक्षण तथा तकनीकी सहायता केंद्र (एसएआरटीटीएसी) स्थापित करने के लिए भारत-आईएमएफ बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी।
• मंत्रीमंडल ने वित्त मंत्री को केंद्र की स्थापना में योगदान के लिए आशय पत्र सहित भारत के योगदान , एसएआरटीटीएसी के लिए स्थान चयन , संचालन समिति में भारत के प्रतिनिधियों के चयन के लिए अधिकृत किया है ।
• एसएआरटीटीएसी आईएमएफ तथा सदस्य देशों- बंगलादेश , भूटान , भारत , मालदीव, नेपाल तथा श्रीलंका का साझा केंद्र होगा। इसका मकसद सदस्यों की क्षमता विकास आवश्यकताओं को पूरा करना है । बाद में अतिरिक्त सदस्य देश एसएआरटीटीएसी में शामिल हो सकते हैं।
• आईएमएफ नई दिल्ली में ‘एडवानसिंग इंडियाः इनवेस्टिंग फॉर द फ्यूचर ‘ विषय पर क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है ।
• भारत और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच हुए समझौते से सूक्ष्म, वित्तीय मौद्रिक नीतियों में सरकारी अधिकारियों के क्षमता सृजन में मदद मिलेगी और दक्षिण एशिया के 6 सदस्य देशों के बीच तालमेल बढ़ेगा।
• केंद्रीय और राज्य स्तर पर सूक्ष्म, वित्तीय मौद्रिक नीतियों से राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी तथा कारगर लोक तथा वित्तीय प्रबंधन में सहायता मिलेगी। इसका परिणाम आर्थिक विकास और देश में समावेशी विकास होगा।
• आईएमएफ द्वारा श्रमता सृजन करने से विश्व तथा दक्षिण एशिया क्षेत्र के श्रेष्ठ व्यवहार अपनाए जा सकेंगे। इससे आईटी तथा नवाचारी तकनीकों के माध्यम से वित्तीय तथा मौद्रिक विषयों का नवाचारी समाधान हो सकेगा ।





