इसरो ने हवा को इंधन के तौर पर इस्तेमाल करने वाले रॉकेट का परीक्षण शुरू किया
एक दोबारा इस्तेमाल किये जाने वाले प्रक्षेपण यान के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक ऐसे राकेट के परिक्षण की तैयारी कर रहा है जो हवा से अपने इंधन की जरूरत पूरी करेगा .
• तरल ऑक्सीजन का इस्तेमाल अब तक इंधन के तौर पर होता आया है .
• प्लानिंग है की यान हवा को भीतर खिंचकर उसे द्रव्य में बदल कर उसे इंधन की तरह इस्तेमाल करे
• नई प्रणाली, के तहत लम्बी दूरी तक इसी मैकेनिज्म को इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है . इससे न सिर्फ वातावरण को फायदा होगा बल्कि प्रक्षेपण की कीमत भी गिरेगी
• इससे पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ही मिशन में कई उपग्रहों भेज सकने वाले राकेट का अविष्कार किया था
• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय कर्नाटक प्रान्त की राजधानी बेंगालुरू में है।
• संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं।
• संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है।
• अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है।