यूनिसेफ ने शरणार्थी और प्रवासी बच्चों पर अनफेयरी टेल्स नामक एनिमेटेड फिल्म श्रृंखला की शुरुआत की
29 मार्च 2016 को संयुक्त राष्ट्र बाल आपात कोष (यूनिसेफ) ने एनिमेटेड फिल्म श्रृंखला ‘अन्फेयरी टेल्स’ की शुरुआत की.इस श्रृंखला का उद्देश्य दुनिया में रहने वाले लाखों– करोड़ों बच्चों और युवाओं के बारे में सकारात्मक धारणा बनाने में मदद करना है.
• अनुमान के अनुसार विश्व में कम– से– कम 65 मिलियन बच्चे और युवा युद्ध, गरीबी और खराब मौसम और स्थायी जीवन की तलाश एवं एक ऐसी जगह जिसे घर कहते हैं, कि तलाश में अपने मूल स्थान से पलायन कर चुके हैं.
• यह तीन एनिमेशनों का संग्रह है जो तीन बच्चों के वास्तविक जीवन में डर की व्याख्या करता है.
• पहली कहानी– 'आइवाइन एंड द पिलो' में 14 वर्ष के आइविन और उसके तकिए की सच्ची कहानी कहता है. सीरीया से खराब परिस्थितियों में पलायन के बाद आइविन को जर्मनी के एक शरणार्थी शिवर में जगह मिलती है, जहां नई चुनौतियां उसका इंतजार कर रही हैं.
• “मलक एंड द बोट”, छेद वाली नाव में एक युवा लड़की की जलयात्रा की कहानी कहता है.
• तीसरा एनिमेशन मुस्तफा की कहानी सुनाता है, जो अपना घर छोड़ने के बाद यह देख कर आश्चर्य में पड़ जाता है कि उसका दोस्त होने के लिए किसने अपना घर छोड़ा.
• ये कहानियां उस पहल की हिस्सा हैं जिसमें बच्चों के बच्चे होने पर जोर दिया जाता है. वे कहां से आते हैं मायने नहीं रखता और प्रत्येक बच्चे को अधिकार एवं उचित मौका मिलना चाहिए, की बात करता है.
• विज्ञापन एजेंसी 180LA ने इस श्रृंखला का विचार तैयार किया और इसका पूरा निर्माण एनिमेशन हाउस कॉन्सूलैडो, हाउस ऑफ कल्रस, बुब्बाज़ चॉप शॉप और गिल्लिज और सिसिली स्टूडियो की मदद से खुद किया.





