भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों के बराबर लाने का प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पेश
अमेरिकी संसद ‘कांग्रेस’ में भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों के बराबर लाने का एक प्रस्ताव 24 मार्च 2016 को पेश किया गया, जिसका उद्देश्य व्यापार एवं प्रौद्योगिकी अंतरण के मामले में भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों के बराबर लाना और अमेरिका से रक्षा सामग्रियों के निर्यात के बाबत इसके दर्जे को ऊपर उठाना है.
• कांग्रेस के सदस्य एवं हाउस इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष जॉर्ज होल्डिंग की ओर से पेश किए गए अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं साझेदारी अधिनियम (एचआर-4825) में शस्त्र निर्यात नियंत्रण कार्य-योजना में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है ताकि अमेरिका के नाटो सहयोगियों एवं सबसे करीबी साझेदारों के बराबर दर्जे वाले प्रमुख साझेदार के रूप में संसदीय अधिसूचनाओं के उद्देश्य से भारत के दर्जे को औपचारिक रूप दिया जा सके.
• यह कानून अमेरिका से भारत को रक्षा सामग्रियों की बिक्री या निर्यात की अधिसूचना के लिए जरूरी समय में कमी लाकर भारत के दर्जे को उपर उठाएगा.
• इससे आकस्मिक स्थितियों के लिए और संयुक्त योजनाएं बनाने के काम को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिकी सरकार की समीक्षा और आपसी हितों के सैन्य अभियानों के क्रियान्वयन के लिए भारत की काबिलियत के आकलन की जरूरत होगी.
• नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो), एक सैन्य गठबंधन है. इसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को उत्तर अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई.
• नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे.
• लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने. यूरोपीय और अमरीका के बीच रिश्तों की तरह ही संगठन की ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस स्वतंत्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से 1966 से अलग हो गया.
• बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच 16 दिसम्बर 2002 को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो.
• नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का 70% से अधिक है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली 15% खर्च करते हैं.
• इस संगठन के 28 सदस्य देश हैं. फ्रांस 1966 में अलग होने के बाद वर्ष 2009 में पुनः संगठन का हिस्सा बन गया है।





