Paris Climate agreement to take effect from Nov 4
The landmark Paris agreement on climate change will enter into force on Nov. 4.
● President Barack Obama hailed the news as "a turning point for our planet," and U.N. Secretary-General Ban Ki-moon called the agreement's strong international support a "testament for the urgency of action."
● The deal takes effect 30 days after 55 countries, accounting for at least 55 percent of global emissions, have adopted it.
● Sixty-two countries had done so as of Tuesday but they accounted only for about 52 percent of emissions.
● The Paris agreement commits rich and poor countries to take action to curb the rise in global temperatures that is melting glaciers, rising sea levels and shifting rainfall patterns.
● It requires governments to present national plans to reduce emissions to limit global temperature rise to well below 2 degrees Celsius
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के बारे में पेरिस समझौता भावी पीढि़यों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पृथ्वी के बढ़ते तापमान के दुष्परिणामों को रोकने में मदद मिलेगी। ये 4 नवम्बर से लागू हुआ।
● संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की है कि जलवायु परिवर्तन के बारे में पेरिस समझौता चार नवंबर से लागू होगा। इस समझौते को लागू करने के लिए 55 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार कम से कम 55 देशों के हस्ताक्षर आवश्यक थे और यह आंकड़ा पार करने के साथ ही इस समझौते को लागू किए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
● कुल 72 देशों ने इस समझौते का अनुमोदन किया है जो 56 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
● भारत विश्व के 4.1 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है और भारत के अनुमोदन के बाद इसे लागू करने के लिए आवश्यक 55 प्रतिशत उत्सर्जन का आंकड़ा छूने के लिए तीन प्रतिशत अंकों से कुछ ही अधिक की आवश्यकता थी।
● जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के 195 पक्षों ने पेरिस में पिछले साल दिसंबर में सीओपी-21 सम्मेलन के दौरान इसे पारित किया था। इस समझौते में देशों से जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्थायी कम कार्बन उत्सर्जन वाले भविष्य के लिए आवश्यक निवेश एवं कार्यों में तेजी लाने के साथ साथ जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के अनुसार खुद को ढालने की अपील की गई है।
● समझौते में तापमान में वैश्विक वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से कम तक सीमित करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा का लक्ष्य हासिल करने की बात की गई है। इस समझौते पर अप्रैल को 175 देशों ने न्यूयार्क में हस्ताक्षर किए थे।