All ASI Protected Historical Monuments and Archaeological Sites Declared Polythene Free Zones
All ASI Protected Historical Monuments and Archaeological Sites have been declared ‘Polythene Free Zones’. Advisory has been issued to all State Governments/UTs to support ASI in keeping Monuments Polythene Free up to 300 meters from the protected boundaries of the Monuments. This information was given by Dr. Mahesh Sharma, Minister of State (I/C) for Culture and Tourism while briefing the media persons on the various initiatives of Ministry of Culture and Ministry of Tourism during Swachhata Pakhwada 16th – 30th September, 2016. He was addressing a Joint Press Conference on “Swachh Bharat Mission” along with Shri Narendra Singh Tomar, Minister for Rural Development and Drinking Water & Sanitation here today.
● The Minister said that ASI has ranked top 25 Adarsh Monuments on the basis of Cleanliness parameters such as amenities like toilets, green lawns, Polythene Free Zone, signage for awareness, disabilities access, drinking water and provision for garbage bins etc. “Rani ki Vav (Gujarat)” a World Heritage Site has been declared as the cleanest iconic place in the country.
● Dr. Mahesh Sharma further informed that 75 more Adarsh Monuments protected by ASI have been identified to be included in the ‘Swachh Paryatan Mobile App’ launched by the Ministry of Tourism. With this a total of 100 Adarsh Monuments protected by ASI will be included in the ‘Swachh Paryatan Mobile App’. This App was launched in February 2016 and is monitored by the Project Monitoring Unit of Swachh Bharat Mission in Ministry of Tourism.
● The Minister said that since the general public and the tourists are the largest stakeholders in keeping the monuments clean, the Ministry of Tourism has decided to facilitate the general public to communicate their complaints about any unclean area/garbage piles in and around tourist destinations.This useful mobile App enables a citizen to take photograph of garbage at the monument and upload the same along with his/her remarks. The application then sends an SMS to the ASI Nodal Officer concerned with the monument upon receipt of which the Nodal Officer gets the garbage cleared/removed. The Nodal Officer thereafter sends confirmation about the redressal of the complaint through an SMS to the complainant. This Mobile App is available on Google Search Engine as ‘Swachh Paryatan’.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित सभी ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक जगहों को पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है। सभी राज्य सरकारों/केंद्र शासित सरकारों को सलाह जारी की गई है कि ऐसे ऐतिहासिक स्मारकों की सीमा के 300 मीटर के दायरे को एएसआई पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित कर दी जाए। स्वच्छ भारत पखवाड़ा 16 से 30 सितंबर 2016 के दौरान लिए गए इन फैसलों की जानकारी केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान दी। डॉ. महेश शर्मा स्वच्छ भारत अभियान पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पेयजल- स्वच्छता मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
● केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एएसआई ने टॉप रैंक के 25 आदर्श स्मारकों को उनकी सफाई के आधार पर जैसे वहां मौजूद शौचालय, हरे-भरे मैदान, पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र, जागरुकता देने वाले बोर्ड, दिव्यांगो के लिए सुविधाएं, पेयजल और कूड़ादान की सुविधाओं को देखते हुए चुना गया है। "रानी की वाव (गुजरात)" को देश के सबसे साफ सुथरे दर्शनीय स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है।
● डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा एएसआई से संरक्षित 75 और आदर्श स्मारकों को स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप में शामिल करने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके साथ ही स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप में शामिल होने वाले कुल एएसआई संरक्षित स्मारकों की संख्या अब 100 हो चुकी है। इस मोबाइल एप की फरवरी 2016 में शुरुआत की गई थी और पर्यटन मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट इसकी निगरानी कर रही है।
● केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन स्मारकों को साफ सुथरा रखने में सबसे बड़ा योगदान आम लोगों और पर्यटको का है। ऐसे में पर्यटन मंत्रालय ने सैलानियों के लिए पर्यटन केंद्रों और उसके आसपास की जगहों पर गंदा/ कूड़ा फैले होने की सूचना देने की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।
एएसआई संरक्षित सभी ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक जगहों को पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित सभी ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक जगहों को पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है। सभी राज्य सरकारों/केंद्र शासित सरकारों को सलाह जारी की गई है कि ऐसे ऐतिहासिक स्मारकों की सीमा के 300 मीटर के दायरे को एएसआई पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित कर चुकी है। स्वच्छ भारत पखवाड़ा 16 से 30 सितंबर 2016 के दौरान लिए गए इन फैसलों की जानकारी केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान दी। डॉ. महेश शर्मा स्वच्छ भारत अभियान पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पेयजल- स्वच्छता मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
● केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एएसआई ने टॉप रैंक के 25 आदर्श स्मारकों को उनकी सफाई के आधार पर जैसे वहां मौजूद शौचालय, हरे-भरे मैदान, पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र, जागरुकता देने वाले बोर्ड, दिव्यांगो के लिए सुविधाएं, पेयजल और कूड़ादान की सुविधाओं को देखते हुए चुना गया है। "रानी की वाव (गुजरात)" को देश के सबसे साफ सुथरे दर्शनीय स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है।
● डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा एएसआई से संरक्षित 75 और आदर्श स्मारकों को स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप में शामिल करने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके साथ ही स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप में शामिल होने वाले कुल एएसआई संरक्षित स्मारकों की संख्या अब 100 हो चुकी है। इस मोबाइल एप की फरवरी 2016 में शुरुआत की गई थी और पर्यटन मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट इसकी निगरानी कर रही है।
● केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन स्मारकों को साफ सुथरा रखने में सबसे बड़ा योगदान आम लोगों और पर्यटको का है। ऐसे में पर्यटन मंत्रालय ने सैलानियों के लिए पर्यटन केंद्रों और उसके आसपास की जगहों पर गंदा/ कूड़ा फैले होने की सूचना देने की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।







