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केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने “निवारण” पोर्टल का शुभारंभ किया

रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 30 जून 2016 को  औपचारिक रूप से निवारण पोर्टल का शुभारंभ किया.
•    ये पोर्टल सेवारत कर्मचारियों और पूर्व रेल कर्मचारियों की सेवा संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली है. यह एक वाह्य शिकायत निवारण पोर्टल है.
•    ये ऑनलाइन प्रणाली कर्मचारियों को अपनी शिकायतों को दर्ज कराने के लिए और उनकी प्रगति पर नजर रखने की भी सुविधा देती है.
•    ये प्रणाली शिकायत के मामले में निर्णय संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उच्च अधिकारी को अपील के लिए सुविधा भी प्रदान करेगी.
•    इस प्रणाली में शीर्ष नियंत्रक प्राधिकरण भी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा भेजी गई शिकायत निवारण की प्रगति की निगरानी करने में सक्षम हो जाएगा.
•    ये एप्लीकेशन भारतीय रेलवे की आईटी शाखा सीआरआईएस द्वारा विकसित की गई है.
•    रेलवे बोर्ड के स्थापना निदेशालय द्वारा ये एप्लीकेशन डिजाईन की गई है.
•    ये निदेशालय कर्मचारियों के मामलों, कम्प्यूटरीकरण तकनीकी मार्गदर्शन और सूचना प्रणाली प्रबंधन करता है.

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने 30 जून 2016 को विज्ञान भवन,नई दिल्ली में अध्यापक शिक्षा पोर्टल "प्रशिक्षक" का शुभारंभ किया.
"प्रशिक्षक" को जिला शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) को सशक्त करने और देश की शिक्षा प्रणाली में श्रेष्ठ अध्यापक प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है.
•    प्रशिक्षक का शुभारंभ सिर्फ डीआईईटी के लिए किया गया है लेकिन यह भविष्य में खंड स्तर की संस्थाओं में भी लागू होगा और शिक्षा प्रणाली में जड़ से कमियों की पहचान करेगा.
•    प्रशिक्षिक की स्थापना मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सेंट्रल स्कावर फाउंडेशन द्वारा संयुक्त गठबंधन के रूप में की गई है.
•    प्रशिक्षिक का उद्देश्य डीआईईटी में गुणवत्ता मानकों की स्थापना करना है.
•    डीआईईटी को अपने संस्थान के बारे में उचित निर्णय लेने में सहायता करना है.
•    डीआईईटी को राज्य और देश के दूसरे डीआईईटी की क्षमता से तुलना करने के साथ-साथ अध्यापक बनने के इच्छुक युवाओं को निर्णय लेने में सहायता करना है.

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बिजली, कोयला एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने 16 जून 2016 को ‘ऊर्जा’ मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया.
दक्षिण गोवा में दो दिन के बिजली मंत्रियों के सम्मेलन के मौके पर केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने इस मोबाइल एप को जारी किया.
•    इस एप का मकसद शहरी बिजली वितरण क्षेत्र का उपभोक्ताओं के साथ संपर्क बेहतर करना है.
•    एप के माध्यम से उपभोक्ताओं को चोरी के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित होने और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से जुड़ी सूचनाएं तथा इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में मदद मिलेगी.
•    इसके ज़रिये उपभोक्ताओं को बिजली कटौती, समय पर कनेक्शन जारी करने तथा शिकायतों के निपटान के बारे में जानकारी दी जाएगी साथ ही ये एप बिजली चोरी पर लगाम लगाने में सरकार की मदद भी करेगा.
•    बिजली मंत्रालय के लिए ‘ऊर्जा’ एप को पावर फाइनेंस कारपोरेशन ने विकसित किया है.

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सिक्किम सरकारी आंकड़ों का पोर्टल लांच करने वाला भारत का पहला राज्य बना

सिक्किम देश का पहला राज्य बन गया जिसके सभी  सरकारी आंकड़ों को  ' sikkim.data.gov.in ' पोर्टल से जोड़ दिया गया है।
•    पोर्टल लोकसभा सांसद पी डी राय द्वारा शुरू किया गया था।
•    पोर्टल सिक्किम के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और दिल्ली के एनआईसी टीम द्वारा विकसित किया गया है ।
•    सिक्किम भारत का एक पर्वतीय राज्य है। 
•    सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। 
•    सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत से विलय के जनमत के कारण एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया।
•    उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ।
•    अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। 
•    भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है।
•    अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं परन्तु लिखित व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। 
•    हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। 
•    गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है।

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हवा में प्रदूषण की चेतावनी के लिए 'राजवायु' मोबाइल एप लॉन्च

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज प्रदेश के तीन शहरों जयपुर, जोधपुर एवं उदयपुर की हवा में प्रदूषण के स्तर की जानकारी एवं चेतावनी देने के लिए मोबाइल एप राजवायु को लांच किया।

•    राजे ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर मोबाइल एप का लांच करते हुये कहा कि प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण में आमजन विशेषकर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऐसे एप्स में गेभमग फीचर का इस्तेमाल करके इसे अधिक इंटरेक्टिव बनाया जाना चाहिए। 
•    उन्होंने कहा कि अगले चरण में प्रदेश के अजमेर, अलवर, भिवाडी, कोटा और पाली शहरों को भी इस नेट वर्क से जोड़ दिया जायेगा।
•    राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा यूनिसेफ राजस्थान तथा केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से तैयार राजवायु एप प्रदूषण मापक यंत्रों और मौसम संवेदी उपकरणों पर आधारित है। 
•    इन मशीनों द्वारा संकलित डाटा के माध्यम से यह एप आमजन को हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों के स्तर की जानकारी देगा। 
•    साथ ही यह शहर के तापमान नमी की मात्रा हवा की गति मौसम संबंधी चेतावनी और एडवाइजरी भी जारी करेगा।
•    केन्द्र सरकार के मौसम विज्ञान विभाग द्वारा संचालित सफर इंडिया वायु की गुणवत्ता मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान के लिए नेटवर्क से जुडऩे वाला राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देश का पहला बोर्ड है। 
•    वर्तमान में दिल्ली, मुम्बई तथा पुणे इस नेटवर्क से जुड़े हैं। 
•    इस अवसर पर राजे ने इस अवसर पर औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा राजकॉम्प द्वारा तैयार मोबाइल एप दृष्टि का भी शुभारंभ किया।

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अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एजेंसी और विद्युत मंत्रालय, भारत ने मिलकर मुख्यधारा नेट शून्य ऊर्जा भवन के लिए भारत के पहले एकीकृत वेब पोर्टल का शुभारंभ किया।
•    विद्युत मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एजेंसी (यूएसएड) भारत के पहले एकीकृत वेब पोर्टल की 27 मई 2016 को शुरूआत की ।
•    यह पोर्टल (www.nzeb.in) नेट शून्य ऊर्जा भवन को भारत में (एनजेडईबी) को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है ।
•    यह श्री प्रदीप कुमार पुजारी, सचिव, विद्युत मंत्रालय और अम्बेस्डर श्री जोनाथन ऐडलेटन, यूएसएआईड मिशन निदेशक भारत द्वारा शुरू की है।
•    यह अपनी तरह का पहला है जो नेट शून्य ऊर्जा बिल्डिंग के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे जिसमे जितनी बिजली उपयोग होगी उतनी ही उत्पन्न होगी ।
•    यह पोर्टल कुशल प्रकाश और उपकरण, अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के एकीकरण, और सबसे अच्छा अभ्यास डिजाइन रणनीतियों के उपयोग के माध्यम से लगभग शून्य ऊर्जा का दर्जा प्राप्त करने में मदद करेगा ।
•    यह नीति निर्माताओं, डेवलपर्स, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, स्थिरता सलाहकार, और शिक्षा के लिए भी जानकारी प्रदान करेगा।

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रेलवे मंत्रालय ने रेल हमसफर सप्ताह आरंभ किया

रेलवे मंत्रालय ने 26 मई 2016 को रेल हमसफर सप्ताह आरंभ किया. 
•    इसका उद्देश्य रेलवे मंत्रालय द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए किये गये उपायों पर प्रकाश डालना है.
•    रेल हमसफर सप्ताह 1 जून 2016 तक मनाया जायेगा.
•    इस सप्ताह के प्रत्येक दिन को एक विशेष विषय प्रदान किया गया है:
•    26 मई : स्वच्छता दिवस
27 मई : सत्कार दिवस
28 मई : सेवा दिवस
29 मई : सतर्कता दिवस
30 मई : सामंजस्य दिवस
31 मई : संयोजन दिवस
1 जून : संचार दिवस
•    सभी ज़ोनल रेलवे दफ्तरों में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि यात्री सुविधा क्रियाकलापों को पूरा किया जायेगा.
•    26 मई को स्टेशनों एवं रेलगाड़ियों में स्वच्छता पर बल दिया जायेगा. स्टेशनों पर की गयी स्वच्छता की जीएम एवं डीआरएम द्वारा निगरानी की जाएगी. 
•    27 मई को स्टेशनों एवं ट्रेनों में पानी की व्यवस्था की जांच की जाएगी. साथ ही गाड़ियों में पैंट्री कार की भी जांच एवं निगरानी की जाएगी.
•    28 मई को 10 से 4 बजे तक ट्रेनों की आवाजाही पर ध्यान दिया जायेगा तथा उन्हें समयसारणी के अनुसार ही चलाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.
•    29 मई को सभी ज़ोनल रेलवे स्टेशनों पर समयनिष्ठा एवं टिकट चेकिंग ड्राइव चलायी जाएगी.
•    30 मई को रेलवे स्टाफ कॉलोनियों की निगरानी की जाएगी. इन कॉलोनियों में सफाई अभियान चलाया जायेगा तथा सुविधाओं का आकलन किया जायेगा. 
31 मई को डीआरएम एवं जीएम अपने स्टाफ के साथ बैठक आयोजित करेंगे तथा विभिन्न सुधारों एवं आवश्यकताओं पर चर्चा करेंगे.
15 जून को डीएआरएम एवं जीएम इस एक सप्ताह के दौरान किये गये कार्यों  एवं गतिविधियों की समीक्षा करेंगे.

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 25 मई 2016 को लखनऊ स्थित बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर में 'भारतवाणी' वेब पोर्टल और मोबाइल एप का लोकार्पण किया.
•    उन्होंने मोबाइल एप के बारे में बताया कि एप में अभी 22 भारतीय भाषाओं के शब्दकोष जोड़े गए हैं.
•    एक साल के भीतर इसमें 250 भाषाओं के शब्दकोष शामिल किए जाएंगे.
•    देश में 40 करोड़ से अधिक लोग हिंदी में काम करते हैं लेकिन इंटरनेट पर एक फीसद से कम जानकारी हिंदी में मिलती है.
•    प्रौद्योगिकी की मदद से भाषाओं को बचाने में भी सफलता मिलेगी.
•    भारत के इतिहास में पहली बार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भारत की असीम विरासत को दुनिया के सामने लाया गया है।.
•    भारत में 1535 मातृभाषाएं हैं और पूरी दुनिया मानती है कि बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाया जाना चाहिए. यह पोर्टल इस दिशा में भी मददगार साबित होगा.

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इंटेलीजेंट ऑपरेशन सेंटर का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 19 मई 2016 को राष्ट्रपति भवन में इंटेलीजेंट ऑपरेशन सेंटर (आईओसी) का उद्घाटन किया.
•    राष्ट्रपति ने मोबाइल एप्प मॉनिटर का भी उद्घाटन किया ताकि प्रेसिडेंट्स एस्टेट को स्मार्ट टाउनशिप में बदला जा सके.
•    यह सॉफ्टवेयर आईबीएम द्वारा विकसित किया गया है.
•    यह एस्टेट में मौजूद विभिन्न स्रोतों से आंकड़े एकत्रित करके उसे उपयोग करता है.
•    यह आंकड़ों को एकीकृत दृश्य प्रदान करता है साथ ही रियल टाइम डाटा तथा विश्लेषण भी मुहैया कराता है. इससे सम्बंधित एजेंसियों को समस्याओं के समाधान हेतु हल निकालने के लिए आपस में तालमेल बैठाने एवं कार्यकुशलता में सटीकता लाने में सहायता मिलती है.
•    मॉनिटर मोबाइल एप्लीकेशन यहां के निवासियों के लिए एक टूल है जिसे इंटेलीजेंट ऑपरेशन सेंटर द्वारा संचालित किया जायेगा.
•    इससे निवासी अपने तथा यहां के संसाधनों (उर्जा, जल, कृषि, अपशिष्ट एवं सुरक्षा) की स्मार्ट तरीके से निगरानी रख सकेंगे.
•    इससे निवासी टूटी हुई स्ट्रीट लाइट, बिजली न आना, पानी की बर्बादी आदि की सूचना भेज सकेंगे एवं उनके द्वारा दर्ज की गयी शिकायत पर हो रही कार्यवाही की भी निगरानी कर सकेंगे.
•    इसमें अधिकारियों की जानकारी, उनका पता एवं सम्बंधित विभाग की जानकारी दी जाएगी.
•    इससे एस्टेट के निवासी सामाजिक रूप से अधिक जिम्मेदार, जागरुक एवं एक दूसरे के लिए सहयोगी भूमिका निभाने में सक्षम होंगे.

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अनुबंधित श्रमिक भुगतान प्रबंधन प्रणाली के लिए पोर्टल का शुभारंभ

4 मई 2016 को केंद्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के पोर्टल- ‘अनुबंधित श्रमिक भुगतान प्रबंधन प्रणाली’ (कांट्रैक्ट लेबर पेमेंट मैनेजमेंट सिस्टम) का शुभारंभ किया.
•    इस पोर्टल के माध्यम से वेतन की गणना की जाएगी और यह वेतन सभी अनुबंधित श्रमिकों के बैंक खाते में सीधे जमा करा दिया जाएगा.
•    यह कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों के लिए एक एकीकृत प्रणाली होगी.
•    घर में विकसित आवेदन सभी अनुबंध सीआईएल में अलग अलग ठेकेदारों द्वारा लगे श्रमिकों और उसके सभी सहायक कंपनियों के लिए एक व्यापक डेटाबेस बनायेगा.
•    पोर्टल, सभी अनुबंधित श्रमिको को एक श्रमिक पहचान संख्या देगा जिसके माध्यम से वह अपने व्यक्तिगत विवरण और भुगतान की स्थिति को देखने मे मदद मिलेगा.
•    सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य सभी उपक्रमों और निजी क्षेत्र के संगठनों को इस पोर्टल की प्रतिकृति बनाया जायेगा और इसके लिए नि:शुल्क तकनीकी सहायता प्रदान किया जायेगा.
•    यह पोर्टल 45 से 60 दिन के भीतर चालू हो जाएगा.

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