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आर्थिक सर्वेक्षण 2016

खजाना भरने की कोशिश में वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट 2016-17 में आयकर से छूट की सीमा बढ़ाने से परहेज कर सकते हैं। 
•    वहीं सोना और एटीएफ जैसी चीजों पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही पीपीएफ जैसी बचत योजनाओं पर टैक्स रियायत वापस लेने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। इस बात के संकेत आर्थिक सर्वे 2015-16 में दिए गए हैं जिसे वित्त मंत्री ने शुक्रवार को लोक सभा में पेश किया। 
•    राजकोषीय क्षमता बढ़ाने को आयकर की छूट में वृद्धि न करने की सलाह देते हुए सर्वे में कहा गया है कि भारत में फिलहाल सिर्फ 4 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाता हैं जबकि यह आंकड़ा 23 प्रतिशत होना चाहिए। 
•    सर्वे में एक उदाहरण देते हुए कहा गया है कि अगर 2012-13 में आयकर से छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपये होती तो अब तक 1.65 करोड़ नए करदाता जुड़ जाते और कर राजस्व में 31,500 करोड़ रुपये की वृद्धि हो जाती। इससे भारत का टैक्स-जीडीपी अनुपात भी 0.32 प्रतिशत बढ़ जाता। सर्वे में कहा गया है कि विमानन ईधन यानी 

एटीएफ पर फिलहाल 20 प्रतिशत टैक्स लगता है जबकि पेट्रोल पर 61 प्रतिशत और डीजल 55 प्रतिशत टैक्स लगता है। इसी तरह सोने पर भी मात्र 1 से 1.6 प्रतिशत टैक्स ही लगता है जबकि सामान्य वस्तुओं पर 26 प्रतिशत तक टैक्स लगता है। 
•    सोने पर केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क शून्य है जबकि सामान्य वस्तुओं पर यह 12.5 प्रतिशत होता है। इस तरह इन दोनों वस्तुओं पर सामान्य की तुलना में काफी कम टैक्स लगता है। 
•    सर्वे में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा गया है कि इससे स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही धनाढ्य लोगों की कृषि आय को भी आयकर के दायरे में लाने की बात भी इसमें कही गई है। 
•    जीएसटी से रुकेगी 3.3 लाख करोड़ रुपये परोक्ष कर हानि जीएसटी को अद्वितीय कर सुधार करार देते हुए सर्वे में कहा गया है कि इससे 3.3 लाख करोड़ रुपये की परोक्ष कर हानि रुकेगी। 
•    सर्वे में कहा गया है कि भारतीय कर प्रणाली में आश्चर्यजनक परिवर्तन होने जा रहे हैं। पहला बदलाव जीएसटी है जिससे 20 से 25 लाख उत्पाद एवं सेवा कर प्रदाता प्रभावित होंगे और कर वसूली के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। 
 

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