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केंद्र सरकार ने जिला स्तर पर सलाहकार एवं निगरानी समितियों के गठन को मंजूरी दी

22 जून 2016 को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने जनता केंद्रित नियोजन एवं नई शहरी विकास योजनाओँ के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए  जिला स्तर पर सलाहकार एवं निगरानी समितियों के गठन को मंजूरी दे दी.
•    इन समितियों में देश के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे, इसलिए सांसदों (एमपी) और विधान सभा के सदस्यों (विधायकों) की उपस्थिति शहरी विकास योजनाओं के कार्यान्वयन को सही दिशा देंगे. 
•    अपनी तरह की पहली, ये समितियां शहरी विकास, सस्ते आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण, समीक्षा और निगरानी करेंगी.
•    स्वच्छ भारत मिशन
•    अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमरुत)
•    विरासत शहर विकास एवं संवर्धन योदना (हृदय)
•    प्रधानमंत्री आवास योजना–सब के लिए घर (शहर) और
•    दीनदयाल अंत्योदय योजना–राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन
•    जलापूर्ति जैसे सेवा स्तर के संकेतकों में सुधार की समीक्षा.
•    ई– गवर्नेंस पर फोकस के साथ सुधारों के कार्यान्वयन और निर्माण परमिट को मंजूर कराने में आसानी की प्रगति की समीक्षा.
•    कार्यान्वयन में आ रही बाधाओँ पर राज्य एवं केंद्र सरकारों को परामर्श देना.
•    • कार्यान्वयन के मध्य में सुधार सुझाव प्रदान करना.
•    विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की सुविधा.
•    केंद्र/ केंद्र शासित प्रदेश द्वारा संसद के वरिष्ठतम सदस्य को समति का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा और दो और सांसद-लोकसभा और राज्य सभा से एक–एक, सह-अध्यक्ष होंगे। 
•    शहरी स्थानीय निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संबंधित जिलों के सभी विधायक और मेयर.
•    शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्ष.
•    जिला में शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी.
• लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के वरिष्ठतम प्रतिनिधि.
•    जल बोर्ड और सीवरेज बोर्ड जैसे निकायों के वरिष्ठतम अधिकारी.
•    महानगरों के जिलाअधिकारी या नगरनिगम आयुक्त सदस्य सचिव होंगे.

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