शंघाई आधारित नए विकास बैंक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए अपनी पहली रॅन्मिन्बी -नामित बांड जारी करने जा रहा है.
• इसकी घोषणा बैंक के वाईस प्रेसिडेंट पोलू नोगुइरा बतिस्ता ने की
• बैंक ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित किया गया था
• जुलाई 2015 में ब्रिक्स देशों - चीन, रूस, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने एक नए बैंक (नए विकास बैंक) की स्थापना की जिसका उद्देश्य ब्रिक्स देशों और अन्य उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की सतत विकास की मूलभूत परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना है।
• बतिस्ता ने कहा कि अधिक बांड भारत में रुपयों सहित ब्रिक्स देशों के स्थानीय मुद्राओं में, बैंक के बोर्ड और स्थानीय अधिकारियों परियोजना की योजना का समर्थन जारी किए जाएंगे।
• इस बैंक का प्रमुख कार्य हैं- किसी देश शॉर्ट-टर्म लिक्विडिटी समस्याओं को दूर करना, ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाना, वैश्विक फाइनैंशल सेफ्टी नेट को मजबूत करना आदि।
• एनडीबी के पास आरम्भ में 100 बिलियन डॉलर की आधार राशि रखी रखी गई है, जिसका इस्तेमाल ढांचागत परियोजनाओं के लिए किया जाएगा जो सभी ब्रिक्स देशों के लिए एक प्रमुख मुद्दा हैं।
• हालांकि, चीन की कई निर्माण कंपनियों की विदेशों में बड़ी परियोजनाओं होने से इससे उन्हें अधिक लाभ मिलेगा।
• इस बैंक के अलावा, ब्रिक्स के पांच सदस्य भी अलग से 100 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार अलग से स्वैप लाइनों के लिए रिजर्व रखेंगे, जिसका उपयोग कोई भी ब्रिक्स सदस्य एक आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था के तहत कर सकता है। बैंक का मुख्यालय शंघाई में होगा, और इसके पहला अध्यक्ष भारत से होगा।