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'ब्रह्मोस' मिसाइल को दूसरे देशों को एक्सपोर्ट करने के लिए भारत-रूस सहमत

भारत और रूस 'सैद्धांतिक तौर' पर दुनिया की सबसे तेज एंटी शिप क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस का निर्यात दूसरे देशों को करने के लिए तैयार हो गए हैं। 

•    इन देशों में यूएई, वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका और चिली शामिल हैं।
•    रूस ब्रह्मोस ज्वाइंट वेंचर में पार्टनर देश है। इसलिए सहमति के लिए बातचीत कई अन्य देशों से चल रही है। 
•    जिनमें फिलिपीन्स, दक्षिण कोरिया, अल्जीरिया, ग्रीस, मलेशिया, थाईलैंड, मिस्त्र, सिंगापुर, वेनेजुएला और बुल्गारिया के साथ इसे अगले स्तर पर ले जाया गया है।
•    इस साल के अंत तक ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूएई के साथ डील पर हस्ताक्षर करेगा। 
•    वियतनाम के मामले में चीन ने अपनी चिंता का भारत के हथियार उपलब्ध कराने को लेकर पहले ही इज़हार किया है। 
•    दक्षिण चीन सागर और वियतनाम समुद्री सीमाओं को लेकर संघर्षरत हैं।
•    ब्रह्मोस एक शॉर्ट रेंज रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है। जिसे पनडुब्बियों, जहाजों, एयरक्राफ्ट्स और जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है। 
•    मिसाइल बनाने के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गयी थी । 
•    ब्रह्मोस का नाम दोनों देशों की दो नदियों के नामों के आधार पर रखा गया है। इसमें भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा।

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