भारत का पहला पुनः प्रयोग किया जाने वाला स्पेस शटल आरएलवी-टीडी लॉन्च
• भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 23 मई 2016 को पुनः प्रयोग हो सकने वाला स्वदेशी स्पेस शटल (आरएलवी-टीडी) श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से लांच किया.
• इसे सॉलिड राकेट मोटर (एसआरएम) द्वारा ले जाया गया. नौ टन के एसआरएम का डिजाईन इस प्रकार से बनाया गया है जिससे यह धीरे-धीरे घर्षण को सहन करता है.
• शटल को लॉन्च करने के बाद व्हीकल को बंगाल की खाड़ी में बने वर्चुअल रनवे पर लौटाने का फैसला किया गया.
• सॉलिड फ्यूल वाला स्पेशल बूस्टर इसकी फर्स्ट स्टेज रही. ये आरएलवी-टीडी को 70 किमी तक ले गई. इसके बाद आरएलवी-टीडी को बंगाल की खाड़ी में नेविगेट करा लिया गया.
• यह स्पेस शटल रियूजेबल लॉन्च व्हीकल-टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (RLV-TD) से लॉन्च होगा.
• 6.5 मीटर लंबे हवाई जहाज की तरह दिखने वाले स्पेसक्राफ्ट का वजन 1.75 टन है.
• इस परियोजना की लागत 95 करोड़ रूपये है. यह अमेरिका के स्पेस शटल जैसा ही है.
• आरएलवी-टीडी के जिस मॉडल का प्रयोग किया जाएगा, वह इसके अंतिम रूप से 6 गुना छोटा है. आरएलवी-टीडी का अंतिम रूप बनने में 10-15 साल का समय लगेगा.
• इसका निर्माण थिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में 600 वैज्ञानिकों की टीम द्वारा पांच वर्ष में किया गया.