वित्त मंत्रालय ने सोमवार इपीएफओ में जमा भविष्य निधी पर 8.7 प्रतिशत ब्याज को मंजूरी दे दी है। 
•    हालांकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी यानी सीबीटी ने फरवरी में सरकार को साल 2015-16 के लिए ईपीएफओ पर ब्याज दर 8.8 प्रतिशत करने की सिफारिश की थी।
•    लेकिन सरकार ने इपीएफओ के अंतर्गत 8.7 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया है जिससे करीब 5 करोड़ पेंशनधारी लाभान्वित होंगे।
•    श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी। ऐसा पहली बार है जब सरकार ने सीबीटी की सिफारिशों को ना मानते हुए अपने अनुसार इपीएफओ की ब्याज दरों में परिवर्तन का फैसला किया है।
•    संभवत: यह पहला अवसर है जबकि वित्त मंत्रालय ने सीबीटी की सिफारिश नहीं मानी है और अंशधारकों को देय ब्यज में कमी की है. 
•    ईपीएफओ ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत का ब्याज दिया था. वर्ष 2012-13 के 8.5 प्रतिशत तथा 2011-12 के 8.25 प्रतिशत ब्याज दिया गया था. 
•    ईपीएफओ के सितंबर में लगाये गये अनुमान के आधार पर कहा गया था कि निकाय अंशधारकों को वर्ष 2015-16 के लिए आसानी से 8.95 प्रतिशत तक का ब्याज दे सकता है और उसके बाद भी उसके पास 100 करोड रुपये का अधिशेष बचेगा.