नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने 07 जुलाई 2016 को उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्‍ली में 231 परियोजनाओं का शुभारम्भ किया. जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने हरिद्वार से मुख्‍य कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
प्रारंभ में यह योजना 104 स्थानों पर सभी पांच गंगा बेसिन वाले राज्यों में शुरू की गयी. सरकार ने 2018 तक गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा की सफाई का लक्ष्य रखा है. सरकार का इरादा नदी में प्रदूषण के स्तर की निगरानी हेतु एक ऐप भी विकसित करने का है.
•    डेढ़ हजार करोड़ के ढाई सौ प्रोजेक्‍ट 100 स्थानों पर आरम्भ किए गए हैं.
•    सफाई परियोजनाओं में घाटों का नवीनीकरण, शवदाह स्थलों और मल प्रवाह ढांचे को आधुनिक बनाने का काम किया जाएगा. इसके अलावा वृक्षारोपण, जल निकासी, कचरा प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे.
•    देश के 13 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थानों ने ऐसे 5-5 गांवों का विकास करने की जिम्‍मेदारी ली हैं
•    इन गांवों के 328 सरपंचों को अब तक पंजाब के सींचेवाल गांव ले जाया गया है जहां उन्‍होंने सींचेवाल के विकास की जानकारी ली.
•    गंगा किनारे ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणासी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में आठ जैव विविधता संरक्षण केंद्रों का विकास किया जाएगा
•    राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन घाटी आधारित समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए राष्‍ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले पांच राज्‍यों में प्रदूषण नियंत्रण, जलीय संसाधन संरक्षण और संस्‍थागत विकास परियोजनाओं को संचालन किया जाएगा.
•    उत्तराखंड के देहरादून, गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग और चमोली जिलों के विभिन्न स्थानों पर इस तरह की 47 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
•    नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 20 परियोजनाएं पश्चिम बंगाल के उत्‍तरी 24 परगना, नदिया, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में शुरू की जाएंगी.
•    बिहार के बक्‍सर, वैशाली, सारण, पटना और भागलपुर जिलों में 26 परियोजनाएं शुरू की जाएगी.
•    उत्‍तर प्रदेश के अमरोहा, बिजनौर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणासी, फरूखाबाद और कानपुर जिलों में 112 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
•    गंगा ग्राम योजना के पहले चरण में गंगा के तट पर बसे 400 गांवों का विकास किया जाएगा.
•    गंगा के किनारे बसे शहरों एवं 1657 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों के साथ जन जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन द्वारा नियमित संवाद किया जा रहा है.
निर्मलता का फेज वन 2016 अक्तूबर, निर्मलता का फेज टू 2018 अक्तूबर और किसानों की सहमति मिलने के बाद नदी का मूल तत्व अविरलता 2020 तक संभावित है.