दिल्ली कैबिनेट ने 6 जून 2016 को राष्ट्रीय राजधानी के लिए सौर नीति को मंजूरी प्रदान की. 
•    इस नीति के अनुसार वर्ष 2020 तक दिल्ली में 1 गिगावाट (1,000 मेगावाट) क्षमता तक की सौर ऊर्जा स्थापित की जाएगी जिसे अगले पांच वर्षों में दोगुना किया जाएगा.
•    मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के साथ विमर्श के उपरांत सौर नीति को मंजूरी दी गयी.
•    इसके अनुसार सभी सरकारी एवं सार्वजनिक संस्थानों को छतों पर सौर पैनल लगाना अनिवार्य होगा.
•    छतों पर दो मीटर की उंचाई तक सौर पैनल लगाने के लिए भवन उपनियमों में संशोधन किए गए.
•    इस नीति का उद्देश्य दिल्ली को 2020 तक 1,000 मेगावाट बिजली के उत्पादन द्वारा 'सोलर सिटी' बनाना है और इसे 2025 तक 2,000 मेगावाट बिजली प्राप्त करना है.
•    सरकार द्वारा निर्धारित कंपनियां ही लोगों के घरों पर सोलर पैनल लगाएंगी और बिजली बेचेंगी.
•    सौर नीति के लिए बनाये गये भवन उपनियम के अनुसार 200 किलोवाट तक की सौर प्रणाली को इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर की ओर से जारी सर्टिफीकेशन से बाहर रखा गया है.