प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉडल दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का नियमन) विधेयक 2016 पर विचार किया। इसके बाद यह विधेयक राज्यों/ केन्द्र शासित क्षेत्रों को भेजा जाएगा और उसके बाद इसपर इनसे विचार मांगे जाएंगे तथा उनकी आवश्यकताओं के अनुसार इसके प्रावधानों को संशोधित करने के बाद ही इसे लागू करने पर विचार किया जाएगा। 

•    इस विधेयक को लोगों से इंटरनेट के माध्यम से विस्तृत विचार-विमर्श और कर्मचारियों/श्रम प्रतिनिधियों, नियोक्ता संघों/महासंघों और राज्य सरकारों के साथ त्रिपक्षीय परामर्श प्रक्रिया के बाद ही अंतिम रूप दिया गया। 
•    इसके अंतर्गत विनिर्माण इकाइयों को छोड़कर वैसे प्रतिष्ठानों जहां दस या उससे अधिक श्रमिक काम करते हैं, आएंगे।
•    यह विधेयक बिना समय बाधता के साल में 365 दिन संचालित करने स्वतंत्रता प्रदान करता है। अगर संस्था महिलाओं को आश्रय का प्रावधान, आराम कक्ष, महिला शौचालय, गरिमा को पर्याप्त सुरक्षा और परिवहन साधन इत्यादि उपलभ्ध कराती है तो उन्हें (महिलाओं को) रात की पाली में भी काम करने की इजजात दी जाए। 
•    भर्ती, प्रशिक्षण, स्थानांतरण और पदोन्नति के मामले में महिलाओं के खिलाफ कोई भेदभाव न हो । 
•    पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन सरलीकृत प्रक्रिया । 
•    श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए नियोक्ता द्वारा उठाए जाने पर्याप्त उपाय के संबंध में नियम बनाने के लिए सरकार की शक्तियां। 
•    साफ और स्वच्छ पीने का पानी 
•    प्रतिष्ठानों में शौचालय, क्रेच, प्राथमिक चिकित्सा और कैंटीन की सुविधा और अगर यह जगह की कमी या अन्यथा किसी और व्यक्तिगत कारण से संभव है या नहीं। 
•    राष्ट्रीय छुट्टियों इत्यादि के अलावा 5 भुगतान युक्त त्योहार पर छुट्टियां 
•    रोज 9 घंटे या सप्ताह में कुल 48 घंटे के साथ 125 घंटे के कुल समय से ज्यादा उच्च कुशल श्रमिकों की छूट (जैसे आईटी, जैव प्रौद्योगिकी और अनुसंधान तथा विकास के क्षेत्र में काम करने वाले) दी जाएगी 
•    मॉडल विधेयक का उद्देश्य विधायी प्रावधानों में एकरूपता लाना होगा। इसे इतना आसान बनाना कि सभी राज्य इसे अपनाने के लिए तैयार हों और इस तरह देश भर में एक समान काम करने की स्थिति और कारोबार करने की आसानी को सुनिश्चित किया जाए तथा रोजगार के अवसर पैदा हों।