रिपोर्ट्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने 20 अप्रैल 2016 को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2016 जारी किया. इंडेक्स में फिनलैंड लगातार छठे वर्ष पहला स्थान बनाए रखने में सफल रहा. इसके बाद नीदरलैंड्स और नॉर्वे का स्थान रहा.
पत्रकारों को मिलने वाली स्वतंत्रता के अनुसार इंडेक्स में 180 देशों को रैंक किया गया है. साथ ही इसने प्रत्येक क्षेत्र में मीडिया की स्वतंत्रता उल्लंघन स्तर के संकेतकों को भी शामिल किया है. वैश्विक संकेतक और क्षेत्रीय संकेतक बताते हैं कि दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता के संदर्भ में अत्यंत विचारणीय कमी आई है.
लेकिन यह प्रत्येक देश में पत्रकारिता की गुणवत्ता का संकेतक नहीं है और हालांकि सरकारों का उनके देश की रैंकिंग पर स्पष्ट रूप से प्रमुख प्रभाव होता है फिर भी यह जन नीतियों को रैंक नहीं करता है.
19.8 अकों के साथ यूरोप की मीडिया अभी भी सबसे अधिक स्वतंत्र है, इसके बाद 36.9 अंकों के साथ अफ्रीका का स्थान है. अफ्रीका ने पहली बार अमेरिका (37.1), ऐसा इलाका जहां पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं, को पीछे छोड़ा है.
43.8 अंकों के साथ एशिया और 48.4 अंकों के साथ पूर्वी यूरोप/ मध्य एशिया जबकि 50.8 अंकों के साथ उत्तर अमेरिका/ मध्य पूर्व ऐसे क्षेत्र हैं जहां पत्रकारों को सभी प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
फिनलैंड, नीदरलैंड्स और नॉर्वे पहले तीन स्थानों पर हैं जबकि अंतिम तीन स्थानों पर – तुर्कमेनिस्तान (178), उत्तर कोरिया (179) और इरिट्रिया (180) हैं.
कुछ देश ऐसे भी हैं जिनकी रैंकिंग में पिछले वर्ष की तुलना में बहुत गिरावट आई है. इनमें शामिल हैं– पोलैंड ( 47वां, 29 स्थान की गिरावट), तजाकिस्तान (150वां, 34 स्थान की गिरावट), ब्रुनेई सल्तनत (155 वां, 34 स्थान की गिरावट), बुरुंडी (156, 11 स्थान की गिरावट).
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्रकारों के खिलाफ उदासीन बताते हुए भारत को 133 वां स्थान दिया गया है.
वर्ष 2002 से आरएसएफ सालाना वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स का प्रकाशन कर रहा है. देशों के बीच अनुकरण के सिद्धांत पर आधारित यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है. क्योंकि अब यह इतनी अच्छी तरह से जाना जाता है, मीडिया, सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर इसका प्रभाव बढ़ रहा है.
यह मीडिया की स्वतंत्रा के आकलन पर आधारित है जो बहुलवाद, मीडिया की आजादी, कानूनी रूपरेखा की गुणवत्ता और 180 देशों में पत्रकारों की सुरक्षा के पैमाने पर आकलन करता है. इसे दुनिया भर के विशेषज्ञों द्वारा तैयार प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जो कि 20 भाषाओं में तैयार किए जाते हैं, संकलित किया गया है.
यह गुणात्मक विश्लेषण मूल्यांकन अवधि के दौरान पत्रकारों का अपमान और उनके साथ होने वाली हिंसा पर मात्रात्मक आंकड़ों के साथ मिलाकर किया गया है.