राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार 2014 प्रदान किए
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 अप्रैल 2016 को राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार 2014 प्रदान किए.
वर्ष 2014 में भू विज्ञान, खनन तथा संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए 33 भू-वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
पीआरएल अहमदाबाद के मानद प्रोफेसर अशोक कुमार सिंघवी को चतुर्धातुक भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2014 का ‘उत्कृष्टता का राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
आईआईटी कानपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. इन्द्र शेखर सेन को भू-रासायनिक उद्भव के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2014 का ‘युवा वैज्ञानिक भू-विज्ञान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
• राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों को पहले राष्ट्रीय खनिज पुरस्कारों के नाम से जाना जाता था और इसकी शुरूआत 1966 में खान मंत्रालय द्वारा की गई थी.
• यह सम्मान भू विज्ञान, खनन तथा संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान और असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है.
• राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों में नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है.
• अभी तक (एनजीए-2013 तक) 721 भू-विज्ञानिकों को राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
• राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों में 1 पुरस्कार उत्कृष्टता के लिए, 1 युवा वैज्ञानिक पुरस्कार तथा 16 भू विज्ञान क्षेत्रों में 19 व्यक्तिगत तथा टीम पुरस्कार भी शामिल हैं.