प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार 2014-15 प्रदान किये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च 2016 को नई दिल्ली में वर्ष 2014-15 के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किये. यह पुरस्कार आठ राज्यों को दिए गये जिनके मुख्यमंत्रियों ने यह पुरस्कार ग्रहण किये.
• इन पुरस्कारों का उद्देश्य राज्यों को धान, गेहूं, दलहन, साबुत अनाज और तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
• राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार 2014-15:कुल खाद्यान्न उत्पादन
• श्रेणी-I राज्य (10 लाख टन से अधिक उत्पादन) : मध्य प्रदेश
• श्रेणी-II राज्य (1 से 10 लाख टन उत्पादन) : हिमाचल प्रदेश एवं ओडिशा
• श्रेणी-III राज्य (1 लाख टन से कम उत्पादन) : अरुणाचल प्रदेश एवं मेघालय
• प्रत्येक पुरस्कार विजेता राज्य को एक ट्रॉफी, एक प्रशस्ति पत्र एवं 5 करोड़ रुपये दिए गये.
• धान – हरियाणा, असम
• गेहूं - राजस्थान
• दालें – छत्तीसगढ़
• तिलहन – पश्चिम बंगाल
• प्रत्येक पुरस्कार विजेता राज्य को एक ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और 2 करोड़ रूपए का नकद पुरस्कार दिया गया.
• यह पुरस्कार वर्ष 2010-11 से आरंभ किये गये जिसका उद्देश्य धान, गेहूं, दालों एवं साबुत अनाज की पैदावार को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना है.
• कृषि कर्मण पुरस्कार देश के खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे अधिक योगदान देने वाले राज्यों को दिए जाते हैं.
• इसके अंतर्गत तीन पुरस्कार कुल खाद्यान्न उत्पादन के लिए निहित हैं एवं चार पुरस्कार धान, गेहूं, साबुत अनाज एवं दालों के उत्पादन के लिए दिए जाते हैं.
• •इसके अतिरिक्त पिछले 4-5 वर्षों में उत्पादकता में सुधार करने वाले राज्यों को प्रशस्ति पुरस्कार भी प्रदान किये जाते हैं लेकिन यह राज्य कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए पात्रता नहीं रखते. इस पुरस्कार के लिए 1 करोड़ रुपये दिए जाते हैं.
महाराष्ट्र सरकार 2016 को 'किसान स्वाभिमान वर्ष' के रूप में मनाएगी
महाराष्ट्र सरकार 2016 को राज्य में 'किसान स्वाभिमान वर्ष' के रूप में मनाएगी। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जबकि राज्य सूखे के साथ साथ कृषि क्षेत्र में कई तरह के संकट से जूझ रहा है।
• वित्त मंत्री सुधीर मुंगतीवार ने कल राज्य विधानसभा में 2016-17 का बजट पेश करते हुए 2016 को 'किसान स्वाभिमान वर्ष' के रूप में मनाने की घोषणा की।
• यह घोषणा राज्य के विभिन्न हिस्सों में पड़े सूखे और खेती के समक्ष उपजे संकट को देखते हुये की गई है।
• राज्य का वर्ष 2016-17 का राजस्व घाटे का बजट पेश करते हुये मुगंतीवार ने राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और विभिन्न कृषि योजनाओं के लिये 25,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
• वित्त मंत्री ने इसके साथ ही राज्य की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की 58 प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों में से 26 प्रमुख योजनाओं के लिये व्यापक आवंटन किया है।