वैज्ञानिकों ने बृहस्पति की तरह दिखने वाले ग्रह केपलर-1647बी की खोज की है. दो सितारों की एक प्रणाली की परिक्रमा करता हुआ पाया गया जिसके कारण इसका अस्तित्व ब्रह्मांड में सबसे बड़ा हो सकता है.
ग्रह केपलर-1647बी, नक्षत्र सिग्नस में स्थित है जिसे नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर और सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के खगोलविदों द्वारा खोजा गया.
खोजकर्ताओं के अनुसार केपलर-1647 लगभग 3700 प्रकाश वर्ष दूर है एवं यह 4.4 बिलियन वर्ष पुराना हो सकता है जो लगभग पृथ्वी के समान है.
•    इसे नासा के स्पेस टेलीस्कोप केपलर द्वारा खोजा गया. इस उपकरण को वर्ष 2009 में हमारे सौर मंडल से दूर स्थित मौजूद ग्रहों का पता लगाने के लिए तैयार किया गया था.
•    इससे पता चला कि इन तारों में एक सूर्य से बड़ा है तथा एक छोटा है.
•    इस ग्रह का द्रव्यमान और त्रिज्या बृहस्पति के समान ही है जिसके कारण यह सबसे बड़े ग्रह होने का दावा करता है. जो ग्रह सितारों की परिक्रमा करते हैं उन्हें कुकुम्बरी ग्रह कहा जाता है.
•    इसे दोनों सितारों का चक्कर पूरा करने में 1107 दिन लगते हैं जो कि किसी ग्रह द्वारा लगाया जाने वाला सबसे अधिक समय है.
•    ग्रह की कक्षा तथाकथित रूप से आवासीय क्षेत्र हो सकता है जहां पानी की मौजूदगी को नाकारा नहीं जा सकता.
•    ब्रहस्पति की तरह यह भी एक गैसीय ग्रह है.
यह अध्ययन एस्ट्रोफिज़िकल नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया.