14 मई को यूएस नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा जारी सूचना के मुताबिक अप्रैल 2016 लगातार छठा ऐसा माह बना जो 1951 से लेकर 1980 तक के औसत से एक फीसदी ऊपर रहा.

•    अप्रैल माह के आंकड़ों ने वर्ष 2016 की गर्म शुरुआत के सिलसिले को जारी रखा. इस वर्ष का हर महीना बीते 130 वर्षों के वैश्विक आंकड़ों की तुलना में काफी गर्म रहा.
•    अगले सप्ताह नेशनल ओसिएनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा रिलीज होने वाला नया डाटा बताएगा कि बीते 12 माह क्रमानुसार ऐसे रहें हैं जिन्होंने अब तक के गर्मी के रिकॉर्ड तोड़े हैं.
•    बीते वर्ष दुनिया भर में तापमान में बढ़ोतरी को विशेषज्ञों द्वारा मापा गया जिसमें पता चला कि 1880 से लेकर अब तक बढ़े कुल वैश्विक तापमान का 25 फीसदी केवल पिछले वर्ष ही बढ़ा है.
•    बढ़ते तापमान का पर्यावरण पर वाकई प्रभाव पड़ा है. 
•    समुद्र में बर्फ का स्तर इन गर्मियों में अब तक का सबसे कम होगा. 

•    इस बीच बीते 18 माह में समुद्र में मौजूद पूरी मूंगा चट्टानों में से एक चौथाई ब्लीचिंग का शिकार हुईं. 
•    जिसकी वजह पानी का गर्म तापमान और इसमें बढ़ता अम्ल (एसिड) बना.
•    हॉलथौस कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि यह रिकॉर्ड तापमान चार से छह माह तक जारी रहेगा.
•    अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि मानवीय गतिविधियों का पृथ्वी के मौसम में बदलाव में गंभीर योगदान है.