आइसलैंड में राजनीति के नए चेहरे एवं इतिहास के प्रोफेसर गुडनी जोहानसन ने 39.1 प्रतिशत वोटों के साथ राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर ली है। 
•    इस आशय की घोषणा सार्वजनिक टीवी चैनल ‘आरयूवी’ पर रविवार (26 जून) की गयी। 
•    अप्रैल में हुए तथा-कथित पनामा पेपर्स लीक के बाद जोहानसन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला लिया। इस पेपर्स लीक में विदेशों में मौजूद बैंक खातों का ब्योरा था, जिसमें आइसलैंड के कई नेताओं का भी नाम था। 
•    पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता-विरोधी लहर पर सवार रहे और अपने गैर-विभाजनकारी, स्वतंत्र राष्ट्रपतित्व के दृष्टिकोण पर जोर देते रहे। 
•    यह जीत उनके लिए बड़ी खुशी लेकर आई है क्योंकि प्रोफेसर रविवार (26 जून) को अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। 
•    बिना किसी पार्टी के समर्थन चुनाव लड़ रही महिला उद्योगपति हाला तोमास्डोतिर 27.9 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे स्थान पर रही हैं। 
•    आइसलैंड में राष्ट्रपति का पद भारतीय राष्ट्रपति के पद के समान ही है। देश में ज्यादा महत्वपूर्ण आम चुनाव वसंत के मौसम में होने हैं। 
•    जोहानसन अब 73 वर्षीय उलोफुर रगनार ग्रिमसन का स्थान लेंगे। वह पिछले 20 वर्ष से राष्ट्रप्रमुख हैं।