विश्व भर में 26 जून 2016 को नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया. इस वर्ष का विषय था – पहले सुनें.
•    इस वर्ष के विषय को नशाखोरी से बचाव हेतु जारी किया गया ताकि बच्चों, युवाओं एवं उनके परिवारों को बेहतर माहौल एवं सहयोग प्रदान किया जा सके.
•    इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) द्वारा विश्व ड्रग रिपोर्ट 2016 भी जारी की गयी.
•    7 दिसम्बर 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा प्रस्ताव 42/112 द्वारा 26 जून को नशीली दवाओं के सेवन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी. इस दिवस का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से मुक्ति पाना है तथा समाज में सशक्तिकरण लाना है.
•    इस प्रस्ताव से 1987 के नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को भी मजबूती प्राप्त हुई.
•    नशीली दवाओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष सत्र 
•    अप्रैल 2016 को संयुक्त राष्ट्र ने नशीली दवाओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष सत्र आमंत्रित किया. यह सत्र 2009 के पॉलिसी डॉक्यूमेंट के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसमें नशीली दवाओं के सेवन के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने हेतु कदम उठाने का आग्रह किया गया था.
•    इस योजना के तहत सदस्य देशों को 2019 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा गया है.
•    मांग और आपूर्ति में कमी लाने तथा प्रतिबंधित दवाओं के उपयोग में नियंत्रण लाये जाने हेतु कदम उठाये जाने चाहिए.
•    इसमें मानव अधिकार, युवा, बच्चे, महिलाएं एवं समाज के विभिन्न वर्ग शामिल हैं. इसके अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वैकल्पिक विकास तथा मानसिक दिक्कतों जैसी चुनौतियां शामिल हैं.
•    मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के लिए आनुपातिक राष्ट्रीय सजा नीतियों में बदलाव तथा नशाखोरी सम्बंधित अपराधों की रोकथाम पर भी बल दिया गया है.
•    इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल की पंजाब फ्रंटियर के 65 जवानों ने डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहन लाल की अध्यक्षता में जालंधर मुख्यालय से साइकिल रैली निकली. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरुकता फैलाना, समाज ने स्वास्थ्य के प्रति एवं नशाखोरी के खिलाफ सन्देश देना था.