महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में रहने वाले यहूदियों को अल्पसंख्यक दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 
•    यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया। इस फैसले से इन समुदायों के छात्रों को राज्य सरकार से छात्रवृत्ति हासिल करने और अपना शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने में मदद मिलेगी। 
•    आधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा मिलने के बाद यहूदियों को अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की तरह कई विशेषाधिकार मिलेंगे। 
•    यहूदियों के लिए अपनी शादी का पंजीकरण कराना आसान हो जाएगा। 
•    वे अपना शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और अपनी परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने में भी सक्षम होंगे। 
•    यहूदी 2300 साल से अधिक अवधि से भारत के समाज का हिस्सा हैं।
•    सरकार को नहीं पता यहूदियों की जनसंख्या
•    देश में और महाराष्ट्र में कितने यहूदी रहते हैं इस बारे में महाराष्ट्र अल्पसंख्यक विभाग की प्रधान सचिव जयश्री मुखर्जी ने कहा कि राज्य सरकार के पास समुदाय के कितनी संख्या में लोग महाराष्ट्र में रहते हैं इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। 
•    2001 की जनगणना के अनुसार भारत में रहने वाले यहूदियों की संख्या 4650 थी जिसमें से आधे से ज्यादा 2466 महाराष्ट्र में रहते थे।