बाल्टिमोर राष्ट्रीय एक्वेरियम ने 15 जून 2016 को डॉल्फिन के लिए एक अभ्यारण्य बनाने की घोषणा की. यह उत्तरी अमेरिका में इन समुद्री स्तनधारियों के लिए पहला अभ्यारण्य होगा.
अटलांटिक बॉटलनोज़ डॉल्फिन के इस एक्वेरियम को वर्ष 2020 तक खुले समुद्र में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. इन आठ डॉलफिनों में (छह मादा एवं दो नर) केवल एक ही अब तक खुले समुद्र में रहने की अनुभवी है. 
•    इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु फ्लोरिडा एवं कैरिबियन पर स्थान की तलाश की जा रही है.
यह पूरी तरह संरक्षित स्थल होगा जहां इन जानवरों की प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा देखभाल की जाएगी.
•    यह स्थल एक उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय स्थान पर स्थित होगा, यहां प्राकृतिक रूप से मछलियों, डॉल्फिन एवं समुद्री वनस्पति के लिए उपयुक्त स्थान होगा.
•    वर्षों से डॉल्फिन के व्यवहार पर हो रही रिसर्च एवं पशु अधिकार संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रीय एक्वेरियम को अभ्यारण्य में तब्दील किया जा रहा है. 
•    पशु अधिकार संगठनों द्वारा डॉल्फिन को वर्षों तक एक ही सीमित स्थान पर रखने के पर एक्वेरियम की आलोचना की गयी.
•    यह आमतौर पर समुद्र में पाई जाने वाली डॉल्फिन हैं, इनका रंग हल्का ग्रे एवं काला होता है.
•    इनकी लम्बाई 6 फीट (1.8 मीटर) से 12 फीट (3.6 मीटर) तक हो सकती है तथा इसका वजन 1400 पाउंड (635 किलोग्राम) तक हो सकता है.
•    इन आठ डॉल्फिनों में से एक, 1972 में जन्मीं नैनी, केवल इकलौती ऐसी डॉल्फिन है जो खुले समुद्र में पैदा हुई.
•    इन डॉल्फिनों ने कभी खुले समुद्र में विचरण नहीं किया न ही वर्षा आदि का अनुभव लिया है.
•    इन डॉल्फिनों को समुद्र में जीवन व्यतीत करने के गुण सीखने होंगे. वर्तमान दौर में समुद्र में प्रदूषण, शोर, जेलीफिश एवं लाल टाइड का भी खतरा काफी बढ़ गया है.
उन्हें इस विशाल क्षेत्र में जीवनयापन करने का अनुभव महसूस करना होगा.