भारतीय रिजर्व बैंक ने 13 जून 2016 को उन बड़ी परियोजनाओं के फंसे हुए कर्ज के निपटान के लिए नई योजना की घोषणा की. कर्ज के एक हिस्से को इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) की निगरानी समिति की देखरेख में इक्विटी या किसी अन्य वित्तीय उपकरण में बदला जाएगा.
•    दबाव वाली संपत्तियों के स्थिर पुनर्गठन (एस4ए) के लिए पेश की गई योजना के तहत वे परियोजनाएं आएंगी जिन्होंने परिचालन शुरू कर दिया है और उनपर बकाया कर्ज 500 करोड़ रुपए से अधिक का है.
•    एस4ए दबाव वाली बड़ी संपत्तियों के निपटान के लिए एक वैकल्पिक ढांचा है.
•    इसके तहत दबाव वाले कर्ज का सामना कर रहे एक कर्ज लेने वाले के स्थिर कर्ज स्तर के निर्धारण की बात है.
•    इसमें बकाए कर्ज का विभाजन स्थिर कर्ज और इक्विटी, अद्र्ध इक्विटी उपकरणों में किया जाना है.
•    इससे जब किसी स्थिति में ऋण लेने वाला उसे वापस करने से पलट जाए तो बैंक की स्थिति उसकी अपेक्षा थोड़ी मजबूत रहे.