बाजार नियामक सेबी ने भागीदारी पत्रों “पी नोट” के लिए कड़े ग्राहक को जानो “केवाईसी” तथा खुलासा नियम आज जारी किए। इसके तहत धन स्रोत व उसके उपयोगकर्ताओं का ब्योरा दिए बिना इन विदेशी व्युत्पन्न पत्रों का इस्तेमाल करना कठिन हो जाएगा।
•    कालेधन पर विशेष जांच दल एसआईटी ने यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया था कि इस माध्यम का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए नहीं हो।
•    बोर्ड द्वारा मंजूर प्रस्तावों को आगे बढाते हुए सेबी ने आज ओडीआई के लिए केवाईसी व खुलासा जरूरतों को कड़ा करने संंबंधी विस्तृत परिपत्र जारी किया। 
•    ओडीआई को आम में पी नोट कहा जाता है। विदेशी निवेशक इसकी मदद से भारतीय बाजारों में आसानी से तथा कम लागत में निवेश कर सकते हैं और इसमें उन्हें सीधे तौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के रूप में पंजीबद्ध भी नहीं होना पड़ता।
•    नये नियमों के तहत ओडीआई के सभी उपयोक्ताओं को भारतीय केवाईसी तथा मनी लांड्रिंग निरोधक कानूनों का पालन करना होगा भले ही वे किसी भी देश या न्यायिक क्षेत्र में आते हों।
•    इसी तरह ओडीआई जारी करने वालों को किसी भी संदिग्ध लेनदेन की जानकारी भारतीय वित्तीय आसूचना इकाई को देनी होगी।
•    मौजूदा व्यवस्था के तहत ओडीआई धारकों की जानकारी मासिक आधार पर सेबी को अनिवार्य रूप से देनी होगी।