ओडिशा में ट्रांसजेंडर (किन्नरों) समुदाय को सशक्त बनाने की पहल के तहत जून 2016 के पहले सप्ताह में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई पांच उप योजनाओं को लागू करने का निर्णय किया है. राज्य सरकार इन उपयोजनाओं को नवगठित अशक्त व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा एवं सशक्तिकरण विभाग के जरिए लागू करेगी.
•    विभाग ने ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को मान्यता प्रदान करने और उन्हें तीसरे लिंग के रूप में प्रमाणपत्र प्रदान करने से संबंधित एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है.
•    ओडिशा ट्रांसजेंडर लोगों को पेंशन, आवास और खाद्यान्न के रूप में सामाजिक कल्याण लाभ देने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया.
•    राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को मिलाने वाल्व सामाजिक कल्याण के सभी लाभ अब ट्रांसजेंडर समुदाय को देने हेतु ओडिशा राज्य सरकार ने पहल की है. राज्य सरकार द्वारा यह कदम उनके समग्र सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से किया गया है.
•    ट्रांसजेंडर समुदाय (किन्नरों) के सभी सदस्यों को बीपीएल कार्ड दिया जाएगा.
•    बीपीएल कार्ड से उन्हें विभिन्न सरकारी कल्याण कार्यक्रमों के तहत लाभ मोल सकेगा.
•    इन योजनाओं में मुफ्त आवास उपलब्ध कराने में शामिल हैं, प्रति वर्ष 100 दिनों के काम का भुगतान, अपने स्वयं के व्यवसाय शुरू करने हेतु ऋण और पेंशन.
•    ट्रांसजेडर (किन्नरों) उद्यमी को अपने कारोबार को बढ़ाने हेतु 5 लाख के ऋण पर सब्सिडी मिल जाएगी.
•    पेंशन योजना के तहत वृद् ट्रांसजेंडर को हर महीनें एक हजार रुपये की पेंशन डी जाएगी.
•    भारत के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत उन्हें प्रति महीने 5 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाएगा. 
•    उन्होंने बताया कि इसी तरह से मैट्रिक के बाद हॉस्टल में रहने वाले ट्रांसजेंडर छात्रों को साल में 10 महीने 1200 रुपये और अन्य को 550 रुपये प्रदान किए जाएंगें. 
•    ओडिशा सरकार राज्य के ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) हेतु अलग से बजट मुहैया कराएगा ताकि इन परियोजनाओं को लागू करने में कोई परेशानी न हो.