बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 जून 2016 को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन का शुभारम्भ किया.
•    कानून आवेदनों की गैर-अनुपालन में सख्त प्रावधान है.
•    कानून के प्रावधानों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया जायेगा या 500 रुपए से 5000 रुपए तक दंड लगाया जा सकता है.
•    राज्य सरकार के सभी 42 विभागों को नए अधिनियम के तहत कवर किया जाएगा.
•    सरकार ने प्रत्येक विभाग के साथ-साथ पहले और दूसरे अपीलीय अधिकारियों में एक शिकायत निवारण अधिकारी भी है.
•    जिन  शिकायतों का समाधान नहीं होगा, उससे संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को लिखित देना होगा. यदि संबंधित  व्यक्ति उस फैसले से संतुष्ट नहीं होगा तो वह अपील में जायेगा.
•    इस अधिनयिम के तहत चार प्रकार की शिकायतों को प्राप्त नहीं किया जायेगा. इसमें न्यायालय में लंबित मामले, सूचना के अधिकार कानून, लोक सूचनाओ के अधिकार अधिनियम के मामले और सरकारी सेवकों के सेवा से संबंधित मामले के तहत विचार नहीं किया जाएगा.