शोधकर्ताओं ने सौर ऊर्जा को तरल ईंधन में परिवर्तित करने के लिए 'बायोनिक पत्ती' का इस्तेमाल किया है। 
•    हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा के सबसे अक्षय भण्डारण के लिए इसे तरल ईंधन में परिवर्तित करने का एक रास्ता खोज लिया है। 
•    राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के शोधकर्ताओं ने सौर ऊर्जा को तरल ईंधन (हाइड्रोजन) में परिवर्तित करने के क्रम में फोटोवोल्टिक कोशिकाओं का इस्तेमाल किया है. 
•    उन्होंने पानी को ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में विभाजित करने के क्रम में सूरज की रोशनी का उपयोग वाली एक 'बायोनिक पत्ती' बनाई है। 
•    बैक्टेरिया राल्स्तोनिया यूत्रोफा, इस काम को अंजाम देता है और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ-साथ हाइड्रोजन का रूपांतरण सीधे उपयोग में आने वाले तरल ईधन, इसोप्रोपनोल में कर देता है। 
•    फिलहाल बायोनिक पत्ती के सहारे यह दक्षता अभी एक प्रतिशत की है जैसा कि प्रकृति में प्रकाश संश्लेषण से सौर ऊर्जा बायोमास में बदलती है. 
•    बायोनिक पत्ती के साथ, वैज्ञानिकों द्वारा यह दक्षता 5% तक पहुँचाने के प्रयास हो रहे हैं। शोधकर्ताओं का यह कदम ऊर्जा से भरपूर दुनिया बनाने की दिशा में मील का पत्थर है.
•    शोधकर्ता इस तकनीक को सहज और सुविधाजनक बनाने के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय में ऊर्जा के एक  प्रोफ़ेसर डेनियल नोसरा कड़ी मेहनत कर रहे हैं। 
•    उनके द्वारा किए गए कृत्रिम पत्ती के प्रयोग में प्रयुक्त सामग्री और उत्प्रेरक आसानी से उपलब्ध हैं. उनके द्वारा इस्तेमाल में लाये गए उत्प्रेरक जीवाणु के साथ अच्छी तरह से अनुकूलित कर गए हैं.