रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मझगांव डॉक लिमिटेड शिपबिल्डर्स मुंबई, महाराष्ट्र में अत्याधुनिक पनडुब्बी कार्यशाला का उद्घाटन किया।
•    ये उद्घाटन भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बी निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
•    ये इमारत करोड़ 153 रुपये की लागत से निर्मित संरचना है। 
•    यह एक साथ कई पनडुब्बियों के निर्माण को संभालने के लिए सक्षम है 
•    इस कार्यशाला में मलजल उपचार योजना, ग्रे जल उपचार संयंत्र, वर्षा जल संचयन, सीवेज, तेल पानी और भूरे रंग के पानी के उपचार के लिए क्रमश: तेल जल विभाजक संयंत्र, नगर निगम नालियों में शून्य निर्वहन जैसी कई विशेषताएं है।
•    पनडुब्बी एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। 
•    पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। 
•    पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। 
•    पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ।