मराठी के वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक और आलोचक आरजी जाधव का शुक्रवार को वैकुंठ श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 
•    जाधव का शुक्रवार सुबह ही 83 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया था। 
•    जाधव औरंगाबाद में वर्ष 2004 में हुए अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष बनाए गए थे।
•    महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2015 में उन्हें विंदा करंदीकर जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया था। 
•    उन्होंने कई पुस्तकें लिखी थीं, जिसमें 'आनंदाचा दोह', 'नीली पहाट' और 'बापू' कुछ प्रसिद्ध रचनाएं हैं। 
•    वह साधना ट्रस्ट से भी जुड़े रहे और डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के साथ काम किया था।
•    जाधव अपनी प्रखर लेखनी के लिए देशभर में मशहूर रहे.
•    सामाजिक चेतना, रजिनिक विफलताओं पर जैम कर लिखने वाले जाधव को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है .