केंद्र सरकार ने भारत में पहली बार पूंजीगत सामान उद्योग (कैपिटल गुड्स इंडस्ट्री) के लिए नीति का ऐलान किया है। 
•    कैबिनेट ने नेशनल कैपिटल गुड्स पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसका मकसद अगले दस वर्षो में इस उद्योग में निवेश को तीन गुना करने और लगभग सवा दो करोड़ रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
•    कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि इस उद्योग में अभी देश में कैपिटल गुड्स उद्योग का उत्पादन 2.30 लाख करोड़ रुपये है जिसे वर्ष 2025 तक बढ़ा कर 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में नए रोजगार के अवसर बनेंगे।
•    अभी इस उद्योग में तकरीबन 84 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है जबकि इस नीति का मकसद तीन करोड़ लोगों को रोजगार देने की है। 
•    निर्यात के मामले में भी सरकार ने काफी महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखे हैं। 
•    अभी कैपिटल गुड्स उद्योग के कुल उत्पाद का 27 फीसद निर्यात होता है जबकि पॉलिसी कहती है कि इसे बढ़ा कर 40 फीसद किया जाएगा। 
•    यह नीति सरकार की मेक इन इंडिया के तहत ही लागू होगी। 
•    कैपिटल गुड्स उद्योग को बढ़ावा देने से भारत में तेजी से औद्योगिकीकरण को बल मिलेगा।