बैंकों को एनपीए के लिए प्रोवजनिंग बढ़ाने यानी पूंजी प्रावधान में इजाफा करने के कारण काफी नुकसान हो रहा है। इसी प्रावधान के चलते सार्वजिनक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक को जनवरी-मार्च तिमाही में 5,367 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है, जो देश के बैंकिंग के इतिहास में किसी बैंक को पहली बार इतना भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 

•    पूर्व में विश्लेषकों ने बैंक को इस तिमाही में 81 करोड़ रुपए के लाभ का अनुमान जताया था। 
•    मार्च के अंत तक सकल एनपीए बढ़कर 12.90 प्रतिशत हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 6.55 प्रतिशत था। 
•    शुद्ध एनपीए भी बढ़कर 8.61 प्रतिशत हो गया जो 2015-16 की चौथी तिमाही में 4.06 प्रतिशत था। पूरे वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान पीएनबी को 3,974.39 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान हुआ
•    वैल्यू के आधार पर बात करें तो नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स का आंकड़ा 55,818 करोड़ रुपए हो गया, जबकि तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 34,338 करोड़ रुपये था। 
•    आरबीआई की ओर से प्रोवजनिंग के आदेश के बाद बैंक ने 10,490 करोड़ रुपए को बैड एसेट्स में डाल दिया है। 
•    पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 3,448 करोड़ रुपए था। दिसंबर में समाप्त हुई तिमाही के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा को भी 3,342 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ था।