लोकसभा ने बहुचर्चित पूरक वनरोपण निधि विधेयक, 2015 को पारित कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर एवं राज्यों में पूरक वनरोपण निधि स्थापित करने के लिए इस विधेयक की जरूरत है। 
•    सांसदों ने पार्टी स्तर से ऊपर उठकर इस विधेयक का समर्थन किया था। 
•    इस विधेयक से वनभूमि के लिए करीब 41 हजार करोड़ रुपये निश्चित की गई राशि के इस्तेमाल का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जो खर्च नहीं हो पाने की वजह से इसी तरह पड़ा हुआ है। 
•    वनरोपण कार्यक्रम की विशेषता जनभागीदारी, सामाजिक अंकेक्षण होगी और किसी तरह का विस्थापन नहीं होगा।
•    विदेशी पौधों के अलावा स्थानीय प्रजातियों पर जोर दिया जाएगा।
•    इस निधि से क्षतिपूरक वनरोपण को प्रोत्साहन मिले। राष्ट्रीय निधि में इसकी 10 फीसदी राशि मिलेगी, जबकि 90 फीसदी राशि राज्य निधि में जाएगी। 
•    इन राशियों को मुख्य रूप से वन आच्छादित क्षेत्र को हुए नुकसान की भरपाई के लिए वन लगाने पर, वन के पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार, वन्यजीव संरक्षण और संरचनागत विकास पर खर्च किया जाएगा।
•    पूरक वनरोपण निधि विधेयक से बनने वाले नए कानून के प्रावधानों के तहत यह राज्य के लिए केवल वन बजट नहीं । 
•    अन्य सदस्यों के अलावा बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्र ने इस विधयेक की सराहना की।